राजगीर महोत्सव के कवि सम्मलेन में नालंदा के एक भी कवियत्री का नाम नहीं

542 By 7newsindia.in Sat, Nov 25th 2017 / 07:56:33 बिहार     

राजगीर : राजगीर महोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी है। प्रशासनिक स्तर पर सारा महकमा इस महोत्सव को सफल बनाने पर जुटा हुआ है। बार -बार महीनों से यह भी घोषणा की जाती रही है कि महोत्सव में स्थानीय प्रतिभाओं को मौका दिया जाऐगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। कितनी अजीब बात है कि राजगीर महोत्सव में विगत दो वर्षों से कवि सम्मेलन के आयोजन में.राजगीर के एक भी कवि और कवयित्री का नाम शामिल नहीं है, जबकि यहां के कवियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। साहित्य समाज को एक दिशा देता है , साथ ही स्वस्थ परंपराओं के विकास में योगदान देता है। यह संस्कृति ,इतिहास और परंपराओं का संवाहक है, किन्तु साहित्य के क्षेत्र में भी घृणित राजनीति और चाटूकारिता का समावेश होना साहित्य की स्वस्थ परंपरा के लिए खतरनाक है। स्थापित रचनाकारों को कवि सम्मेलन में स्थान न देना चयनकर्ताओं की ओछी मानसिकता को दर्शाता है, जबकि सच्चाई तो यह है कि राजगीर के रचनाकारों के प्रयास से ही पहली बार 2014 के.राजगीर महोत्सव में कवि सम्मेलन का आयोजन तत्कालीन जिलाधिकारी के सहयोग से किया गया था। वर्ष 2015 में भी स्थानीय रचनाकारों की काफी सहभागिता थी, किन्तु 2016 से स्थितियाँ बदल.गई। इस आयोजन में व्यवस्था की सड़ांध स्पष्ट दृष्टि गोचर हो रही है। 31 कवियों की सूची में एक भी स्थापित रचनाकार का नाम न होना यहाँ के लोगों को आश्चर्य में डाल रहा है। यह भी आश्चर्य की बात है कि नालंदा जिले की एक भी कवयित्री का भी नाम नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि साहित्य की स्वस्थ परंपरा पर कुठाराघात है क्योंकि साहित्य केवल मनोरंजन की वस्तु नहीं है।

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर