विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा केन्द्र बनेगा रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र, 750 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
रीवा: वर्तमान में हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति का सबसे बड़ा साधन पेट्रोलियम तथा कोयला है। पृथ्वी में इनके भंडार सीमित है। लगातार बढ़ती मांग तथा उपयोग से भविष्य में पेट्रोलियम पदार्थ के भंडार समाप्त होने का भय है। पेट्रोलियम समाप्त होते ही हमारी प्रगति का चक्र थम जायेगा। मानव अस्तित्व बचाये रखना भी मुश्किल होगा। इस लिये हमे ऊर्जा के वैकल्पिक तथा अक्षय स्त्रोतों पर ध्यान देना आवश्यक है। ऊर्जा का सदा से सबसे बड़ा स्त्रोत सूर्य रहा है। इसलिये भविष्य में हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति का सबसे बड़ा साधन सूर्य बनेगा। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये जिले के गुढ़ कस्वे के पास बदवार गांव में रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। यह विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा केन्द्र है। इससे 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।
रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र के निर्माण के लिए 1542 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करायी गयी है। इसमें गुढ़ तहसील के ग्राम बदवार बरसैतादेश, बरसैता पहाड़, इटार पहाड़ तथा रामनगर पहाड़ की शासकीय एवं निजी भूमि शामिल है। सौर एनर्जी कार्पोरेशन द्वारा सोलर प्लांट लगाने के लिए अधोसंरचना विकास का कार्य पूरा कर दिया गया। इनमें सोलर प्लेट लगाने के लिए निर्माण कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री कर रहे हैं। सोलर प्लांट से प्राप्त बिजली के वितरण के लिए विद्युत लाइने बिछाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। विद्युत वितरण केन्द्र का निर्माण भी लगभग पूरा हो गया है। सोलर प्लेट तथा अन्य उपकरण स्थापित करते ही इससे बिजली का उत्पादन आरंभ हो जायेगा। इस परियोजना के प्रारंभिक कार्यों के लिए एमएनआरई द्वारा बीस लाख रूपये प्रति मेगावाट के दर 150 करोड़ रूपये का अनुदान दिया गया है।
अल्ट्रा सोलर पावर प्लांट में तीन कम्पनियों द्वारा 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जायेगा। इसमें महिन्द्रा रिन्युएवल प्राइवेट लिमिटेड मुम्बई द्वारा 250 मेगावाट, एक्मे जयपुर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड गुरूग्राम द्वारा 250 मेगावाट तथा एरिसन क्लीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जायेगा। यहां से उत्पादित 76 प्रतिशत बिजली मध्यप्रदेश राज्य सरकार द्वारा खरीदी जायेगी। शेष 24 प्रतिशत बिजली नई दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना को दी जायेगी। देश की राजधानी की जन परिवाहन का आधार मेट्रो रेल रीवा की सौर ऊर्जा से दौडेगी। इससे 25 वर्षों में राज्य शासन को 2086 करोड़ रूपये तथा दिल्ली मेट्रो को 1220 करोड़ रूपये का लाभ होगा। इस परियोजना का विकास सोलर एनर्जी कार्पोरेशन तथा मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। यह परियोजना विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित देश की प्रथम एवं एक मात्र सौर परियोजना है। इसके शुरू हो जाने से ऊर्जा संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को बन मिलेगा। यह परियोजना पूरी तरह से पर्यावरण प्रदूषण मुक्त परियोजना है इससे बिना किसी खर्च लगातार लम्बे समय तक विद्युत ऊर्जा की प्राप्ति हो सकेंगी। यह परियोजना देश की नवकरणीय ऊर्जा को नई दिशा तथा नई उचाईयां प्राप्त करेंगी।