सेमीफाइनल में हारीं साइना, लगातार दूसरे फाइनल में नहीं पहुंच सकीं
भारतीय शटलर साइना नेहवाल लगातार दूसरी वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंच सकीं। शनिवार को खेले गए सेमीफाइनल में 12वीं सीड साइना को जापान की नोजोमी ओकुहारा ने 12-21, 21-17, 21-10 से हरा दिया। इस हार के बाद साइना को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। उनका वर्ल्ड बैडमिंटन में दूसरा पदक है। साइना 2015 वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचीं थीं। तब उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। यहां हारकर वे अपना लगातार दूसरे फाइनल में जगह बनाने का सपना पूरा नहीं कर पाईं। वहीं, सातवीं सीड ओकुहारा ने एक घंटे 14 मिनट में जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनाई। ओकुहारा जापान की पहली महिला शटलर हैं, जो वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचीं हैं।
- विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप|जापान की नोजोमी ओकुहारा ने 12-21, 21-17, 21-10 से हराया
ओकुहारा ने क्वार्टर फाइनल में ओलिंपिक और डिफेंडिंग चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मारिन को हराया था। वहीं, साइना ने क्वार्टर फाइनल में स्कॉटलैंड की कर्स्टी गिलमोर को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।
मुझे रियो में नहीं जाना चाहिए था : साइना
विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय स्टार खिलाड़ी साइना नेहवाल ने कहा है कि उन्हें गत वर्ष हुए रियो ओलंपिक में नहीं जाना चाहिए था।
27 वर्षीय साइना को रियो में दूसरे ही राउंड में यूक्रेन की मर्जिया यूलिटिना के हाथों हार का सामना करना पड़ा था और तब हार के बाद भारतीय खिलाड़ी ने सफाई देते हुए कहा था कि वह मैच में दर्द के बावजूद खेलने उतरीं थीं। लंदन ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना के लिए पिछला कुछ समय चोटों और खराब फार्म की वजह से काफी मुश्किल भरा रहा और अब विश्व चैंपियनशिप में कांस्य जीतना निश्चित रूप से राहत भरा रहा होगा। 12वीं सीड साइना ने क्वार्टरफाइनल में स्कॉटलैंड की कर्स्टी गिलमूर को कड़े संघर्ष में 21-19, 18-21,21- 15 से हराया था, लेकिन सेमीफाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मैच के बाद साइना ने कहा- 'यह केवल मैं ही जानती हूं कि मैं रियो में कैसे गई। मुझे लगता है कि मुझे वहां नहीं जाना चाहिए था। मुझे वाकई इस बात का अनुमान नहीं था कि यह चोट इतनी गंभीर हो सकती थी। मेरे माता पिता और कोच के मुझ पर विश्वास ने मुझे वापसी करने में मदद की।' उल्लेखनीय है कि 2015 में पिछले संस्करण की रजत पदक विजेता साइना को ओलिंपिक के बाद घुटने की सर्जरी करानी पड़ी थी जिसकी वजह से उनके प्रदर्शन में भी गिरावट देखी गई। साइना ने वापसी के लिए कड़ी मेहनत की जिसका परिणाम है कि वह इस वर्ष विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक पाईं।
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पहला गेम जीतकर हारीं साइना
वर्ल्ड नंबर 16 साइना का 12वीं वरीय ओकुहारा के खिलाफ इससे पहले करिअर रिकॉर्ड 6-1 था। साइना ने पहले गेम में 8-2 की बढ़त बनाने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपनी बढ़त 15-6 और 18-10 पहुंचाते हुए 21-12 पर पहला गेम समाप्त कर दिया। जापानी खिलाड़ी ने दूसरे गेम में अच्छी शुरुआत करते हुए 4-0 की बढ़त बनाई। साइना ने लगातार अंक बनाकर 9-9 की बढ़त बनाई। ओकुहारा 15-12 से आगे हो गई। साइना ने 15-15 से बराबरी की। ओकुहारा ने 17-17 के स्कोर पर लगातार चार अंक लेकर दूसरा गेम 21-17 से जीत लिया। फाइनल गेम में ओकुहारा ने 10-3 की बढ़त बनाने के बाद मैच पर अपना शिकंजा कस दिया। और लगातार अंक बनाते हुए तीसरा गेम 21-10 से जीत मैच भी जीत लिया।
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भारत के दो पदक पक्के
साइना की हार के बावजूद इस टूर्नामेंट में भारत के दो पदक पक्के हो गए। सेमीफाइनल गंवा चुकी साइना को कांस्य पदक से संतोष करना होगा। भारत के लिए दूसरा पदक पीवी सिंधु पक्का कर चुकी हैं। इससे पहले साइना ने शुक्रवार को स्कॉटलैंड की क्रिस्टी गिलमौर को 21-19, 18-21, 21-15 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।
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