अब तो शर्म करो .... आखिर कब तक जारी होते रहेगे माजाकिया आदेश, आयुक्त लोक शिक्षण के आदेश की कापी को कचडे के डब्बे में फेक देते है अधिकारी

792 By 7newsindia.in Fri, Sep 15th 2017 / 13:20:21 प्रशासनिक     

रीवा । एक और जहां स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों से मात्र शिक्षक के कार्य और खासतौर पर विद्यालय में उपस्थित रहकर अध्यापन कार्य के लिए नित नए आदेश जारी किये जाते है, यहां तक कि विद्यालय में उपस्थित रहकर अध्यापन कार्य के संबंध में उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली नें भी आदेशित कर दिया, बावजूद इसके रीवा का शिक्षा विभाग इस तरह के आदेश को कोई तवज्जो नहीं देता और आयुक्त लोक शिक्षण के आदेशो को रद्दी की टोकरी में फेंक देता इससे पूर्व भी इस तरह के कई आदेश जारी हुए हैं लेकिन ना तो सँलग्नीकरण समाप्त हुआ और ना ही इस आदेश पर कोई अमल किया जाता है। यहां यह बताना आवश्यक है की सर्वाधिक संलग्नीकरण कहीं और नहीं बल्कि कलेक्टर रीवा,

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 जिला पंचायत रीवा, डीईओ कार्यालय रीवा के साथ ही बीईओ कार्यालय में भी है यहां किसी न किसी बहाने शिक्षक जुगाड़ लगा कर के आ जाते हैं और पढ़ाने के बजाए लिपकीय कार्य करने में ज्यादा मन लगाते हैं, यदि डीईओ कार्यालय के अटैचमेंट पर नजर डालें तो इंद्रवली पटेल, व्याख्याता एस.के.स्कूल रीवा, अल्केश तिवारी सहायक अध्यापक संकुल रतनगवा, विजय तिवारी, सहायक अध्यापक संकुल तिवनी, मिथलेश पटेल सहायक अध्यापक संकुल रहट, अनिल तिवारी, बी. डी. त्रिपाठी, प्रमोद सिंह भोलगढ, के अतिरिक्त शिक्षक ऐसे हैं जो हस्ताक्षर तो स्कूल में करते हैं किंतु दिन भर कार्यालय में ही रहते तो वही कलेक्टर कार्यालय रीवा में अशोक शुक्ला सहायक अध्यापक संकुल सेमरिया, रमेश तिवारी सहायक शिक्षक संकुल मझियार जिला पंचायत रीवा में अखिलेश मिश्रा हनुमना, आर पी सिंह सेगर, राहुल वर्मा हदी कपसा, बीईओ कार्यालय मार्तंड एक में अतुल श्रीवास्तव, सूर्यमणि पांडे खैरा चैरहटा, के साथ अन्य कई शिक्षक है। ऐसा नहीं है कि वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं जब भी बरिष्ठ कार्यालय से पत्राचार होता है तो मात्र एक लाइन लिख दिया जाता है कि कोई भी संलग्नीकरण इस कार्यालय में नहीं है जबकि सच्चाई यह है यही अटैचमेंट कर्मचारी यह उत्तर अधिकारी की मंशा से लिखकर भेजते आयुक्त लोक शिक्षण के इस पत्र के बाद अब देखना यह है कि सँलग्नीकरण समाप्त होता है या पूर्व की भांति मात्र कागज में ही सभी फॉर्मेलिटी पूरी कर दी जाती है।

संलग्नीकरण समाप्त करने के लिए हर माह जारी होते हैं आदेश 
आयुक्त लोक शिक्षण, लोक शिक्षण संचनालय मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा हर माह एक से दो आदेश संलग्नीकरण समाप्त करने के लिए जारी किए जाते हैं लेकिन आदेशो पर अमल ना तो जिला पंचायत सीईओ, ना ही जिला शिक्षा अधिकारी और ना ही जिले के कलेक्टर, हालात यह हैं कि आयुक्त लोक शिक्षण के पत्र को डस्टबिन में डाल कर फेंक दिया जाता है जिले के अधिकारी अपने मनमौजी तरीके से कार्य करने में लगे रहते हैं, जिस शिक्षक में चढ़ोत्री चढ़ाई उसको कार्यालयो में अटैचमेंट कर दिया जाता है, अभी हाल ही में रीवा के मार्तंड क्रमांक तीन विद्यालय में खेल के नाम पर 19 शिक्षकों को अटैच किया गया है जिससे विद्यालय का अध्यापन कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है, यही हाल अन्य विद्यालयों का है,  सूत्रों की माने तो रीवा जिले में कई ऐसे शिक्षक हैं जो अध्यापन कार्य छोड़ कर ठेकेदारी करते हैं और जब भी इनके पास विघ्यालय न जाने की नोटिस पहुंचती है, तो नोटिस देने वाले अधिकारी को एक  राशि देकर नोटिस को रद्द कर देते हैं अगर जांच कराई जाए तो ऐसे भी शिक्षक मिलेंगे जो 6 माह से 1 वर्ष तक जेल भी हो आये है लेकिन न तो उन्हें निलंबन किया गया, निलंबन तो छोड़िए एक नोटिस तक शिक्षा विभाग नहीं जारी कर सका । 

          कीमते होती है तय....

नोटिस जारी होने पर यदि निरस्त कराना है तो 5 हजार

निलंबन पर बहाली - एक माह तक 15 हजार, ज्याद समय होने पर 5 हजार हर माह, यदि 9 माह से ज्याद समय हुआ निल्रबन तो 50 हजार व वेतन का 15 प्रतिशत 

बेतन वृधि बहाल कराना - एक बेतन वृधि 5 हजार, दो पर 10 हजार, तीन पर 25 हजार 

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