MP : झोपड़ी का बिल 14 लाख, कलेक्टर का बिल 200 रूपये भी नही

522 By 7newsindia.in Sun, Nov 12th 2017 / 20:27:16 प्रशासनिक     

रीवा । मीटर की रत्तार धीमी है या बिलिंग में गोलमाल है। सिविल लाइन कॉलोनी में रहने वाले प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के बंगले गफलत की बिजली से रोशन हो रहे हैं। इसका प्रमाण उनके यहां आने वाला बिजली बिल बयां कर रहा है। विलासिता के अत्याधुनिक साधन होने के बाद भी इन बंगलों का एक माह का बिल 150 रुपये तक ही आता है। जबकि एक बत्ताी कनेशन लेने वाले गरीबों को हजारों और लाखों की बिलिंग की जा रही है। बिजली विभाग के इस दोहरे मापदण्ड का उदाहरण तत्कालीन आईजी रीवा जोन आशुतोष राय और कलेटर प्रीति मैथिल के शासकीय आवास में की गई बिलिंग है।

एक बत्ताी कनेशन से भी कम का दिया जा रहा बिल, सितंबर में कलेटर और आईजी के यहां हुई शून्य यूनिट की बिलिंग
इसके पहले भी इन अधिकारियों के बंगले में इसी तरह की बिलिंग हुई है। जबकि ललपा तालाब निवासी राधा साहू का 75 वॉट के कनेशन का सितंबर माह का 14,50,076 रुपये का बिल पूर्व में जारी हो चुका है। मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी रीवा सर्किल के अंतर्गत पिछले चार माह से बिजली बिलों में गड़बड़ी आ रही है। एक बाी कनेशन वाले उपभोक्ताओं को हजारों और लाखों रुपये का बिल भेजा जा रहा है।Photo


कलेक्टर आवास

आईवीआरएस क्रमांक - 8399352000 

आईजी आवास 

आईवीआरएस क्रमांक - 9750605796

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   Photo  150 यूनिट से अधिक नहीं होती बिलिंग  बिजली कंपनी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों के बंगले की रीडिंग नहीं होती है, आकलन खपत की बिलिंग की जाती है, बिजली कर्मचारी अधिकतम 150 यूनिट तक की बिजली बिलिंग करते हैं, सूत्रों की माने तो सिविल लाइन कॉलोनी में स्थित अधिकारियों के बंगलों में एक कमरे की लाइट मीटर से चलती है जबकि अन्य के लिए बाईपास होता है।



 इसे बिजली अधिकारी कम्प्यूटर में फीडिंग की गड़बड़ी बता रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस तरह की गड़बड़ी केवल आम उपभोक्ताओं को बिल में ही हो रही है। वहीं, प्रशासन और पुलिस के अधिकारी समेत शहर के हाईप्रोफाइल लोगों को उपकृत करने के लिए औसत से भी कई गुना नीचे बिलिंग की जा रही है। सितंबर में कलेटर प्रीति मैथिल के शासकीय बंगले का बिल 119 रुपये और तत्कालीन आईजी आशुतोष राय के बंगले का बिल 133 रुपये आया है। अन्य अधिकारियों का भी यही हाल यह हाल अकेले आईजी और कलेटर बंगले का नहीं है। बल्कि सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाले प्रशासन के तमाम अधिकारियों के बंगले का है, जहां पर अधिकतम बिल 500 से हजार रुपये का दिया जाता है। जबकि इन बंगलों में एसी, टीवी, कूलर, वाशिंग मशीन, बड़ी संख्या में पंखे और लाइट लगी हैं। इतना ही नहीं ठंड में बंगलों में हीटर भी लगते हैं।

 

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