भारत के लोकतंत्र में मूलनिवासी समाज समुचित अधिकार से वंचित :- के के बौद्ध

463 By 7newsindia.in Sun, Jan 28th 2018 / 18:58:11 बिहार     

गया से रीना शर्मा 
वजीरगंज : बामसेफ ,भारत मुक्ति मोर्चा एवं ऑफसूट संगठन के तत्वावधान में वजीरगंज प्रखंड के केदारनाथ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तरवा के सभागार भवन में रविवार कॊ प्रखंड स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन बामसेफ के प्रदेश प्रभारी मा. आर.एल.ऋषियासन की अध्यक्षता में  किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय प्राचार्य चन्द्रिका राम ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सम्मेलन में चर्चा के मुख्य बिंदु "ईवीएम मशीन से चुनाव करवाना लोकतंत्र की हत्या" एवं "भीमा कोरे गाँव की ऐतिहासिक घटना "विषय पर चर्चा करते हुए मुख्य अतिथि बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के बिहार राज्य प्रभारी मा.के.के.बौद्ध ने कहा कि भीमा कोरे गाँव की ब्राहणवादी व्यवस्था में मनुस्मृति विचारधारा को ख़त्म किया गया ,लेकिन आज़ भी हमारे मनुवादी व्यवस्था कायम है ,जिसे ख़त्म कर वैज्ञानिक विचारधारा व्यवस्था को अपनाने की ज़रूरत है। आज़ भारतीय शिक्षा व्यवस्था में गलत इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल कर मनुवादी व्यवस्था को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में बामसेफ संगठन 40 वर्षों से काम कर रही है ,लेकिन इस संगठन के बारे में मूलनिवासी को मालूम नहीँ है। भारत के संविधान के निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने संविधान बनाकर राजतंत्र से लोकतंत्र बनाया फ़िर भी आज़ दलितों को अपना अधिकार से वंचित रखा जा रहा है, जिसे बामसेफ जैसी संगठन से जुड़कर ही समाप्त किया जा सकता है। आज़ आजादी के 70वर्ष बाद भी मूल निवासी के लोगो की सही आजादी नहीँ मिल सकी है। इस देश के 83 करोड़ लोग भूखमरी के शिकार है, लेकिन सरकार सिर्फ वोट की राजनीति कर रही है । उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीन से वोट कराना लोकतंत्र के लिये खतरा है ,क्योंकि ईवीएम मशीन से वोट को ईवीएम घोटाला के द्वारा वोट में गड़बड़ की जाती है। इस दौरान मूल निवासी से सम्बन्धित कई पुस्तकों का स्टाल भी लगाया गया ,जिसके अन्तर्गत डॉ भीमराव अम्बेडकर लिखित कई पुस्तक ,भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले की जीवनी ,संत रैदास ,कबीरदास आदि पुस्तकों कॊ शामिल थे।

 

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