होली के रंगो से आँखों को बचायें :-डॉ. नीतीश

482 By 7newsindia.in Tue, Feb 20th 2018 / 17:55:42 बिहार     

अजय कुमार , संवाददाता 
नालंदा :  होली का त्यौहार नजदीक है। बहुत से इलाकों में तो होली का हुड़दंग अभी से उफान पर है। ऐसे में अपनी आँखों को बचाए रखने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। कई बार होली खेलते समय रंग आँखों में चला जाता है, इन रंगों में ऐसे केमिकल्स होते हैं जो आपकी आंखों में एलर्जी पैदा करते हैं। बाजार में उपलब्ध कई प्रकार के सिंथेटिक रंग जिनमे केमिकल व शीशा, तूतिया मिला हुआ हो सकता है, जो आपके लिए हानिकारक है। इससे आपको आँखों में जलन, त्वचा और बालो को नुकसान जैसी समस्या हो सकती है| होली के रंगो से आँखों को होने वाले नुकसान के बारे में बिहारशरीफ के नईसराय स्थित कुमार नेत्रालय के प्रधान चिकित्सक डॉ. नीतीश कुमार बताते है कि कई बार इनसे उत्पन्न होने वाली एलर्जी इतनी ज्यादा होती है कि उससे आँख एकदम सुर्ख लाल हो जाती है और उससे पानी आने के साथ - साथ आँख में चुभन और जलन होने लगती है। कई बार तो सूजन आ जाती है एवं आँख खोलने तक में दिक्कत होने लगती है। ऐसा होने पर आँख को बार- बार साफ पानी से धोना चाहिए। ब्राड स्पेक्ट्रम एन्टी बायटिक आई ड्राप का प्रयोग करें एवं तुरन्त नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह लें। ऐसा न करने पर यह स्थिति आँख के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है। होली के त्यौहार पर गुलाल का इस्तेमाल करते समय तो इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। गुलाल में केमिकल्स होने के साथ-2 कई बार पीसा हुआ काँच भी मिला रहता है। जो आँख की कन्जक्टाईव एवं कोर्निया पर घाव (केर्नियक अल्सर) कर देता है। कोर्निया का घाव आँख के लिए बडा तकलीफदेह होता है। ऐसी स्थिति में स्वयं चिकित्सा बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। देखा गया है कि कुछ व्यक्ति ऐसी स्थिति में कई बार नजदीक के मेडिकल स्टोर से लेकर खुद ही दवा डालना शुरू कर देते हैं। आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि आँखों के मामले में कोई भी लापरवाही करने की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ऐसा भी देखा गया है कि मेडिकल स्टोर वाले भी आपको स्टीरायड युक्त दवा दे देते हैं जो कोर्निया पर घाव (करेनियल अल्सर) में बहुत नुकसान दायक होती है। आँख में गुलाल डालने पर बिना समय गवांए तुरन्त नेत्र रोग विशेषज्ञ से उपचार कराना चाहिए वरना गुलाल द्वारा हुऐ करेनियल अल्सर से आँख में फफुला या माडा पड़ने एवं आँख की रोशनी जाने की आशंका तक बनी रहती है। जबरदस्ती रंग लगाने के चक्कर में किसी की आँख में उंगली लगने से आँख की कन्जक्टाईवा एवं कोर्निया में चोट लग सकती है। कई बार नेत्र का ग्लोब फट सकता है। ऐसे में आँख की रोशनी बचाना नेत्र रोग विशेषज्ञ के लिए भी मुश्किल हो जाता है। जबरदस्ती रंग लगाने के चक्कर में हाथ सीधा भी आँख पर लग जाता है (ब्लन्ट ट्रोमा)। इससे आँख के पर्दे पर पाए जाने वाले मेक्यूला पर सूजन (मेक्यूलर ईडिमा) हो जाती है, जो कि नेत्र ज्योति के लिए घातक है। इसकी वजह से आपकी आँख का पर्दा भी अपनी जगह से खिसक सकता है। रेटिनल डिटेचमेंट एवं व्यक्ति अन्धता का शिकार हो सकता है। ऐसा होने पर तुरन्त नेत्र रोग विशेषज्ञ से इलाज कराऐं एवं ध्यान रखें कि होली खेलते समय जोर जबरदस्ती न करें वरना किसी की आँख की रोशनी तक जा सकती है।

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