नीतीश जान चुके हैं अपना राजनीतिक अंत

494 By 7newsindia.in Sat, Sep 30th 2017 / 08:23:14 बिहार     

नवल किशोर कुमार
पटना :  परजीवी बन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पिछले 12 वर्षों से चिपके रहने वाले नीतीश कुमार ने हाल ही में बड़े इमोशनल ढंग से कहा कि यदि उनकी मृत्यु हो जाय तो जदयू का क्या होगा। उनके इस बयान को कई तरीके से विश्लेषित की जा रही है। कई राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि यह नीतीश की महानता का प्रतीक है। उन्होंने अपने किसी परिजन को अपना राजनीतिक उत्तराधिाकारी नहीं बनाया है और परिवारवाद के खिलाफ पूरे देश में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। वहीं कई यह भी मानते हैं कि नीतीश का यह नया ढोंग है। ढोंग इसलिए कि वे समझ चुके हैं कि भाजपा में समाहित होने के बाद जदयू का अपना कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। अब उसका खात्मा निश्चित हो चुका है। इस पूरे मामले को समझने का एक और दृष्टिकोण है। वह यह कि नीतीश कुमार भले ही यह स्वीकार कर चुके हैं कि राजद को छोड़ भाजपा के साथ जाकर उन्होंने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। लेकिन अब क्या हो सकता है। लिहाजा वे क्राइसिस मैनेजमेंट में लगे हैं। इस क्रम में उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी सभी लोकसभा क्षेत्रों में अपना सांगठनिक ढांचे को मजबूत बनायेगी। इसकी वजह यह कि भाजपा आज की तारीख में जदयू से बड़ी पार्टी बन चुकी है। वह जदयू को पांच से दस सीट से अधिक नहीं देगी। लिहाजा जदयू का खात्मा होना ही है और साथ ही नीतीश कुमार का भी।

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