ज्ञान का मंदिर बना नपा का नाली मार्ग, प्रतिदिन सैकडों विद्यार्थी हो परेशान

561 By 7newsindia.in Wed, Oct 31st 2018 / 16:59:37 मध्य प्रदेश     

 संजीव मिश्रा प्रधान संपादक

सीधी,
नगर पालिका क्षेत्र अन्तर्गत हरिजन थाना के समीप उत्तर करौंदियॉ में वर्षो से संचालित सरास्वती विद्यालय वर्तमान में नपा के उपेक्षा का शिकार हो रही है। जिसका खामियाजा नन्हे मुन्हे अबोध बालकों को उठाना पड रहा है। वर्तमान समय में नपा के ढुलमुल कार्यप्रणाली के चलते एक व्यवस्थित नाली की दरकार वर्षो पूर्व से की जा रही है जो कि आज दिनांक तक पूरी नहीं हो पायी।  सरास्वती विद्यालय करौंदिया के मुख्य प्रवेश द्वार पर हमेशा नाली का गंदा पानी बहता रहता है। जबकि स्थानीय निवासियों के आवगमन हेतु मुख्य मार्ग होने के कारण दिन भर दो पहिये एवं चार पहिये वाहन चलते रहते है, वाहनों की गति अधिक होने के कारण बच्चों के परिधान गंदे हो जाते है। अभिभावकों की मानें तो बच्चों के स्वास्थय पर भी बुरा असर पड़ रहा है जिसके चलते बच्चों का स्वास्थय खराब हो रहा है। आप को बतातें चले कि यहॉ शिक्षा अध्यन कर रहे छात्र छात्रायें शिक्षा के साथ साथ हर विधा में जिला एवं राज्य का नाम रोषन करते हैं किन्तु वर्तमान में वातावरण प्रदूषित होने के कारण शिक्षाध्यन में वाधा उत्पन्न हो रही है।
 

अवैध अतिक्रमण बना रोड़ा -

सरास्वती विद्यालय करौंदिया के चारो ओर नगर पालिका क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण जोर शोर से गतिमान है, प्रशासन की निरंकुषता का परिणाम है कि जिले में अतिक्रमणकारियों के हौसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे हैं। विद्यालय मार्ग सहित नवीन नेटवर्क उत्तर करौंदिया से गोपालदास मंदिर दक्षिण करौंदिया को जोडने वाला मार्ग भी अतिक्रमण की चपेट में पूरी तरह से आ चुका है। प्रशासन द्वारा दण्डात्मक रूख न अपनाने के कारण आम जनमानस को प्रतिदिन परेशानियों का सामना करना पडता है। 
 
 

सार्वजनिक नाली पर अतिक्रमण बना मानवाधिकार -

नगर पालिका क्षेत्र में कई ऐसे मोहल्ले हैं जहॉ आज भी गंदा पानी निकासी की सुविधा ठीक ढंग से सुचारू रूप से प्रारंभ नहीं हो पायी है। जिले में मध्य प्रदेश शासन द्वारा आम जन मानस के हितों में बनायी गयी नीति पूरी तरह से धराशायी प्रतीत हो रही है। आश्चर्य की बात तो तब लगती है जब लोगों द्वारा सार्वजनिक नाली को वाधित कर अपना अधिकार जमाया जाता है मानों ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि सार्वजनिक नाली पर अतिक्रमण करना मानवाधिकार बन गया हो।
 

इनका कथन -

यह एक दुर्भाग्य पूर्ण घटना है, मैं इसकी कडी निन्दा करता हॅू। विद्या के मंदिर के सामने निजी स्वार्थो के पूर्ति के चलते गंदगी करना, और जबाबदेह अधिकारी कर्मचारियों का सब कुछ जानबूछ कर मूक वधिर बनना समझ से परे है, अगर प्रशासन द्वारा इस समस्या का निदान त्वरित रूप से नहंी निकाला जाता है तो दूरगामी परिणाम उचित नहीं होगें।

दीपेन्द्र सिंह, संभागीय सचिव प्राइवेट स्कूल एसोसिएसन मध्य प्रदेश 

 
अतिक्रमणकारियों के विरूद्व उचित कार्यवाही करना जिला प्रशासन का कार्य है अगर वो अपने दायित्व का निर्वहन भॅली भॉति नहीं कर पाते हैं तो इसके विरूद्व हम सब जिले वासी धरना प्रदर्शन करने को वाध्य होगें। ।।सुषमा मिश्रा सामाजिक कार्यकर्ता।
 
 

 

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