आवासीय मगध पब्लिक स्कूल में धूमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस

795 By 7newsindia.in Tue, Sep 5th 2017 / 09:41:03 बिहार     
अजय कुमार , संवाददाता , 
राजगीर : नालंदा जिले के राजगीर स्थित आवासीय मगध पब्लिक स्कूल के प्रांगण में शिक्षक दिवस के मौके पर धूमधाम से डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती मनाई गई। शिक्षकों एवं छात्रों ने डा0 सर्वपल्ली राधा कृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण किया। विधालय के प्राचार्य कृष्ण मुरारी प्रसाद ने कहा कि डा0 सर्व पल्ली राधा कृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान किया है उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डाला गया। शिक्षा के माध्यम से समाज और राष्ट्र की बेहतरी के दिए गए उनके मंत्र को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया। विधालय के प्राचार्य कृष्ण मुरारी प्रसाद ने छात्रों एवं शिक्षकों की एक सभा आयोजित कर शिक्षकों के अधिकार से अधिक कर्तव्य पर चर्चा की और विधालय के तमाम शिक्षकों को उनका कर्तव्य बोध कराया। इस मौके पर छात्रों ने अपने - अपने वर्ग शिक्षक को सम्मानित किया और शिक्षकों से आशीर्वाद लिए। कृष्ण मुरारी ने कहा कि शिक्षक की पहचान विधार्थी से होती है। बच्‍चों को बनाने में मां और शिक्षक का योगदान होता है। उन्‍होंने कहा कि मां जन्‍म देती है और गुरु जीवन देता है। आज का यह वक्‍त शिक्षकों को स्‍मरण करने का है। मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे राजगीर के प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव रंजन कुमार ने कहा कि शिक्षक की सिखाई बात जीवनभर याद रहती है। शिक्षक और विधार्थी के बीच अपनत्व होना चाहिये। विधार्थी सबसे अधिक समय शिक्षक के साथ बिताते हैं। शिक्षक बच्चों में संस्कार गढ़ते है। एक कुम्हार की तरह वह बच्चों का जीवन संवारते है। एक सफल आदमी के पीछे शिक्षक का हाथ होता है। डॉ. कलाम का जिक्र करते हुए उन्होनें कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त होते ही पढ़ाना शुरू कर दिया था।  महाभारत व रामायण काल से चली आ रही गुरू शिष्य की परंपरा आज भी कायम है। गुरू व शिष्य की गाथाएं अब भी प्रासंगिक है। गुरू बिन ज्ञान की गाथा को 21वीं सदी में भी दोहराया जा रहा है। आज भी बेहतर भविष्य की नींव रखने में गुरू शिष्यों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। तभी तो आधुनिक दौर में भी शिष्यों में गुरूजनों के प्रति आपार आदर भाव है। शिक्षक दिवस को लेकर शिक्षकों का कहना है कि समाज में गुरूजनों का एक विशेष दर्जा है। गुरू ही स्वयं जलकर समाज को रोशन करता है और एक शिष्य को भविष्य व जीवन का मकसद बताने में उसका मार्गदर्शन करता है। विधालय के निदेशक पुष्पा कुमारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरू और शिष्य का नाता बहुत महत्वपूर्ण होता है। बिना गुरू के ज्ञान संभव नहीं होता,  इसलिए विद्यार्थियों को गुरू की महिमा को नहीं भुलाना चाहिए।  इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक उमाकांत सिंह , सुनील कुमार, पुष्पा कुमारी , रणजीत कुमार , मंटू राज , पूजा , करुणा , सीमा , श्वेता , शोभा , ज्योति , शशिराज उपाध्याय सहित सभी छात्र - छात्राएं मौजूद थे।  

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