BHU बवाल: कमिश्नर ने रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को बताया जिम्मेदार.....

517 By 7newsindia.in Tue, Sep 26th 2017 / 15:13:46 कानून-अपराध     

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में स्टूडेंट्स पर किए गए लाठीचार्ज के मामले की जांच रिपोर्ट में कमिश्नर ने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को जिम्मेदार बताया है। वहीं, वाइस चांसलर (वीसी) ने लाठीचार्ज की बात को झूठा करार दिया है। इस संबंध में उन्होंने एक लेटर जारी किया है। बता दें कि यूनिवर्सिटी में आर्ट्स फैकल्टी की एक लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि शोर मचाने पर भी 20 मीटर दूर खड़े सिक्युरिटी गार्ड्स ने कोई मदद नहीं की थी। वार्डन और चीफ प्रॉक्टर से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके विरोध में यूनिवर्सिटी की लड़कियां शुक्रवार से धरने पर बैठ गईं। शनिवार देर रात उन पर लाठीचार्ज किया गया। इसके बाद स्टूडेंट्स ने कैम्पस में जमकर बवाल किया। हंगामे के चलते डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने बनारस के सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में सोमवार से 2 अक्टूबर तक छुट्टी का एलान कर दिया है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इस मामले को संवेदनशील तरीके से नहीं लिया। स्थिति को संभालने की वक्त पर कोशिश की गई होती तो हालात ऐसे नहीं बनते।
- उधर, वीसी ने एक लेटर जारी कर यूनिवर्सिटी कैम्पस में हुई लाठीचार्ज की घटना को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है।
- उनका कहना है कि किसी भी स्टूडेंट पर लाठीचार्ज नहीं किया गया। कार्रवाई उन पर की गई जो कैम्पस में यूनिवर्सिटी की प्रॉपर्टी को आग लगा रहे थे।
अब तक 5 अफसरों पर गिरी गाज
- सोमवार को पांच अफसरों पर गाज गिरी। यूपी सरकार ने तीन सिटी मजिस्ट्रेटों को हटा दिया है। एक थाना प्रभारी को लाइन अटैच किया गया। वहीं, सर्कल ऑफिसर (सीओ) का तबादला कर दिया गया है।
- छात्राओं पर लाठीचार्ज को लेकर हुए विरोध के बाद एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार सिंह, मजिस्ट्रेट सुशील कुमार और मजिस्ट्रेट जगदंबा प्रसाद सिंह को हटा दिया गया है।
- इनके अलावा एसएसपी आरके भारद्वाज ने लंका इलाके के थाना प्रभारी राजीव सिंह को लाइन अटैच कर दिया है। भेलूपुर के सीओ विनय कटियार का तबादला कर दिया। उनकी जगह डीएसपी एपी सिंह को तैनात किया गया है। यूनिवर्सिटी कैम्पस में अभी भी तनाव का माहौल है।
क्या है मामला?
- विवाद की शुरुआत 21 सितंबर को हुई। आरोप है कि आर्ट्स फैकल्टी की एक स्टूडेंट के साथ तीन लड़कों ने छेड़छाड़ की।
- लड़कियों का कहना है कि इस घटना की शिकायत वार्डन और चीफ प्रॉक्टर से करने पर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। उलटे, लड़कियों को रात में होस्टल से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई।
- इस घटना के विरोध में सैकड़ों गर्ल्स स्टूडेंट्स सिक्युरिटी की मांग को लेकर 22 सितंबर की सुबह से धरने पर बैठ गईं।
- शनिवार की रात वे वाइस चांसलर (वीसी) जीसी त्रिपाठी से बात करने के लिए कैम्पस में स्थित उनके बंगले पर पहुंचीं। उनके साथ कई ब्वाय स्टूडेंट्स भी थे।
- उन्हें रोकने की कोशिश नाकाम होने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें एक लड़की समेत तीन स्टूडेंटस जख्मी हुए थे। बाद में स्टूडेंट्स ने कैम्पस में जमकर तोड़फोड़ की। कुछ टू-व्हीलर्स में आग लगा दी गई।
कैम्पस में अभी भी पुलिस फोर्स तैनात
- पुलिस ने इस मामले में रविवार देर रात करीब 1000 स्टूडेंट्स के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उनकी तलाश की जा रही है। 
- इसके लिए पुलिस की कई टीम बनाई गई हैं। बीएचयू कैम्पस में सुरक्षा के मद्देनजर अभी भी भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है।
विवाद पर मोदी ने योगी से की बात
- इस मामले में सोमवार को नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ से बातचीत की। 
- योगी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने वाराणसी के कमिश्नर से मामले में रिपोर्ट मांगी है।
वीसी ने कहा- हाई लेवल कमेटी देगी एक हफ्ते में रिपोर्ट
- बीएचयू के वीसी ने मामले की मोरल रिस्पॉन्सबिलिटी ली है। उन्होंने कहा- ''मैं छात्राओं के प्रोटेस्ट में जाकर उनसे मिलना चाहता था। मुझे पता चला कि वहां मदनमोहन मालवीय का अपमान हो रहा है और बाहरी लोग धरना-प्रदर्शन में शामिल हैं। इसलिए मैं वहां नहीं गया। हमने इस घटना की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई है, जो इसकी पूरी रिपोर्ट एक हफ्ते में देगी।''
पुलिस ने राज बब्बर-तीस्ता सीतलवाड़ को लिया था हिरासत में
- छात्राओं पर लाठीचार्ज के बाद रविवार को यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर सपोर्टर्स के साथ धरने पर बैठी लड़कियों से मिलने और पीस मार्च में शामिल होने बीएचयू जा रहे थे। गि‍लट बाजार बाइपास पर पुलिस ने उन्हें रोका तो वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया गया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। 
- वहीं, सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ सोमवार को बनारस पहुंची, जहां पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। तीस्ता सीतलवाड़ को करीब 10 घंटे तक पुलिस लाइन में रखने के बाद उन्हें देर शाम रिहा किया गया।

 

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