जस्टिस लोया के बेटे ने कहा- हार्टअटैक से हुई पिता की मौत, हमें परेशान न करें
सोहराबुद्दीन मामले की सुनवाई कर रहे जज का संदिग्ध हालत में मिला था शव
मुंबई : सीबीआई के जज जस्टिस बीएच लोया की मौत के कारणों की जांच कराए जाने की मांग के बीच उनके बेटे अनुज लोया ने कहा है कि इस मामले में उन्हें परेशान न किया जाए। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने भी गंभीर माना है। मंगलवार को इस पर सुनवाई होगी। अनुज ने रविवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें पिता की मौत को लेकर किसी पर कोई शक नहीं है। पहले हमें भावनात्मक तौर पर संदेह हो रहा था, लेकिन अब सब कुछ स्पष्ट है कि मेरे पिता की मौत हार्टअटैक से हुई थी। 21 वर्षीय अनुज ने कहा- 'हम किसी पर आरोप नहीं लगा रहे। हमें परेशान ना किया जाए।' कई एनजीओ और वकील हमारे परिवार को परेशान कर रहे हैं। यह बंद होना चाहिए।' पुणे में एक कॉलेज में लॉ के सेकंड ईयर के छात्र अनुज ने कहा, पूर्व में मेरे दादा और बुआ (जस्टिस लोया की बहन) को पिता की मौत की वजह को लेकर कुछ संदेह था, जिसे उन्होंने जाहिर किया था। अब उन्हें भी कोई संदेह नहीं है।' अनुज के वकील अमीर नाइक ने कहा, "हमारा कोई विवाद नहीं है। इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की जरूरत नहीं है। यह दुखद घटना है। हम नहीं चाहते कि इस मुद्दे को राजनीति का शिकार बनाया जाए।' कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जस्टिस लोया की मौत के कारणों की जांच की मांग की थी।सीजेआई से मिले वकील, 50 मिनट तक बातचीत
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट के जजों में मतभेद को सुलझाने के लिए रविवार को वकीलों के संगठनों व जजों के बीच दिनभर वार्ता का दौर चला। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के प्रतिनिधिमंडल ने सीजेआई दीपक मिश्रा से उनके आवास पर 50 मिनट तक बातचीत की। इसके बाद बीसीआई ने कहा कि सब शीघ्र सुलझा लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह भी सीजेआई से मिले। सीनियर जज जस्टिस एसए बोबदे व नागेश्वर राव ने जज जस्टिस जे चेलमेश्वर से मुलाकात की। इससे पहले बीसीआई का प्रतिनिधिमंडल जस्टिस चेलमेश्वर सहित अन्य जजों से मिला।
रिटायर्ड जजों का सीजेआई को खुला पत्र- नियम पारदर्शी हों
पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह, पूर्व जज के चंद्रू व एच सुरेश, प्रेस काउंसिल के पूर्व चेयरमैन जस्टिस पीबी सावंत ने सीजेआई को खुला पत्र लिखा। कहा- केस बंटवारे के विशेषाधिकार को और पारदर्शी बनाएं।
10 दिन में मसला नहीं सुलझा तो सड़क पर उतरेंगे दिल्ली के वकील
दिल्ली जिला बार एसो. ने कहा कि मामले का हल अगले 10 दिनों में नहीं होता तो हम बार एसो. की बैठक बुलाकर विचार करेंगे व लोगों को जागरूक करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे।
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