8 से जादू का मायाजाल : रीवा में जादूगर आनंद का होगा आखिरी शो, 36 देशों में दिखा चुके हैं जादू का कारनामा
रीवा। जादूगर आनंद ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि तीन सालों में रीवा काफी बदल चुका है और मेरा तो 45 वर्षों से रीवा से लगाव है। तीन वर्ष पूर्व के शो में मैं रीवा आने का वायदा किया था। उसी वायदे को पूरा करने आया हू़ं और अब मेरा यह रीवा में आखिरी शो है। इसके साथ ही पूर्व के आयोजन में हुए जादू के खेल से इस बार आपको और नया बेहतर देखने को मिलेगा। विश्व के महान जादूगरों में एक आनंद जादूगर का जन्म 3 जनवरी 1952 को जबलपुर मध्यप्रदेश में हुआ था और वह अपने जीवन के 7वें वर्ष से ही जादूगर कहलाने लगे थे। वास्तविक मेहनत 1978 में रंग लाई, जब वह 18 वर्ष की अल्प आयु में पानी से छुटकारा जादू करके वल्ड रिकार्ड बनाया।
8 से जादू का मायाजाल : रीवा में जादूगर आनंद का होगा आखिरी शो, 36 देशों में दिखा चुके हैं जादू का कारनामा
इसके साथ ही आंख में पट्टी बांधकर भोपाल से इंदौर तक 200 किमी की दूरी 180 मिनट में तय कर कीर्तमान रचा। साथ ही वह अब तक में 33000 शो विभिन्न देशों अमेरिका, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका सहित 36 देशों में कर चुके हैं। जादूगर आनंद को 1978 में स्वर्ण पदक देकर विश्व का सर्वश्रेष्ठ जादूगर घोषित किया जा चुका है। इसके अलावा 1982 में मोंट्रियल में 150 देशों के वियात जादूगरों के बीच कठिन स्पर्धा में मैगी आफ द ईस्ट पदक से भी नवाजा जा चुका है।
आंख में पट्टी बांधकर करेंगे शहर भ्रमण
गुरुवार को जादूगर आनंद समदडिय़ा होटल से आंख में पट्टी बांधकर बाइक से शहर का भ्रमण करने निकलेंगे। इस संबंध में उन्होंने कहा कि यह एक जादू नहीं है, बल्कि यह समाज को एक संदेश देने एवं जागरुक करने की पहल है। आज तक कभी भी किसी अंधे की दुर्घटना में मृत्यु नहीं हुई है, तो फिर जब हमारे पास ईश्वर की दी हुई दो आंखे हैं, तो यों न हम सहलकर चलें। यदि मेरे इस पहल से दो चार लोग भी सहल गए तो मेरा किया प्रयास सार्थक होगा। जादूगर आनंद ने रीवा में होने वाले अपने इस आखरी शो को देखने के लिए लोगो से अपील भी की है।