अब तो शर्म करो .... आखिर कब तक जारी होते रहेगे माजाकिया आदेश, आयुक्त लोक शिक्षण के आदेश की कापी को कचडे के डब्बे में फेक देते है अधिकारी
रीवा । एक और जहां स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों से मात्र शिक्षक के कार्य और खासतौर पर विद्यालय में उपस्थित रहकर अध्यापन कार्य के लिए नित नए आदेश जारी किये जाते है, यहां तक कि विद्यालय में उपस्थित रहकर अध्यापन कार्य के संबंध में उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली नें भी आदेशित कर दिया, बावजूद इसके रीवा का शिक्षा विभाग इस तरह के आदेश को कोई तवज्जो नहीं देता और आयुक्त लोक शिक्षण के आदेशो को रद्दी की टोकरी में फेंक देता इससे पूर्व भी इस तरह के कई आदेश जारी हुए हैं लेकिन ना तो सँलग्नीकरण समाप्त हुआ और ना ही इस आदेश पर कोई अमल किया जाता है। यहां यह बताना आवश्यक है की सर्वाधिक संलग्नीकरण कहीं और नहीं बल्कि कलेक्टर रीवा,
जिला पंचायत रीवा, डीईओ कार्यालय रीवा के साथ ही बीईओ कार्यालय में भी है यहां किसी न किसी बहाने शिक्षक जुगाड़ लगा कर के आ जाते हैं और पढ़ाने के बजाए लिपकीय कार्य करने में ज्यादा मन लगाते हैं, यदि डीईओ कार्यालय के अटैचमेंट पर नजर डालें तो इंद्रवली पटेल, व्याख्याता एस.के.स्कूल रीवा, अल्केश तिवारी सहायक अध्यापक संकुल रतनगवा, विजय तिवारी, सहायक अध्यापक संकुल तिवनी, मिथलेश पटेल सहायक अध्यापक संकुल रहट, अनिल तिवारी, बी. डी. त्रिपाठी, प्रमोद सिंह भोलगढ, के अतिरिक्त शिक्षक ऐसे हैं जो हस्ताक्षर तो स्कूल में करते हैं किंतु दिन भर कार्यालय में ही रहते तो वही कलेक्टर कार्यालय रीवा में अशोक शुक्ला सहायक अध्यापक संकुल सेमरिया, रमेश तिवारी सहायक शिक्षक संकुल मझियार जिला पंचायत रीवा में अखिलेश मिश्रा हनुमना, आर पी सिंह सेगर, राहुल वर्मा हदी कपसा, बीईओ कार्यालय मार्तंड एक में अतुल श्रीवास्तव, सूर्यमणि पांडे खैरा चैरहटा, के साथ अन्य कई शिक्षक है। ऐसा नहीं है कि वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं जब भी बरिष्ठ कार्यालय से पत्राचार होता है तो मात्र एक लाइन लिख दिया जाता है कि कोई भी संलग्नीकरण इस कार्यालय में नहीं है जबकि सच्चाई यह है यही अटैचमेंट कर्मचारी यह उत्तर अधिकारी की मंशा से लिखकर भेजते आयुक्त लोक शिक्षण के इस पत्र के बाद अब देखना यह है कि सँलग्नीकरण समाप्त होता है या पूर्व की भांति मात्र कागज में ही सभी फॉर्मेलिटी पूरी कर दी जाती है।
संलग्नीकरण समाप्त करने के लिए हर माह जारी होते हैं आदेश
आयुक्त लोक शिक्षण, लोक शिक्षण संचनालय मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा हर माह एक से दो आदेश संलग्नीकरण समाप्त करने के लिए जारी किए जाते हैं लेकिन आदेशो पर अमल ना तो जिला पंचायत सीईओ, ना ही जिला शिक्षा अधिकारी और ना ही जिले के कलेक्टर, हालात यह हैं कि आयुक्त लोक शिक्षण के पत्र को डस्टबिन में डाल कर फेंक दिया जाता है जिले के अधिकारी अपने मनमौजी तरीके से कार्य करने में लगे रहते हैं, जिस शिक्षक में चढ़ोत्री चढ़ाई उसको कार्यालयो में अटैचमेंट कर दिया जाता है, अभी हाल ही में रीवा के मार्तंड क्रमांक तीन विद्यालय में खेल के नाम पर 19 शिक्षकों को अटैच किया गया है जिससे विद्यालय का अध्यापन कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है, यही हाल अन्य विद्यालयों का है, सूत्रों की माने तो रीवा जिले में कई ऐसे शिक्षक हैं जो अध्यापन कार्य छोड़ कर ठेकेदारी करते हैं और जब भी इनके पास विघ्यालय न जाने की नोटिस पहुंचती है, तो नोटिस देने वाले अधिकारी को एक राशि देकर नोटिस को रद्द कर देते हैं अगर जांच कराई जाए तो ऐसे भी शिक्षक मिलेंगे जो 6 माह से 1 वर्ष तक जेल भी हो आये है लेकिन न तो उन्हें निलंबन किया गया, निलंबन तो छोड़िए एक नोटिस तक शिक्षा विभाग नहीं जारी कर सका ।
कीमते होती है तय....
नोटिस जारी होने पर यदि निरस्त कराना है तो 5 हजार
निलंबन पर बहाली - एक माह तक 15 हजार, ज्याद समय होने पर 5 हजार हर माह, यदि 9 माह से ज्याद समय हुआ निल्रबन तो 50 हजार व वेतन का 15 प्रतिशत
बेतन वृधि बहाल कराना - एक बेतन वृधि 5 हजार, दो पर 10 हजार, तीन पर 25 हजार
Similar Post You May Like
-
80 हज़ार की रिश्वत लेते दूसरी बार आज फिर हुए गिरफ्तार
*दूसरी बार ₹80000 में ट्रेप हुए राजेश सिंह परिहार* SIDHI आज शुक्रवार दिनांक 21.7 .2023 को ₹80000 में राजेश सिंह परिहार सहायक आयुक्त एवं अनिरुद्ध पांडे हॉस्टल अधीक्षक आदिम जाति कल्याण सीधी रंगे हाथ पकड़े गए हैं | इसके पूर्व भी राजेश सिंह परिहार जिला संयोजक जनजाति कार्य विभाग शिवपुरी मे अपनी पदस्थापना के दौरान ₹80000 में अपने भृत्य अवधेश शर्मा के साथ दिनांक 22 मार्च 2022 को रंगे हाथ पकड़े
-
पत्रकारिता दिवस: 30 मई को प्रेस क्लब में लगाए जाएंगे दिवंगत पत्रकारों के छाया चित्र
सर्वेश त्यागी ग्वालियर। पत्रकारिता दिवस के अवसर पर 30 मई बुधवार को सांय 5 बजे फूलबाग स्थित प्रेस क्लब भवन में दिवगंत पत्रकारों के छायाचित्र अनावरण कार्यक्रम का आयोजन किया
-
रीवा (गंगेव/गढ़): अगडाल से कैथा तक बनायी जा रही 9 किमी घटिया गुणवत्ता की सड़क
रीवा (गंगेव/गढ़): मऊगंज प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत अगडाल से कैथा तक बनायी जा रही 9.4 किमी सड़क की घटिया गुणवत्ता की शिकायत ज़िले से लेकर केंद्र तक की गयी है जिस पर कई मर्तबा जां
-
राज्यसभा में निर्विरोध चुन लिए गए MP से गए पांचों नेता
राज्यसभा में रिक्त हुई सीटों पर मध्यप्रदेश से भेजे सभी पांचों उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। मध्यप्रदेश से भाजपा ने राज्यसभा के लिए अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोê
-
41 हजार शिक्षकों की ड्यूटी निर्वाचन में, 45 हजार पद खाली, प्रदेश में चौपट हो गई है शिक्षा व्यवस्था
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा विधायक बाबूलाल गौर ने प्रदेश की बदतर शिक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी ही सरकार पर हमला बोला। गौर ने कहा कि 41 हजार शिक्षकों की चुनाव में ड्यूट
-
विधानसभा में उठा सतना में 1000 Cr का सरकारी जमीन घोटाला
भोपाल: हेराफेरी कर एक हजार करोड़ की सरकारी जमीन निजी लोगों को दिए जाने का मामला बुधवार को प्रश्नकाल में उठा। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया कि सतना जिले के सोनोरा और
-
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संतुष्ट सीएम शिवराज सिंह पर सोशल मीडिया से नाराज..
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोशल मीडिया से काफी नाराज हैंं सोशल मीडिया के संदर्भ में उनका कहना है कि यह छवि खराब करता है। वो प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडि
-
Students' के फीडबैक से तय होगी college की grading, छात्र बताएंगे- professor ने कितना सिलेबस कराया और कैसा है पढ़ाने का तरीका
अब विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्र बताएंगे कि क्लास में टीचर ने कितना प्रतिशत सिलेबस कवर किया है और क्लास में शिक्षक पढ़ाने के लिए कितनी अच्छी तरह से होमवर्क करकेे आएं हंै?
-
MP में बेरोजगारी : जजों का सिर भी चकराया, कोर्ट में 57 चपरासियों के लिए 60 हजार आवेदन
ग्वालियर। मध्यप्रदेश में बेरोजगारी से इस बार जजों का सिर चकरा रहा है। दरअसल, ग्वालियर जिला कोर्ट में चपरासी के महज 57 पदों के लिए आवेदन बुलाए गये थे, जिसमें 60 हजार आवेदन आए हैं&
-
काम धीमा...तो केंद्र ने लगाई मप्र सरकार को फटकार
भोपाल। मध्यप्रदेश में नौकरशाही जमकर हावी है, जिसके चलते अफसर किसानों को लेकर फिर से लापरवाही बरत रहे है।एक तरफ प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान खेती को लाभ का धंधा बतान