MP : गर्भवती महिलाओं काे दिये जाने वाला ढाई करोड़ का पोषण आहार डकार गए अधिकारी
‘‘ गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार में जमकर फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है मऊगंज परियोजना में पोषण आहार के 1250 बैग गायब होने के बाद की गई शिकायत में बनाई गई चार सदस्य जांच कमेटी ने यह माना है कि अकेले मऊगंज परियोजना में 2 करोड़ 70 लाख 21 हजार रुपए की सामग्री गायब हुई है ‘‘
रीवा । मऊगंज परियोजना में एमपी एग्रो के तहत अप्रैल 2015 एवं 16 के बीच आवंटित किए गए पूरक पोषण आहार के 1250 बैग गायब किए गए थे, जिसकी शिकायत के बाद चार सदस्यी जांच कमेटी का गठन किया गया था, एसडीएम मऊगंज कृष्ण चैतन्य के नेतृत्व में की गई जांच के बाद यह पाया गया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार में व्यापक
गडबड़िया की गई है, कमेटी में रोजगार अधिकारी अनिल दुवे, महिला बाल विकास अधिकारी जीवेन्द्र सिंह एवं कार्यक्रम अधिकारी शामिल थे, बताया गया है कि मऊगंज परियोजना में गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार में गायब किए गए बैंग के सामग्री की कीमत 2 करोड़ 70 लाख 21 हजार रुपए बताई गई है, जांच कमेटी द्वारा कलेक्टर को दिए गए प्रतिवेदन के बाद भी ना तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध एफआरआई दर्ज किए गए और ना ही कोई कार्यवाही की गई है, चैंकाने वाली बात यह है कि पूरे जिले में दिये जा रहे पूरक पोषण आहार के गोलमाल पर मैदानी स्तर के अधिकारियों से लेकर जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी संलिप्तता है यही वजह है कि जांच के बाद भी पूरे मामले को पूरी तरह से दबा दिया गया है।
ठंडे बस्ते में पड़ी फाइल पूरक
पोषण आहार के इस घोटाले की जांच के बाद जांच कमेटी द्वारा जो प्रतिवेदन जिला कलेक्टर को सौंपा गया था उसमें यह स्पष्ट किया गया था कि स्टॉक पंजी के निरीक्षण के दौरान 1250 बैग चालन क्रमांक 44 के माध्यम से दिए गए थे जो गायब है जांच कमेटी द्वारा तत्कालीन कलेक्टर को दिए गए प्रतिवेदन में यह स्पष्ट किया गया था कि संबंधित अधिकारी द्वारा गोलमाल किया गया है उस पर एफआरआई होना चाहिए तथा ऐसे कर्मचारियों को निलंबित करना चाहिए। ताजुब की बात यह है कि 1 वर्ष पूर्व दिए गए जांच प्रतिवेदन के बाद भी वह फाइल धूल खा रही है।
10 हजार का एक बैग
पूरक पोषण आहार के जो बैंग एमपी एग्रो द्वारा गर्भवती महिलाओं को दिए जाते हैं उनके एक बैग की कीमत तकरीबन 10 हजार बताई गई है , जानकारी में बताया गया है कि एक गर्भवती महिला को 9 माह में 96 किलो पोषण आहार जरूरी होता है जो नहीं दिया जा रहा है इस संबंध में महिला बाल विकास अधिकारी नयन सिंह से जानकारी के लिए संपर्क किया गया पर उनसे सम्पर्क नही हो सका ।
स्टॉक पंजी से पकड़ में आया मामला
मऊगंज परियोजना में किए गए 2 करोड़ 70 लाख 21 हजार रुपए के फर्जीवाड़े का मामला स्टॉक पंजी के निरीक्षण के बाद पकड़ में आया है , बताया गया है कि एमपी एग्रो द्वारा पूरे जिले के लिए आवंटित किए जाने वाले पूरक पोषण आहार में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को यह बैग लिए जाते हैं खास बात यह है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आवंटित पूरक पोषण आहार के ज्यादा मात्रा में हस्ताक्षर करवाया उन्हें कम मात्रा में दी जाती थी बताया गया है कि बचा हुआ पूरा पोषण आहार ऊंची कीमत पर बाजार में बेच दिया जाता है इस तरह का यह कोई नया मामला नहीं है पूरे जिले में शासन द्वारा गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार में खेल किया जा रहा है ।
सभी परियोजनाओ की हुई जांच तो अरबों का होगा मामला
पूरक पोषण आहार में अभी केबल मऊगंज परियोजना की जांच में ही ढाई करोड़ घोटाले का मामला सामने आया है यदि रीवा जिले के सभी परियोजना कार्यालयों की जांच कराई जाए तो अरबों रुपए का घोटाला सामने आएगा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस पूरे हेराफेरी के मामले में परियोजना अधिकारी सहित जिले के आला अधिकारी भी सम्मिलित रहते हैं इतना ही नहीं आंगनवाड़ी केंद्रों में भी जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है ।
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