नाबालिगों के विरुद्ध होने वाले अपराधों में कोताही स्वीकार नहीं - सुश्री अंजुलता

471 By 7newsindia.in Sat, Sep 7th 2019 / 18:32:00 मध्य प्रदेश     

 शिक्षकों को पास्को एक्ट की दी गई विधिवत जानकारी

सीधी,
जिला मुख्यालय के पुलिस सभागार में लगभग 400 प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों को पास्को एक्ट में जन्मतिथि प्रमाण पत्र के महत्व के संबंध में जानकारी दी गई। अतिरिक्त पुलिस सुश्री अधीक्षक अंजुलता पटले द्वारा कानूनी कमजोरियों का फायदा उठाकर नाबालिक को बालिक साबित करने वालों से निपटने के लिए सभी प्रधानाध्यापक और अध्यापकों से जन्म प्रमाण पत्र संधारण पंजी को विधिवत लिखने संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले ने बताया कि विद्यालय में प्रवेश के समय माता.पिता द्वारा लिखाई गई जन्मतिथि महत्वपूर्ण दस्तावेज है उसे सावधानीपूर्वक लिखना चाहिए। इसका वैज्ञानिक महत्व और मान्यता है, जन्मतिथि लिखाते समय बालक बालिका का प्रवेश कराते समय आने वाले माता.पिता अभिभावक से जन्मतिथि का प्रमाण जैसे नगरीय निकाय या ग्राम पंचायत द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र, जन्म पंजीयन की जानकारी आंगनवाड़ी सहायिका के पास कोई प्रमाण जानकारी हो तो उसका प्रमाण मांगना चाहिए। छात्राओं के उम्र के बच्चों में यदि एक 2 वर्ष का अंतर होता है तो वह कक्षा में अलग ही दिखता है । बच्चे के नाम का पंजी में उल्लेख जिस स्थान पर किया गया है उस पर पारदर्शी टेप लगा देना चाहिए ताकि उससे छेड़छाड़ ना हो सके या स्याही धुल ना जाए । यदि त्रुटिवश जन्मतिथि में कोई सुधार कार्य आवश्यक हो तो इस पर छोटे हस्ताक्षर कर देना चाहिए व प्रथक से इसका रिकॉर्ड रखना चाहिए कि सुधार क्यों करना पड़ा।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत लोक दस्तावेज होता है विद्यालय का रिकॉर्ड -

साक्ष्य अधिनियम की धारा 35 के अनुसार यह विश्वसनीय साक्ष्य है, न्यायालय में साक्ष्य देते समय विद्यालय के प्रधानाध्यापक अध्यापक स्टाफ को स्थापित करना है कि विद्यालय के दस्तावेज सही एवं प्रमाणित हैं और यही सत्य है। इसी प्रकार की बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियों के द्वारा प्रधानाध्यापक अध्यापकों को  प्रशिक्षण दिया गया।
 

 

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर