जीतन राम मांझी को सीएम बना लालू करें सरकार बनाने की पहल

477 By 7newsindia.in Thu, Jul 27th 2017 / 04:41:02 बिहार     

नवल किशोर, 

पटना । वहीं हुआ जो भाजपा चाहती थी। आखिरकार नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफ़ा दे ही दिया। बार-बार इस्तीफ़ा देने में माहिर नीतीश कुमार ने आखिरी बार तब इस्तीफ़ा दिया था जब 2014 में लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के मुकाबले तिनके के समान हवा में उड़ गये थे। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद उन्होंने सत्ता जीतन राम मांझी के हाथ में सौंप दी थी, लेकिन उनसे जीतन राम मांझी की लोकप्रियता बर्दाश्त नहीं हुई और परिणाम यह हुआ कि उन्हें गद्दी से हटाकर खुद सीएम बन गये। अभी तक के राजनीतिक व्यवहार से यह बात साफ़ होती है कि नीतीश कुमार तेजस्वी की बढती लोकप्रियता सहन नहीं कर पा रहे थे। कदापि यह भी संभव है कि 2019 में पीएम बनने का उनका सपना पहले ही टूट गया। लिहाजा उनके पास अपनी कुर्सी सुरक्षित रखने के लिए तेजस्वी को बाहर करना जरुरी था। वे जानते थे कि तेजस्वी के नेतृत्व में राजद एकजुट है। इसलिए उन्होंने महागठबंधन से ही खुद को अलग कर लिया। अब उनके पास भाजपा का समर्थन लगभग हासिल हो चुका है। यह संभव है कि भाजपा उनके साथ मिलकर सरकार बनाये। लेकिन राजद सबसे बड़ी पार्टी है और उसके पास कांग्रेस के 27 विधायकों के अलावा 3 वामपंथी विधायक भी हैं। लिहाजा राजद 111 विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर सकता है। इस पूरे राजनीतिक उठापटक के बीच सवाल यह है कि यदि राजद सरकार बनाने का दावा करे तो मुख्यमंत्री कौन होगा। राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से जीतन राम मांझी सबसे बेहतर उम्मीदवार दिखते हैं। यदि वे सीएम बनते हैं तो यह नीतीश कुमार के लिए भी बड़ी हार होगी और सामाजिक न्याय के साथ दलितों का विश्वास भी पुख्ता होगा।

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