मप्र के वारंटी राज्यमंत्री को 5 वीं बार भी नहीं तलाश पाई पुलिस !
भिण्ड / सर्वेश त्यागी
मध्यप्रदेश सरकार के राज्यमंत्री और गोहद से विधायक लालसिंह आर्य इलाके के प्रतिष्ठित नागरिक हैं। वो फरार भी नहीं हुए हैं। राजनीतिक कार्यक्रमों में हमेशा मौजूद रहते है, बावजूद इसके भिंड पुलिस उनके खिलाफ जारी हुआ वारंट तामील नहीं करा पा रही है। यही कारण है कि मंत्री कोर्ट में पेश नहीं हो रहे और कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड की सुनवाई शुरू नहीं हो पा रही है। राज्यमंत्री लालसिंह आर्य के खिलाफ 25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी है।
कोर्ट में पुलिस ने लिखकर दिया है मंत्री आर्य बंगले पर नहीं मिले। विशेष कोर्ट ने अब 5 दिसंबर तारीख तय की है और मंत्री आर्य के खिलाफ 6वीं बार 25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। खास बात यह है मंत्री आर्य रविवार को दंदरौआ धाम में भागवत कथा में और उसके बाद भिंड आएंगे। पुलिस चाहे तो वारंट तामील करा सकती है।
यह है पूरा मामला।
गोहद के छरेंटा गांव में 13 अप्रैल 2009 को रात 8 बजे गोहद से कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विधायक हत्याकांड में पुलिस ने सुरक्षा गार्ड शिवराज सिंह की रिपोर्ट पर आरोपी नारायण शर्मा, शेरा उर्फ शेर सिंह, पप्पू उर्फ मेवाराम, सेठी कौरव, गंधर्व सिंह, केदार सिंह, तेजनारायण शर्मा (मृत्यु हो चुकी), रामरूप सिंह गुर्जर को आरोपी बनाया था।
स्पेशल कोर्ट ने पहले 19 मई को श्री आर्य को माखन हत्याकांड में आरोपी बनाया था, लेकिन मंत्री आर्य हाईकोर्ट गए तो हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दोबारा से सुनवाई के लिए कहा। इस दौरान मंत्री आर्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने भिंड कोर्ट के फैसले को सही माना। इससे 24 अगस्त को भिंड की स्पेशल कोर्ट ने राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य को आरोपी बनाते हुए 25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया था। मंत्री आर्य के वकील की ओर से कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने 31 अक्टूबर को निरस्त कर दिया था और पेशी के लिए 10 नवंबर की तारीख तय की थी, लेकिन मंत्री आर्य शुक्रवार को भी कोर्ट में पेश नहीं हुए।
हाईकोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत।
19 मई 2017 को भिंड की विशेष कोर्ट ने मंत्री आर्य को कांग्रेस विधायक माखन जाटव की हत्या में आरोपी बनाया।
भिंड की विशेष कोर्ट के आदेश के खिलाफ मंत्री आर्य ग्वालियर हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट ने भिंड कोर्ट का आदेश निरस्त किया।
ग्वालियर हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री आर्य को सुनवाई का अवसर दें फिर नए सिरे से आदेश पारित करें।
ग्वालियर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंत्री आर्य ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अर्जी दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री आर्य की अर्जी खारिज की और भिंड कोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
24 अगस्त को भिंड कोर्ट ने मंत्री आर्य को दोबारा मुलजिम बनाते हुए 25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया।
मंत्री आर्य हाईकोर्ट ग्वालियर गए। गिरफ्तारी पर स्टे मांगा, लेकिन कोर्ट ने स्टे आवेदन खारिज किया। हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली।
31 अक्टूबर को भिंड की विशेष कोर्ट ने अग्रिम जमानत का आवेदन खारिज कर दिया। 10 नवंबर की पेशी लगाई थी, लेकिन पुलिस मंत्री आर्य को कोर्ट में पेश नहीं कर पाई।