नोटबंदी से आए 1.5 लाख करोड़ में से 60 हजारCr अब भी बैंक में, SBI ने घटाया इंटरेस्ट रेट.....
एसबीआई ने सेविंग अकाउंट पर इंटरेस्ट रेट 0.5% घटा दिया है। एक करोड़ रु. तक जमा रकम पर 3.5% ब्याज मिलेगा। एक करोड़ से ज्यादा जमा पर पहले की तरह 4% इंटरेस्ट मिलता रहेगा। फैसला 31 जुलाई से लागू हो गया है। बैंक के एमडी रजनीश कुमार ने बताया कि 90% सेविंग अकाउंट्स में 1 करोड़ से कम जमा है। एसबीआई के अभी 42 करोड़ कस्टमर्स हैं। इनमें से 37 करोड़ प्रभावित होंगे।
मार्च 2017 तक एसबीआई में 26 लाख करोड़ रु. जमा थे। इसमें से 9.4 लाख करोड़ सेविंग अकाउंट में थे। इंटरेस्ट रेट कम होने से बैंक को साल में 4,700 करोड़ कम देने पड़ेंगे। ब्याज कम करने की सबसे बड़ी वजह है नोटबंदी के दौरान जमा 1.5 लाख करोड़ रु.। इसमें से 60 हजार करोड़ अब भी बैंक में हैं।
इंटरेस्ट रेट घटाने की 2 वजहें
पहली: एसबीआई के सीएफओ अंशुल कांत के मुताबिक नोटबंदी में 8 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच (54 दिन) 1.5 लाख करोड़ रु. जमा हुए थे। इसका 40% हिस्सा अब भी बैंक में हैं। इससे ब्याज का भार बढ़ रहा है।
दूसरी:जनवरी में महंगाई दर 3.17% थी। जून में 1.54% रह गई। यानी लोगों को बैंकों में जमा पर पहले से ज्यादा बच रहा है। वास्तविक ब्याज कम हुआ है। बैंक के पास दो विकल्प थे। एमसीएलआर बढ़ाए या ब्याज घटाए। एमसीएलआर बढ़ाने से कर्ज महंगा होता। सो दूसरा विकल्प चुना।
नोटबंदी के समय जमा रकम का करीब 60% अब भी ज्यादातर बैंकों में
एसबीआई ने 2011 में ब्याज दर 3.5% से बढ़ाकर 4% की थी। उसके बाद पहली बार इसमें कटौती की गई है।
नोटबंदी के समय जमा रकम का करीब 60% अब भी ज्यादातर बैंकों में पड़ा है। इसलिए वे भी ब्याज दर कम करने की तैयारी में हैं।
ज्यादातर सरकारी बैंक बचत खाते पर 4% ब्याज दे रहे। यस और कोटक महिंद्रा जैसे बैंक 6% ब्याज देते हैं।
रसोई गैस की कीमत हर महीने 4 रु. बढ़ाकर 8 महीने में सब्सिडी खत्म करना चाहती है सरकार
केंद्र सरकार 8 महीने में रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म करने जा रही है। सरकार ने सिलेंडर का रेट हर महीने 4 रु. बढ़ाने का आदेश दिया है। इसमें 5% जीएसटी भी जुड़ेगा।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि आदेश 30 मई को ही जारी हो गया था। जून से इस पर अमल भी होने लगा है।
सब्सिडी शून्य होने या मार्च 2018 तक, जो भी पहले हो यह प्रक्रिया जारी रहेगी। आदेश के बाद सब्सिडी वाले सिलेंडर दो बार महंगे हो चुके हैं। 1 जुलाई को हुई मूल्य वृद्धि में सीधे 32 रु. बढ़े थे। यह 6 साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी थी।
18 करोड़ लोगों पर पड़ेगा असर
1) क्या पहली बार रेट बढ़ाए गए हैं?
नहीं। पिछले साल 1 जुलाई से यह जारी है। तबसे हर महीने 2-2 रु. बढ़ाए जा रहे थे। इसके बाद 10 बार रेट बढ़ाए गए। इस साल 1 जून से यह रकम चार रुपए कर दी गई।
2) सरकार के इस फैसले का देश के कितने लोगों पर असर पड़ेगा?
एक कंज्यूमर को सालभर में सब्सिडी वाले 12 सिलेंडर मिलते हैं। ज्यादा लेने पर मार्केट रेट देना पड़ता है। देशभर में सब्सिडी पाने वाले 18.11 करोड़ कंज्यूमर हैं। इनमें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त कनेक्शन पाने वाली 2.5 करोड़ गरीब महिलाएं भी शामिल हैं। 2.66 करोड़ उपभोक्ता बिना सब्सिडी के रसोई गैस ले रहे हैं।
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