शिवसेना ने बीजेपी को दी चेतावनी, किसानों की कर्ज माफी को ठीक से लागू नहीं किया तो सरकार को कर देंगे बेनकाब
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने सहयोगी दल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि जीएसटी और नोटबंदी समेत कई मुद्दों को लेकर उनका भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार से विश्वास उठ गया है।
महाराष्ट्र में बीजेपी और एनडीए में उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना के रार खत्म होते हुए नहीं दिखाई दे रही है। शिवसेना ने राज्य की बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा, “बीजेपी के अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार अगर किसानों की लोन माफी योजना को ठीक से लागू नहीं कर पाती है तो उनकी पार्टी (शिवसेना) सरकार को उजागर करने में जरा भी शर्म नहीं होगी।” राज्य में काबिज सत्तारुढ़ गठबंधन में सहयोगी शिवसेना के सुप्रीमो ठाकरे ने दावा किया कि कर्ज माफी की मांग सबसे पहले हमारे संठगन ने की थी और इस बात को उठाया था कि महाराष्ट्र किसानों द्वारा आत्महत्या करने के मामले में शीर्ष पर है। वह शिवसेना ही जिसने किसानों के कर्ज माफ करने की आवाज सबसे पहले उठाई थी, जब शरद पवार केंद्रीय कृषि मंत्री थेय़
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में दिए इंटरव्यू में पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि किसानों की आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है और दुर्भाग्य से अभी भी सर्वोच्च स्थान पर बना हुआ है। यह ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां हमारे राज्य को शीर्ष में होना चाहिए था। इसलिए किसनों को कर्ज मुक्त करना मेरी मांग थी। “मैंने एक आंदोलन के हिस्से के रूप में शिवसेना के कार्यकर्ताओं से बैंक के बाहर ड्रम पीटने को कहा है और लाभार्थियों की सूची प्रदर्शित करने के लिए कहा है। अगर लोन माफी स्कीम को लागू करने में सरकार नाकाम रहती तो हम उसको उजागर करने में शर्म नहीं करेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 24 जून को प्रदर्शन कर रहे किसानों का 34,022 करोड़ का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने सहयोगी दल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि जीएसटी और नोटबंदी समेत कई मुद्दों को लेकर उनका भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार से विश्वास उठ गया है। वस्तु एवं सेवा कर लागू किए जाने से नाराजगी के सवाल पर ठाकरे ने कहा, “नाराजगी? यह पूरी तरह गड़बड़झाला है। हम चुप नहीं रहेंगे। हमने ही सबसे पहले इस बात को उठाया था कि जीएसटी से लोग कैसे प्रभावित होंगे। अब उन्हें ही फैसला करना है कि इसे सहें या इससे लड़ें। देखिए, गुजरात में छोटे व्यापारी जीएसटी के विरोध में सड़कों पर उतर आए तो उन्हें बेरहमी से पीटा गया।” ठाकरे ने कहा, “हमने जीएसटी का विरोध किया था, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में सब कुछ ‘केंद्रीकृत हो गया है। क्या यह असल में लोकतंत्र हैं? यह पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी द्वारा जमीनी स्तर पर लागू किए गए पंचायती राज के बिल्कुल विपरीत है।”
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