सीएसपी ने फर्जी कंपनी के नाम से जुटाए 10 करोड रुपये, अब कंपनी दिवालिया घोषित

482 By 7newsindia.in Mon, Sep 4th 2017 / 08:38:00 कानून-अपराध     

ग्वालियर/सर्वेश त्यागी:  शहर के सीएसपी डीबीएस भदौरिया ने 16 पार्टनरओ के साथ मिलकर रियल स्टेट के नाम से बैंक ओर पब्लिक से 10 करोड़ जुटाए अब कंपनी को दिवालिया कर बैंक और पब्लिक को चुना लगाने की फिराख में है। यह कंपनी सीएसपी की पत्नी सुनीता भदौरिया के नाम से शिवदेव डवलपर्स के नाम से रजिस्टरर्ड है, ओर जितेंद्र कुशवाह के नाम से कृष्णा बिल्डकॉन सहित 16 अलग अलग पार्टनर फर्म मेसर्स सालासर बालाजी रियल इंफ्रा शामिल है ये कंपनी अब डिफॉल्टर हो गई है। र्टनशिप फर्म पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का साढ़े चार करोड़ रुपए बकया है जिसे बैंक प्रॉजेक्ट को नीलाम कर बसूली करेगा, ड्रीम हॉउस के लिए कई लोंगो ने दो या तीन क़िस्त जमा कर चुके सेकड़ो लोंगो के पांच करोड़ रुपये डूबने के कगार पर है। प्रेदश के डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने पुलिस अफसरों को रियल एस्टेट सेक्टर में लिफ्ट होने की बात कबूल की है और इसकी इनंटरल जांच करने के दावा किया है।

 

सीएसपी डीबीएस भदौरिया से सीधी बात।
प्रश्न 1. क्या आप पत्नी के नाम पर खुद ही रियल स्टेट का काम कर रहे है।
उत्तर. मेरी पत्नी और परिवार के दूसरे सदस्य स्वत्रन्त्र कारोबारी है में अपनी नोकरी करता हु
प्रश्न 2. आपने इसकी जानकारी पुलिस हेडक्वार्टर को दी।
उत्तर. कारोवार में नही कर रहा हु जो इसकी जानकारी पुलिस हेड क़वाटर्स को दूं , अगर मेने कोई चल अचल सम्पति खरीदी होती या लोन लिया होता तो इसकी जानकारी पीएचक्यू को देता।
प्रश्न 3. आपके परिवार के सदस्यों की शिवदेव डिवेलपर्स फर्म ओर पार्टनर बैंक के डिफाल्टर है। जनता और बैंक को पैसा कैसे वापस मिलेगा।
उत्तर. जितना पैसा जनता ने बुकिंग अमाउंट के रुप में दिया है उससे ज्यादा तो हम मल्टी बनाने में खर्च कर चुके है, इन लोंगो ने जो पैसा दिया वो भी अग्रीमेंट के आधार पर समय और नही दिया, इश्लिये रेरा में भी हम लोंगो का पक्ष अधिक मजबूत है। बैंक अगर सम्पति की नीलामी करता है तो उससे इतना पैसा आएगा जितना हमे लौटना है बस हम लोंगो का आर्थिक नुकसान होगा।

इसके बाबजूद पुलिस अफसर रियल एस्टेट के कारोबार में करोड़ो रूपये कमाकर पब्लिक के साथ फ्रॉड कर रहे है। सालासर बालाजी साईट्स डूबने के मुख्य कारण 2012 में ग्राम ओहदपुर में सालासर प्रॉजेक्ट लॉन्च किया, दो साल में लोंगो को पजेशन देने का वादा किया परन्तु शेयर होल्डर्स के बीच मे शेयर होल्डिंग के लिए बिबाद हो गया जिसमें सुनीता शर्मा के पति हरिश् शर्मा, जितेंद्र कुशवाह, शोभा शर्मा और वैभव शर्मा आपस में उलझ गए इस कारण प्रॉजेक्ट बीच मे अटक गया बाद में लोंगोे ने रेरा में कंपनी के खिलाप केस दर्ज कर दिया।

 

रिटायर्ड एसपी लोकायुक्त  जेपी शर्मा ने बताया कि कोई पुलिस अफसर पति पत्नी या बच्चो के नाम से रियल एस्टेट या ओर कोई भी कारोबार करता है तो इसकी सूचना पुलिस हेडक्वार्टर में क्रमिक विभाग और प्रशासन को देकर परमिशन लेनी पड़ती है यदि वह ऐसा नही करता है तो मप्र सिविल सेवा आचरण अधिनियम के प्रभधनो का उलंघन है।

 प्रॉजेक्ट में 10% के पार्टनर शिवदेव डवलपर्स सीएसपी भदौरिया की कंपनी है कानूनी लेफेटे से बचने के लिये उन्होंने यह फर्म अपनी पत्नी सुनीता भदौरिया ओर पुत्र शिवांग भदौरिया तथा परिवार के सदस्य सुवेदार सिंह ने नाम से रजिस्ट्रर्ड कराई ओर इसमें दिया गया पता एम 21 दर्पण कॉलोनी थाटीपुर ग्वालियर का दिया गया है जिसमे सिचाई विभाग में लिपिक थॉमस ओर उनका परिवार मिला यह पता उनके आवास से कुछ मीटर दूर पर है, जाहिर है कि रजिस्टर्ड फर्म पर दिया गया पता गलत है सीएसपी खुद को पाक साफ दिखाने ओर पत्नी और पुत्र को स्वत्रंत कारोबारी बताकर विभाग को सूचना देना गैर जरूरी बात रहे है, वैसे सीएसपी भदौरिया अपने रसूक के कारण 11 साल से ग्वालियर चम्बल सम्भाग में पदस्थ है जिसमे 7 साल ग्वालियर में ही पदस्थ रहे है। जब इस प्रोजेक्ट में एडवांस बुकिंग करने बाले लोग सीएसपी ओर उनके पार्टनर को फोन करते है तो वो लोग एक 1/२ महीने की मोहलत मांगते है।

 

 

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