MP : मुख्य सचिव ने तीन SDM, दो तहसीलदार को किया निलंबित

715 By 7newsindia.in Fri, Sep 1st 2017 / 06:07:05 कानून-अपराध     

इंदौर। राजस्व विभाग में चल रहे मामलों में लापरवाही और चतुराईपूर्वक फर्जी निराकरण करने पर इंदौर जिला प्रशासन के चार अफसरों को मुख्य सचिव बीपी सिंह ने निलंबित कर दिया। इनमें एसडीएम अजीत श्रीवास्तव, श्रंगार श्रीवास्तव, संदीप सोनी और तहसीलदार राजेश सोनी व दर्शनी सिंह शामिल हैं। गुरुवार को इंदौर में राजस्व मामलों की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव बीपी सिंह ने यह कार्रवाई की।

बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व अस्र्ण पांडे, कमिश्नर संजय दुबे, सचिव लोकसेवा प्रबंधन हरिरंजन राव, सचिव राजस्व पी. नरहरि, आयुक्त राजस्व रजनीश श्रीवास्तव, आयुक्त भू-अभिलेख एमके अग्रवाल भी मौजूद थे। निलंबित किए गए तीनों एसडीएम पर यह आरोप है कि उन्होंने कॉलोनाइजरों से डायवर्शन टैक्स की वसूली दिखाने के लिए चेक तो लिए लेकिन ये बाउंस हो गए। इसके बाद भी उन्होंने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे करीब 5 करोड़ के डायवर्शन टैक्स के मामले हैं।

दूसरी तरफ तहसीलदार सोनी और तहसीलदार सिंह ने अपनी कोर्ट में चल रहे राजस्व मामलों का निराकरण दिखाने के लिए बिना ठोस कारण के कुछ प्रकरण खारिज कर दिए और बाद में उन्हीं प्रकरणों को सुनवाई में भी ले लिया। मुख्य सचिव ने बताया कि संभाग स्तरीय समीक्षा की यह 10वीं बैठक है। पहली बार की समीक्षा में हम कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते थे, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी गलतियां छिपाने के लिए झूठ बोला और फर्जीवाड़ा किया। 

डूब प्रभावितों के आंदोलन के कारण धार-बड़वानी को मिली छूट 

मुख्य सचिव ने एक-एक जिले के एक-एक एसडीएम और तहसीलदार के प्रकरणों की बारीकी से पड़ताल की लेकिन धार और बड़वानी जिलों को इस पड़ताल से छूट मिल गई। इन जिलों में सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों के आंदोलन का असर रहा, इसलिए यहां के अधिकारी कानून-व्यवस्था बनाने और पुनर्वास के कामों में लगे रहे। इसके बावजूद यहां के कलेक्टर, अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार ने अपना प्रेजेंटेशन दिया। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कई मौकों पर इंदौर के अधिकारियों के चेक बाउंस होने के मुद्दे पर तंज कसा और अन्य जिले के अधिकारियों को सुधरने की चेतावनी दी। 

राशि खजाने जमा कराएंगे तो होंगे बहाल

मुख्य सचिव ने साफ किया कि निलंबित किए गए अधिकारी जिस दिन बाउंस चेक की राशि संबंधित बकायादार से वसूल कर शासन के खजाने में जमा कराएंगे, वे उस दिन ही बहाल हो पाएंगे और उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। जो अधिकारी कागजों की लापरवाही के कारण निलंबित किए गए हैं, वे संभागायुक्त के समक्ष पेश होकर कागजों की स्थिति स्पष्ट कर देंगे और भविष्य में ऐसा कोई कार्य नहीं करने का भरोसा दिलाएंगे। तब संभागायुक्त उन्हें बहाल कर सकते हैं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो सभी निलंबित अधिकारी बर्खास्त किए जाएंगे। दो महीने बाद होने वाली समीक्षा में किसी को राहत नहीं दी जाएगी। 

पांच को दंड तो पांच अफसरों को पुरस्कार 

अनियमितता बरतने वाले पांच अफसरों को दंड मिला तो अपने क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले पांच अधिकारियों को सम्मान भी मिला। इनमें खंडवा के एसडीएम सारस्वत शर्मा, धार एसडीएम भव्या मित्तल, कुक्षी के एसडीएम ऋषभ गुप्ता, आलीराजपुर के तहसीलदार अजमेर सिंह और झाबुआ की नायब तहसीलदार श्वेता जमरा शामिल हैं। इन अधिकारियों को 26 जनवरी या 1 नवंबर को राज्य स्तरीय समारोह में भोपाल में सम्मानित किया जाएगा।

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