शिक्षा मानव जीवन की अमूल्य धरोहर :- राजा

567 By 7newsindia.in Sat, Jan 6th 2018 / 17:44:56 बिहार     
अजय कुमार , संवाददाता 
नालंदा :- शिक्षा मानव जीवन की अमूल्य धरोहर है। शिक्षा बिना मानव पशु तुल्य है। अभिभावक बिना भेदभाव के बालक व बालिकाओं को समान रूप से उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करें। शिक्षक सह बिहारशरीफ रोट्रैक्ट क्लब सदस्य राजा कुमार ने कहा कि शिक्षा जीवन का अनमोल धरोहर है। इसके बिना मानव पशु तुल्य है। शिक्षक बच्चों को जिस रूप में ढालते हैं बच्चे वही आकार ग्रहण करते हैं। बच्चे भविष्य के कर्णधार हैं। शिक्षा का मूल अर्थ यही है कि वह व्यक्ति का उचित मार्गदर्शन करे। जिस शिक्षा से व्यक्ति का सही मार्गदर्शन नहीं होता, वह शिक्षा नहीं बल्कि अशिक्षा है। शिक्षा व्यक्ति को ज्ञानवान बनाती है । विद्‌यार्थी शिक्षा प्राप्त कर सांसारिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान से युक्त होता है । इस ज्ञान से उसके व्यक्तित्व का विकास होता है । वह ज्ञान-विज्ञान के उन क्षेत्रों में महारत हासिल करता है जो उसके भावी जीवन को सुख शांति और धन-संपत्ति से भर देता है । वह मानव समाज के लिए ऐसे-ऐसे कार्य करने में सक्षम होता है जिससे मानवता समुन्नत होती है। शिक्षा मनुष्य को दुर्गुणों की पहचान में मदद करती है ताकि वह इनसे सदा ही दूरी बनाए रख सके । शिक्षा वास्तविक अर्थों में मनुष्य को जीवन जीना सिखाती है। शिक्षा का महत्त्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है । आज हर कोई अपने बच्चों को शिक्षित बनाना चाहता है । अच्छी शिक्षा के मायने भी बदल गए हैं । पुराने जमाने की शिक्षा में चरित्र-निर्माण पर जोर था इसलिए अधिकतर धार्मिक और नीति-संबंधी शिक्षा ही दी जाती है । आज शिक्षा का उद्‌देश्य मौलिक रूप से कैरियर का निर्माण है । इसलिए शिक्षा में ज्ञान-विज्ञान और तकनीकी का अधिकाधिक समावेश हो गया है। 

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