मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना में भेदभाव का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा...पीड़ित छात्र दे सकते हैं योजना को चुनौती

485 By 7newsindia.in Fri, Sep 15th 2017 / 09:53:49 प्रशासनिक     

जबलपुर|मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना में भेदभाव का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका हाईकोर्ट से वापस ले ली गई। मामले में माशिमं व सीबीएसई सहित आईसीएसई के अंकों में भेदभाव होने का आरोप लगाया गया था। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले पर हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा कि इस मुद््दे को वे छात्र चुनौती दे सकते हैं, जो पीड़ित हों। इस पर याचिका वापस लेने की अनुमति चाही गई, जिसे मंजूर करके युगलपीठ ने याचिका खारिज कर दी।

यह याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच युवा प्रकोष्ठ के मनीष शर्मा व उज्जैन निवासी रिषी शुक्ला की ओर से दायर की गई थी। याचिका में मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना को कठघरे में रखते हुए कहा गया था कि इस योजना के तहत माशिमं से कक्षा 12वीं में 75 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले छात्र को लाभ प्रदान किया जाना है, जबकि सीबीएसई व आईसीएसई में 85 फीसदी अंक वाले को ही योजना का लाभ मिलेगा। छात्रों के बीच किए गए उक्त भेदभावपूर्ण रवैये को कठघरे में रखते हुए यह जनहित का मामला दायर किया गया। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता अमित सेठ ने याचिका पर आपत्ति ली। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने याचिका बल न देने के कारण खारिज कर दी। 

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