कोरियोग्राफी एवं मॉडलिंग में अपना कैरियर बनाना चाहती है नयी अभिनेत्री पल्लवी गिरि

589 By 7newsindia.in Mon, Jan 15th 2018 / 20:52:32 बिहार     

गया से प्रभाकर कुमार

वजीरगंज :  बोधगया के नमो बुद्धा होटल में दिव्या फिल्म हाउस के बैनर तले बनने वाली आर्ट फिल्म 'गहरा असर' के मुहूर्त सोमवार कॊ निर्माता निर्देशक व अन्य कलाकारों के द्वारा भगवान गणपति के तस्वीर पर नारियल फोड़कर किया गया। इस दौरान इस फिल्म की नायिका एवं मिस दिल्ली 2017 पल्लवी गिरि ने एक मुलाकात के दौरान बताया कि वह कोरियोग्राफी एवं मॉडलिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाकर एक अच्छे बायोग्राफर एवं मॉडल के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहती है। अपने लोको पायलोट से सेवानिवृत पिता गोपालगंज निवासी नंदकिशोर गिरि एवं गृहणी माता उषा देवी की सबसे छोटी पुत्री पल्लवी कॊ बचपन से ही डांस,अभिनय एवं मॉडलिंग में रुचि थी एवं स्कूल व कॉलेज के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हमेशा भाग लेती थी और अपने प्रतिभा के कारण हमेशा अव्वल आया करती थी। अपने पिता के सात संतान में सबसे छोटी पल्लवी ने सिनेमा की इस स्ट्रगल वाली कैरियर कॊ बनाने का ख्वाब कॊ साकार करने में पिता, माता ,भाई ,बहन एवं अन्य लोगों द्वारा  काफी सहयोग प्राप्त हो रहा है । 2012 में सीबीएसई से मैट्रिक  एवं 2014में इंटर की परीक्षा पास करने के उपरांत पल्लवी ने जेपी विश्वविद्यालय ,छपरा से स्नातक कर चुकी है एवं ये  2017 में मिस दिल्ली का खिताब भी  जीत चुकी है। अभी ये दिल्ली में रहकर कोरियोग्राफ़र बनकर डांस सिखाने का कार्य कर रही है। इसी दौरान इस फिल्म में काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है ।इसके पूर्व ये कई फैशन शो व एलबम में भी काम कर चुकी हैं। शुरुआत में जब पल्लवी ने डांस सीखती थी तो अगल बगल वाले कॉमेंट करते थे ,लेकिन अपने लक्ष्य के प्रति सजग उसको नजरंदाज कर दिया करती थी। चूँकि सीवान में उस वक्त डाँस सिखाने वाला टीचर नही था ,इसलिये खुद आईने में देखकर टीवी के सहारे डाँस की प्रैक्टिस किया करती थी। अपने भाई के सहयोग से 14 नवम्बर 2012 में सीवान में ही "थिरकन डांस एकादमी"खोला गया एवं डांस सिखाने के साथ-साथ फैशन शो आदि करती रही। 2017 में मिस दिल्ली का खिताब जितने के बाद एक बार इस फिल्म के डाइरेक्टर कुमार सरोज से मुलाकात हुई तभी मुझे इस आर्ट फिल्म "गहरा असर" में अभिनय करने का मौका मिला। इस क्षेत्र में ज्यादा स्ट्रगल के बावजूद इनके दोनों भाई संदीप गिरि एवं कृष्णनंद गिरि द्वारा शुरुआत में काफी सहयोग मिला एवं अभी भी मिल रहा है, लेकिन आज तक यहाँ तक की मंजिल खुद अपने बदौलत हासिल की। अपने परिवार में दो भाई एवं पाँच बहनों में ये सबसे छोटी है। इनके पिता रेलवे से सेवानिवृत्त होने के बाद सिवान जंक्शन के पास मकान बनाकर बस गये। इनके दो बड़े पुत्र विजनेस में लगे हैं ,जबकि इनकी बड़ी बहन ममता गिरि का विवाह एक मेडिकल के क्षेत्र में दवा व्यवसायी से हुआ है, बाकी तीन बहने योगिता गिरि ,रागिनी गिरि एवं लक्ष्मी गिरि सिविल सेवा की तैयारी में लगी है। पल्लवी ने बताया कि आज बेटियाँ किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीँ हैं ।हमारे पापा एवं अन्य पारिवारिक अभिभावकों के सहयोग से हमारी बहने और मैं अपने अपने सपने साकार करने के लिये संघर्ष कर रही हूँ । मैं अभिभावकों से अनुरोध करना चाहती हूँ कि अपनी लाडली के सपनो की पंख की उड़ान कॊ सहारा देकर उसकी मंजिल तक पहुँचाने में अनिवार्य रूप से सहयोग करें। इसके अतिरिक्त मैं अपने चहेतों कॊ संदेश देना चाहता हूँ कि संघर्ष ही जिंदगी है ।अगर आप अपनी मंजिल को प्राप्त करना चाहते हैं तो एक लक्ष्य बनाकर संघर्ष कीजिए मंजिल आपकी चरण चुमेगी ।

 

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