बिहार में फिर दुहराया गया महाप्रलय

444 By 7newsindia.in Wed, Aug 16th 2017 / 05:17:01 बिहार     

नवल किशोर कुमार

पटना : बाढ़ बिहार की नियति बन चुकी है। हर साल बाढ़ के कारण अरबों रुपए की आर्थिक क्षति तो होती ही है, जान-माल का भी नुकसान होता है। एक बार फिर बाढ़ के कारण राज्य के 21 जिले प्रभावित हो चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा जारी जारी की गयी अधिकारिक सूचना के मुताबिक अबतक 47 लोगों की जानें जा चुकी हैं। इनमें 19 बच्चे शामिल हैं। सबसे दुखद घटना किशनगंज जिले में घटित हुई जब बाढ़ में चार बच्चे डूब गये और लोगों ने किसी तरह उन्हें बाहर निकाला लेकिन कोई साधन नहीं होने के कारण उनके परिजन बांस में टांगकर अस्पताल में ले जाने के क्रम में उनकी मौत हो गयी। हालांकि सरकारी अधिकारियों द्वारा इस घटना की पुष्टि नहीं की गयी है। नालंदा में भी चार बच्चों के डूबने से मौत की खबर मिली है। सबसे अहम तथ्य यह है कि राज्य में बाढ़ आयेगी, प्रदेश सरकार इस तथ्य को भलीभांति जानती थी। 5 अगस्त 2017 को ही राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग ने अपने बुलेटिन में इस आशय की जानकारी सार्वजनिक किया था कि अधवारा समूह की नदियों में जल प्रवाह में अप्रत्याशित रूप से तेजी हो रही है। वहीं कोसी नदी नदी के बारे में भी आगाह किया गया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में कोसी के पूर्वी अफलक्स बांध के क्षतिग्रस्त होने की सूचना जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों द्वारा एक सप्ताह पहले ही दी गयी थी लेकिन तब सरकार ने बांध को टूट जाने दिया था और परिणाम महाप्रलय के रूप में सामने आया था। हालांकि इस संदर्भ में राज्य सरकार ने बाद में जस्टिस राजेश वालिया की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था जिसने अपनी रिपोर्ट में सरकार को क्लीन चिट दिया। बहरहाल,  बिहार में बाढ़ की सूचना रहते हुए राज्य सरकार ने प्रभावित इलाकों में लोगों को आगाह करना उचित नहीं समझा। परिणाम उत्तर बिहार के लोग भुगत रहे हैं।

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