डायल 100 पर बढ़ा महिलाओं का भरोसा 19 माह में सबसे ज्यादा पौने 3 लाख कॉल
पारिवारिक विवाद हों या राह चलते छेड़छाड़महिलाएं अब आरोपियों का खुलकर मुकाबला कर रही हैं। बीते 19 महीने के भीतर डायल 100 पर आए महिलाओं के फोन कुछ यही बयां कर रहे हैं। डायल 100 के स्टेट लेवल कंट्रोल रूम में कॉल कर स्पॉट पर बुलाने का काम सबसे ज्यादा महिलाओं ने ही किया है। एक नवंबर 2015 से जून 2017 तक यहां सबसे ज्यादा 2,84,187 कॉल किए हैं। 23 हजार कॉल के साथ इंदौर की महिलाएं पहले पायदान पर हैं, जबकि दूसरे नंबर पर राजधानी की महिलाएं हैं।
भोपाल से डायल 100 को 19350 कॉल किए गए हैं। दरअसल, ये खुलासा तब हुआ, जब डायल 100 की टीम ने पुलिस मुख्यालय को एक विश्लेषित रिपोर्ट भेजी। मप्र में डायल 100 की शुरूआत एक नवंबर 2015 को की गई। शुरूआती महीनों में पुलिस बुलाने वाली महिलाओं का आंकड़ा महज तीन हजार ही रहता था। धीरे-धीरे ये ग्राफ बढ़ता चला गया और अब यहां 28 से ज्यादा महिलाएं फोन कर पुलिस की मदद लेती हैं। इनमें पारिवारिक विवाद, दहेज प्रताड़ना और राह चलते छेड़छाड़ की सबसे ज्यादा शिकायतें शामिल हैं।
राजधानी की 19,250 महिलाओं ने किए कॉल, 23 हजार के साथ इंदौर पहले पायदान पर
किस शहर में महिलाओं ने किए कितने कॉल
- इंदौर 23,022
- भोपाल 19,250
- जबलपुर 16,277
- ग्वालियर 11,487
- रीवा 10,695
- सागर 10,689
- उज्जैन 10,063
- छिदंवाड़ा 9,993
- सतना 9,408
- सीधी 6,610
बुजुर्ग भी लेने लगे हैं पुलिस से मदद, बीते माह 928 ने किया कॉल
बुजुर्ग व्यक्तियों के साथ प्रताड़ना के मामले भी डायल 100 कंट्रोल रूम में रोजाना आ रहे हैं। बीते जून महीने यहां 928 बुजुर्गों ने कॉल कर पुलिस की मदद ली है। दिसंबर 2015 में केवल 60 बुजुर्ग ही कॉल कर रहे थे। इन 19 महीनों के भीतर कंट्रोल रूम में 8151 बुजुर्गों ने कॉल किए हैं।
मिलती हैं ये दस प्रमुख सूचनाएं
इस कंट्रोल रूम में रोजाना 25 हजार कॉल आते हैं। इनमें महज छह हजार ही स्पॉट पर पहुंचने लायक होते हैं। बाकी या तो फेंक या ब्लैंक कॉल होते हैं। डायल 100 (एफआरवी) ने तीस जून 2017 तक 29.13 लाख लोगों तक पुलिस सहायता पहुंचाई है। 154 नवजात शिशुओं को बचाया, जबकि 2971 गुम बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया है। एफआरवी अब तक 15 हजार से ज्यादा घायलों को बगैर एंबुलेंस का इंतजार किए अस्पताल पहुंचा चुकी है।
रोजाना आते हैं 19 हजार फेक कॉल
इस कंट्रोल रूम में रोजाना 25 हजार कॉल आते हैं। इनमें महज छह हजार ही स्पॉट पर पहुंचने लायक होते हैं। बाकी या तो फेक या ब्लैंक कॉल होते हैं। डायल 100 (एफआरवी) ने तीस जून 2017 तक 29.13 लाख लोगों तक पुलिस सहायता पहुंचाई है। 154 नवजात शिशुओं को बचाया, जबकि 2971 गुम बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया है। एफआरवी अब तक 15 हजार से ज्यादा घायलों को बगैर एंबुलेंस का इंतजार किए अस्पताल पहुंचा चुकी है।
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