ब्लू व्हेल गेम टास्क के लिए आगरा से होशंगाबाद पहुंची गर्ल्स, फिर इनके साथ हुआ ये

478 By 7newsindia.in Fri, Sep 15th 2017 / 18:35:11 कानून-अपराध     
होशंगाबाद: ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल के टास्क पूरा करने के लिए टीन एजर्स कुछ भी करने को तैयार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला एमपी के होशंगाबाद में आया जहां आगरा से भागकर 2 लड़कियां आ गई थीं। इस तरह घर से भागकर किया टास्क पूरा...
परिवार ने किया सर्च, लोकल परिचित मिलने पहुंचे
रात को 8 बजे होशंगाबाद के वेटिंग हॉल में दोनों बैठी थीं।
घर से काफी देर तक गुम होने के कारण परिजनों ने उन्हें सर्च किया।
होशंगाबाद में होने की खबर लगने के बाद स्थानीय रिश्तेदारों को उनके पास पहुंचाया।
जीआरपी को आगरा से सूचना मिलने पर कार्यवाही कर छात्राओं को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया।
अब तक 130 लोगों ने दी जान
मप्र, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और केरल में स्टूडेंट्स ब्लू व्हेल के कारण सुसाइड कर चुके हैं।
होशंगाबाद मप्र में गेम सर्च करने में दूसरे स्थान पर है।
रूस में बना ये गेम भारत समेत चीन, अमेरिका और कई देशों में गेम 130 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है।
गेम में 50 दिनों का टास्क दिया जाता है। आखिरी में सुसाइड के लिए मजबूर किया जाता है।
केंद्र ने गेम को लेकर राज्यों को ऑर्डर दिए
जानलेवा ब्लू व्हेल गेम को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिए हैं।
इसके मुताबिक, इस गेम और दूसरे ऑनलाइन गेम्स को खेलने और खिलाने वाले पर पुलिस एक्शन लेगी।
गेम खिलाने वाले एडमिनिस्ट्रेटर पर एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा जाएगा।
22 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने फेसबुक, गूगल, याहू और केंद्र सरकार को शो कॉज नोटिस जारी किया था।
कोर्ट ने ब्लू व्हेल गेम के लिंक्स तुरंत हटाने के लिए इंटरनेट कंपनियों को ऑर्डर देने की मांग करने वाली पिटीशन पर केंद्र और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा।
कंपनियों को कोर्ट में जवाब देना है कि उन्होंने ब्लू व्हेल को रोकने के लिए क्या कदम उठाए। अगली सुनवाई 19 सितंबर को होनी है।
ब्लू व्हेल गेम नहीं एक ट्रैप (जाल)
टीन एजर्स गेम मानकर ब्लू व्हेल के जाल में फंस रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ब्लू व्हेल ऐप तलाशे जा रहे हैं, लेकिन असल में यह न तो गेम है और न ही ऐप है।
यह अपराधी किस्म के लोगों का एक ट्रैप (जाल) है, जो दुनियाभर में अब तक 130 से ज्यादा लोगों की जान ले चुके हैं। नासमझी में बच्चे इसके आसानी से शिकार बन रहे हैं।
‘ब्लू व्हेल’ के पीछे दिमाग है मास्को (रूस) के फिलिप बुडेईकिन का। उसे गिरफ्तार किया जा चुका है और वह तीन साल की सजा काट रहा है।
गेम से पहली मौत का मामला 2015 में आया था। गिरफ्तारी के बाद फिलिप ने कहा था, सुसाइड करने वाले सभी लोग 'बायो वेस्ट' थे।
गेम का मकसद ऐसे लोगों की समाज की सफाई करना है।
पहले भी 'ब्लू व्हेल गेम' का टास्क पूरा करने लड़के ने छोड़ा घर
10-11 अगस्त को महाराष्ट्र के सोलापुर में 14 साल का बच्चा ब्लू व्हेल गेम का स्टेज पूरा करने घर छोड़कर पुणे जा रहा था।
माता-पिता के लिए छोड़े नोट में बच्चे ने लिखा था, ‘मैं पुणे जा रहा हूं। मेरी लौटने की कोई योजना नहीं है।’ हालांकि, समय रहते पुलिस ने उसे ढूंढ लिया गया।
बाल कल्याण समिति ने परिजनों को सौंपा

बुधवार दोपहर बाद बाल कल्याण समिति की स्पेशल बैंच बाल संरक्षण कार्यालय में लगाई। इसमें बाल कल्याण समिति के सदस्य अनिल झा और अफरोज खान ने सुनवाई कर छात्राओं को परिजनों को सौंप दिया। परिजनों के दस्तावेजों को जांच करने के बाद यह कार्यवाही की।
विजय चौहान, बाल संरक्षण अधिकारी
स्कूल बैग और मोबाइल थे
रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम से मिली दोनों लड़कियों को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। इनके पास स्कूल बैग और मोबाइल थे।
एसएन मिश्रा, जीआरपी के चौकी इंचार्ज

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