बिहार में जंगलराज : लाशों का व्यापार

464 By 7newsindia.in Sun, Sep 17th 2017 / 19:19:21 बिहार     

नवल किशोर कुमार
बिहार में सचमुच जंगलराज है. कल पटना के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज एनएमसीएच में यह मामला उजागर हुआ है. मामला लाशों के व्यापार से जुड़ा है. सारा कारोबार अरबों करोड़ों का नहीं लेकिन लाखों का जरूर है. दरअसल होता यह है कि सरकारी अस्पतालों में लावारिस मरीजों के मृत्यु पर उपरांत उनके शव को मेडिकल कॉलेज में छात्रों को पढ़ाई के लिए रखा जाता है. ऐसा करना मेडिकल के छात्रों के लिए जरूरी है. हालांकि लावारिस लाशों की अंत्येष्टि के लिए कानून भी हैं और कानून के मुताबिक अंत्येष्टि उनका अधिकार है. खैर , तकरीबन 4 साल पहले मैंने एक स्टोरी की थी. पीएमसीएच की लावारिस वार्ड में इलाजरत लोगों के उपर. इस स्टोरी के दौरान मैंने तत्कालीन सुप्रीटेंडेंट से जानकारी मांगी की पिछले 2 वर्षों में कितने लावारिस मरीज आए और कितने स्वस्थ होकर अस्पताल से जिंदा बाहर निकले. मेरा सवाल उन्हें तब माकूल नहीं लगा था सो कह दिया कि सारे आंकड़े अभी उनके पास नहीं हैं, बाद में ले लीजिएगा. मैं समझ गया था. फिर बाद में मैंने आरटीआई से जानने की कोशिश की. आज तक यह मामला उलझा हुआ है.
उन्हीं दिनों उन्हीं दिनों मुजफ्फरपुर में लाशों के बेचने की खबर आई थी. खबर कल भी आई. मेरा सवाल उससे बड़ा है. मुझे इस बात का शक है कि पीएमसीएच व एनएमसीएच में मानव अंगों का व्यापार किया जाता है. मैं चाह कर भी इसकी पुष्टि नहीं कर सकता क्योंकि लावारिस वार्ड में मरने वालों की मेडिकल हिस्ट्री हासिल करने का अब तक का मेरा प्रयास निष्फल साबित हुआ है. अब तो पटना से भी दूर हूं. यह विचार इसलिए साझा कर रहा हूं ताकि पटना में मेरे पत्रकार मित्र यदि मेरी मदद करें तो इंसानियत के लिहाज से एक बड़ा उद्भेदन किया जा सकता है.

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