21वीं सदी में भी लोग कर रहे है अंधविश्वास पर भरोसा
सौरभ कुमार ,
पूर्णिया : आज 21वीं सदी में भी लोग अंधविश्वास पर भरोसा करते हैं। जिससे कभी-कभी उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है, फिर भी अंधविश्वास के खेल से उनका भरोसा नहीं उठता। कुछ इसी तरह के अंधविश्वास के खेल का मामला बिहार के पूर्णिया जिले में देखने को मिला। जहां नदी में डूबने के कारण दो लड़कों की मौत हो गई थी। मौत के बाद परिजन उसे दफनाने के लिए श्मशान ले जा रहे थे तभी वहां कुछ ओझा पहुंचे और उसे पुनर्जीवित करने की बात बताई। जिसे सुनने के बाद परिजनों में आस जगी और ओझा की बातों में आकर उन्होंने बीच सड़क पर दोनों की लाश को रख दिया। फिर ओझा के अंधविश्वास का खेल शुरू हुआ और घंटों तक चला। इस दौरान सैकड़ों ग्रामीण ओझा के ड्रामे को देख रहे थे तो मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस भी उसे रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। कई घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद जब दोनों मृत जीवित नहीं हो पाए तो डायन का बहाना बनाते हुए ओझा वहां से निकल गया। मामला पूर्णिया जिले के टीकापट्टी का है जहां दो दोस्त गरीब घाट की नदी में नहाने गए थे। नहाने के दौरान नदी में उनका संतुलन खो गया और वो दोनों डूब गए। दोनों लड़कों के डूबने की खबर जैसे ही गांव वालों ने सुनी तो नदी की तरफ दौड़े और दोनों को नदी से बाहर निकाला। इसके बाद इलाज के लिए उसे रूपौली रेफरल अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के द्वारा मृत घोषित करने के बाद गमगीन परिजन उनकी लाश को लेकर श्मशान की तरफ निकल पड़े। जहां रास्ते में कुछ साधू मिले और उसे फिर से जिंदा करने की बात कही। मायूस परिजन ढोंगी तांत्रिकों के चक्कर में पड़ गए और दोनों लड़कों की लाश को उसके हवाले कर दिया। जहां बीच सड़क पर रखकर लगभग कई घंटों तक अंधविश्वास का खेल खेला गया लेकिन जब लाश जिंदा नहीं हुई तो सभी डायन की बात बताते हुए वहां से निकल गए। जब ढोंगी के द्वारा अंधविश्वाश का खेल खेला जा रहा था तो सैकड़ों लोग उपस्थित थे। इसी वजह से सड़क जाम हो गई थी। जब इस बात की सूचना नजदीकी थाने में प्राप्त हुई तो पुलिस भी वहां पहुंची लेकिन इस अंधविश्वास के खेल को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
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