ऑटो कंपनियों में कर्मचारी संख्या कम बढ़ी, पर इन्क्रीमेंट 11%, टेक कंपनियों में कर्मचारी ज्यादा बढ़े, लेकिन सैलरी बढ़ी 5-7% ....
नई दिल्ली: पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी की अनिश्चितता के कारण तीन तिमाही से आर्थिक आंकड़े निराश करने वाले रहे हैं। अप्रैल-जून में जीडीपी विकास दर तीन साल में सबसे कम 5.7% रही है। इकोनॉमी की इस हालत के बावजूद कुछ सेक्टर ऐसे हैं जिनमें कर्मचारियों के अप्रेजल को अच्छा कहा जा सकता है। रिसर्च फर्मों के अनुसार प्रमुख विकासशील देशों में भारत में अप्रेजल सबसे ज्यादा है। हालांकि पिछले साल की तुलना में सैलरी हाइक कम है। एचआर फर्म एबीसी कंसल्टेंट्स के अनुसार ऑटोमोबाइल सेक्टर में औसत वेतन वृद्धि 9-11% रही है। यह सबसे ज्यादा है। इसके बाद 8-10% अप्रेजल के साथ एफएमसीजी और 5-7% के साथ टेक्नोलॉजी सेक्टर हैं।
एफएमसीजी सेक्टर में हुआ 8-10% अप्रेजल
इन्क्रीमेंट और रोजगार के आंकड़ों को मिलाकर देखें तो एक नया परिदृश्य नजर आता है। ऑटोमोबाइल सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में कर्मचारियों की कुल संख्या कम बढ़ी, लेकिन अप्रेजल ज्यादा है। दूसरी ओर टेक्नोलॉजी कंपनियों में नौकरियां तो ज्यादा बढ़ीं, लेकिन इनमें इन्क्रीमेंट कम रहा है। कंसल्टेंसी फर्म केपीएमजी ने कुछ समय पहले 19 इंडस्ट्री सेक्टर की 263 कंपनियों से बातचीत के आधार पर कहा था कि इस बार औसत सैलरी हाइक 9.7% रहेगी। पिछले साल यह 10.3% थी। एयॉन हेविट ने 1,000 से ज्यादा कंपनियों के सर्वे के आधार पर 9.5% वेतन वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया था। इसके मुताबिक पिछले साल औसत इन्क्रीमेंट 10.3% था।
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