अफसर निजी स्कूलों के हित की क्यों कर रहे हैं बात: हाई कोर्ट

444 By 7newsindia.in Fri, Aug 11th 2017 / 05:49:33 प्रशासनिक     

नई दिल्ली : अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस नहीं लौटाने के मामले में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाने पर बृहस्पतिवार को हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि अधिकारी लोगों के हित की बात करने के बजाए निजी स्कूलों का हित साध रहे हैं। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति नजमी वजीरी की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह कमेटी की सिफारिशों के आधार पर इन स्कूलों से बढ़ी हुई फीस वापस अभिभावकों को लौटाई जानी थी। इस बाबत सरकार द्वारा दिया गया हलफनामा जिम्मेदारियों से बचने के बजाए गोलमोल जवाब देने वाला है। हाई कोर्ट ने स्वयं शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को अगली तारीख पर तलब करते हुए यह बताने को कहा है कि उनके पूर्व के हलफनामे में कही गई बातों के अनुसार बढ़ी हुई फीस नहीं लौटाने वाले स्कूलों की मान्यता रद क्यों नहीं की गई है। मौजूदा हलफनामा न सिर्फ इस मामले में दाखिल पिछले हलफनामों के विपरीत है बल्कि ऐसा लगता है कि अदालती आदेशों को भी इसमें दरकिनार करने का प्रयास किया जा रहा है। जो जानकारी शिक्षा निदेशालय से मांगी गई थी उसपर सही जवाब देने के बजाए बचने का प्रयास किया जा रहा है। यह अवमानना का मामला है। ऐसे में 16 अगस्त को अगली तारीख पर वरिष्ठ अधिकारी स्वयं पेश हों और सभी पहलुओं की सिलसिलेवार तरीके से जानकारी दें। हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय से पूछा कि गलत तरीके से फीस बढ़ाने के दोषी 541 स्कूलों से कितनी रकम वसूल की जानी है और इस रकम पर 9 फीसद के हिसाब से कितना ब्याज बनता है। इसपर सरकार की तरफ से कहा गया कि मान्यता समाप्त करने से बड़े पैमाने पर छात्र और स्कूल प्रभावित होंगे। सरकार ने कोर्ट को दिया जवाब : सरकार ने बताया कि फीस वापस नहीं करने वाले 17 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। 14 स्कूल बंद हो गए हैं। 41 स्कूलों ने कमेटी की सिफारिशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। 15 स्कूलों ने फीस वापस करने का भरोसा दिया है, जबकि छह स्कूलों ने रुपया लौटा दिया है।’

अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस नहीं लौटाने का मामला

कोर्ट ने कहा-गोलमोल जवाब देने वाला है सरकार का हलफनामा 

श्रेष्ठ विहार स्थित डीएवी स्कूल पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने जमीन आवंटन नियमों के उल्लंघन और सरकारी जमीन कब्जाने के आरोप में केस दर्ज कराया है। आरोप है कि प्ले ग्राउंड के लिए दी गई जमीन पर स्कूल प्रबंधन ने बिलिं्डग बनवा ली। इसके अलावा करीब साढ़े तीन करोड़ की डीडीए की खाली जमीन पर भी कब्जा कर लिया। डीडीए से शिकायत मिलने के बाद आनंद विहार पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, जमीन कब्जाने व साजिश रचने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। दरअसल, योजना विहार निवासी मनीष अग्रवाल ने डीडीए से शिकायत की थी। इसकी जांच के बाद डीडीए के डिप्टी डायरेक्टर अटल सिंह ने 31 जुलाई को पुलिस में शिकायत दी और आठ अगस्त को मामला दर्ज किया गया। शिकायत में डीएवी पब्लिक स्कूल और डीएवी नर्सरी स्कूल की ¨प्रसिपल के साथ डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एंड मैनेजिंग कमेटी के सेक्रेटरी को आरोपी बनाने की मांग की गई है। अटल सिंह ने शिकायत में बताया कि स्कूल को कुल 5, 450 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई थी। इनमें 2,180 वर्ग मीटर जमीन बिलिं्डग बनाने के लिए दी गई थी, जबकि 3, 270 वर्ग मीटर जमीन प्ले-ग्राउंड के लिए आवंटित हुई थी। लेकिन, स्कूल ने प्ले ग्राउंड के लिए सिर्फ 700 स्क्वायर मीटर जमीन छोड़ी। बाकी 2,570 वर्ग मीटर जमीन पर बिलिं्डग बना ली। साथ ही स्कूल के पास ही डीडीए की खाली पड़ी करीब एक हजार वर्ग मीटर जमीन पर भी कब्जा कर लिया। स्कूल सुपरिंटेंडेंट ने कहा कोर्ट से मिला है स्टे डीएवी स्कूल के सुपरिंटेंडेंट मनोज गुप्ता का कहना है कि इस संबंध में कोर्ट में पहले से ही केस विचाराधीन है। जिन आरोपों के तहत एफआइआर दर्ज हुई है, उन पर स्कूल को कोर्ट से स्टे मिला है। पुलिस ने किस आधार पर एफआइआर दर्ज की, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है।

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