ड्रीम इंडिया स्कूल में 200 से ज्यादा बच्चों को स्कूल के ही 12 शिक्षकों ने स्कूल के अंदर बनाया बंधक
रीवा। निजी विद्यालयों में लगातार बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं शनिवार को मध्य प्रदेश के रीवा जिले में विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत ड्रीम इंडिया स्कूल आनंदपुर में 200 से ज्यादा बच्चों को स्कूल के ही 12 शिक्षकों ने स्कूल केअंदर बंधक बना लिया, शिक्षकों की मांग की थी उन्हें मार्च माह का वेतन तत्काल भुगतान स्कूल प्रबंधन द्वारा तत्काल दिया जाए, लगभग 3 घंटे तक बंधक रहे छात्रों को न तो जिला प्रशासन और न ही शिक्षा विभाग के कोई अधिकारी मुक्त कराने पहुंचे, हालांकि मीडिया नें बच्चो को मुक्त कराने एहम भूमिका निभाई और सभी
शिक्षकों से बातचीत कर बच्चो छोडने के लिये कहा जिसके बाद उन शिक्षकों ने मीडिया की बातों को मानते हुए सभी छात्रों को मुक्त कर दिया, बताया गया है कि ड्रीम इंडिया स्कूल का मुख्यालय 2nd Floor Uday nandan Heights, Chintalkunta, janapriya Homes, Beside SURABHI restaurant, Vanasthalipuram हैदराबाद में स्थित है , जबकि प्रदेश का मुख्यालय भोपाल में, ड्रीम इंडिया स्कूल की मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रदेशो में 370 स्कूल संचालित है जिसमें आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ ,गुजरात, मध्यप्रदेश , उड़ीसा, राजस्थान, तेलंगाना , उत्तर प्रदेश और वेस्ट बंगाल में विद्यालय चल रही है ,शनिवार को रीवा में जिस तरह 200 से ज्यादा छात्रों को 12 शिक्षकों ने एक माह के वेतन ना मिलने पर बंधक बनाया उससे अब निजी विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं , बताया गया कि ड्रीम इंडिया स्कूल आनंदपुर रीवा के १२ शिक्षक जिसमें नागेन्द्र वर्मा, जानवी मिश्रा, ज्योति शुक्ला, अवधेश मिश्रा, वंदना सिंह, अपर्णा पांडे, पदमा सिंह, सहित अन्य शिक्षक शामिल है, जैसे ही बच्चों के बंधक होने की जानकारी मीडिया को लगी तुरंत विद्यालय पहुंचे तकरीबन डेढ़ घंटे तक शिक्षकों और मीडिया की बातचीत होने के बाद शिक्षकों ने छात्रों को मुक्त किया इस दौरान शिक्षकों ने बाहरी गेट पर ताला बंद कर दिया था और सभी छात्रों को स्कूल के ग्राउंड में बैठा कर दिया गया था मौके पर जिले के कोई भी वरिष्ठ अधिकारी नहीं पहुंचे , बंधक बनाए जाने के मामले की जाचं करने 2 पुलिसकर्मी पहुंचे थे, लेकिन शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा, अपने आप को तेज तर्राट मानने वाले रीवा डीईओ बृजेश मिश्रा भी इस पूरे मामले में अनभिज नजर आये। स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में बोलने से मना कर दिया ।
सैलरी नहीं मिली तो बच्चों को बनाया बंधक निजी विद्यालय बने कमाई का जरिया
इस पूरे मामले में प्रशासन बना मुक दर्शक
बोर्ड में लिख स्लोगन : बच्चों की पूर्ण शैक्षणिक जिम्मेदारी....
9 राज्यों में फैला ड्रीम इंडिया स्कूल का मायाजाल
बंधक बनाने वाले शिक्षकों का कहना था कि उन्होंने कई बार मुख्यालय वह स्कूल प्रबंधक को मार्च माह का वेतन देने के लिए कहा लेकिन उनकी आज तक कोई भी सुनवाई नहीं की गई जिसके बाद मजबूरी में उन्होंने यह निर्णय लेना पड़ा कि बच्चों को भी स्कूल के अंदर बंद कर अपनी माग प्रबंधन के सामने रखी लेकिन इसके बाद भी प्रबंधन ने कोई निर्णय व आश्वासन नहीं दिया है हालांकि आज बच्चों को जाने दिया है तो वही सोमवार को विद्यालय बंद रहेगा, यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो आगे भी विद्यालय बंद किए जाने पर विचार विमर्श किया जाएगा।
निजी विद्यालय अभिभावकों से मोटी रकम वसूलते हैं लेकिन स्कूल के शिक्षकों को बेहद ही कम सैलरी दी जाती है जबकि शिक्षकों पर निजी विद्यालयों द्वारा लगातार दबाव भी बनाया जाता है यदि वे 5 मिनट भी लेट हुए तो उनका वेतन काट लिया जाता है लाखों रुपए मिलने पर यह निजी विद्यालय के संचालक ऐसो आराम की जिंदगी जीते हैं और ये शिक्षक अपने ही मेहनताना के लिये लड रहे है।
रीवा के ड्रीम इंडियन स्कूल मैं आज 200 से ज्यादा छात्रों को बंधक बना लेने के मामले में जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग पूरी तरह से अपने आप को दूरी बनाए रखा,3 घंटे तक बंधक रहे छात्रों की जानकारी लेने कोई भी आलाधिकारी नही आया, यह भी जानने की कोशिश नहीं की कि छात्र किन हालातों में है कहने को तो जिला शिक्षा अधिकारी बेहद ही तेज तर्रार माने जाते हैं और यदि फाइल में थोड़ी सी भी गड़बड़ी हो तो उसे महीनों लटका देते हैं नियमों का सख्त पालन करने वाले जिला शिक्षा अधिकारी भी आज 200 से ज्यादा बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम साबित हुए तो वही कलेक्टर भी अपने आप को इस पूरे मामले सें दूरी बनाए रखें, जिले की हालात यह है कि निजी विद्यालयों में क्या हो रहा है इसको लेकर प्रशासन से कोई मतलब नहीं है, निजी विद्यालय जब चाहे तब स्कूलों में अवकाश कर दें जब चाहे तो टाइम बदल दे और यहां तक कि अब बच्चों को भी अपने स्वार्थों के लिए बंधक बनाने लग गये... या यूं कहें कि बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने में अब यह निजी विद्यालय भी पीछे नहीं है और पूरा प्रशासन....
आनंदपुर में संचालित ड्रीम इंडिया स्कूल के बोर्ड में बड़े ही मोटे अक्षरों से लिखा हुआ है कि Complete Acsdemic Responsibility Of The Child.... अर्थार्थ बच्चों की पूर्ण शैक्षणिक जिम्मेदारी .... लेकिन जब जिम्मेदारी लेने का समय है तो स्कूल प्रबंधन गायब नजर आया 3 घंटे तक बंधक बनाए गए 200 से ज्यादा बच्चे अपने परिजनों से मिलने के लिए छटपटाते रहे लेकिन स्कूल प्रबंधन कहीं नजर नहीं आया मात्र 1 माह की सैलरी के लिए इन बच्चों को स्कूल में ही स्कूल के ही शिक्षकों ने बंधक बना लिया था
ड्रीम इंडिया स्कूल का मायाजाल 9 राज्यों में फैला हुआ है जिसमें मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओड़िसा, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, वेस्ट बंगाल शामिल है इन सभी राज्यों में 370 स्कूल संचालित हैं जिसमें लगभग 12500 का स्टॉप है रीवा के विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत आनंदपुर में ड्रीम इंडिया स्कूल में संचालित है ड्रीम इंडिया स्कूल की वेबसाइट में जो पता रीवा का दिया गया है उसमें ड्रीम इंडिया स्कूल रीवा एड्रेस सौदामिनी नर्सिंग कॉलेज आनंदपुर रीवा बताया गया है
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