छात्रसंघ चुनाव फिक्स थे,पहले ही तय हो गए थे कक्षा प्रतिनिधि और पदाधिकारी: निर्वाचन अधिकारियों का खुलासा

447 By 7newsindia.in Tue, Nov 28th 2017 / 20:13:35 राजनीति     
ग्वालियर / सर्वेश त्यागी
उच्चशिक्षा विभाग द्वारा सोमवार को निजी कॉलेजों में कराए गए छात्र संघ चुनाव पहले से फिक्स थे इसका खुलासा निर्वाचन अधिकारी ने किया। उन्होंने कहा कि 20 दिन पहले कक्षा प्रतिनिधि और पदाधिकारी तय हो गए थे, इशलिये शहर के 152 कॉलेजों में से सिर्फ तीन कॉलेजों में मतदान हुआ।
इससे चुनाव के पहले चल रही सब कुछ फिक्स हो जाने की चर्चा को बल मिला है। कुछ निर्वाचन अधिकारियों ने भी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सब कु छ पहले से ही तय हो गया था। हालांकि, छात्रसंघ चुनाव के लिए हाईकोर्ट तक जाने वाली एनएसयूआई के मैदान छोड़ देने को भी इस एकतरफा नजारे का जिम्मेदार बताया जा रहा है। काफी कुछ श्रेय एबीवीपी की सटीक प्लानिंग को भी दिया जा रहा है। बड़े नेताओं से सपोर्ट न मिलने और आपसी फूट की वजह से एनएसयूआई चुनावी मैदान से बाहर हो गई। इससे एबीवीपी ने सभी कॉलेजों में अपने प्रत्याशी खड़े कर शहर के टॉप 30 कॉलेजों में कब्जा जमाया।

निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि निजी कॉलेजों में चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले निजी कॉलेज संचालकों ने तीन चरणों में बैठकों का आयोजन किया। इनमें कक्षा प्रतिनिधि और पदाधिकारियों के सिलेक्शन की प्लानिंग की गई। कुछ चुनाव अधिकारियों ने इस बात का जिक्र जेयू के गालव सभागार में 22 नवंबर को हुई बैठक में भोपाल से आए उच्च शिक्षा अधिकारियों के सामने भी किया था। तब उनकी बात अनसुनी कर दी गई थी। सूत्रों के अनुसार इस फिक्सिंग की भनक एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को लगी। उन्होंने अपने वरिष्ठ नेताओं को बताया, लेकिन ऊपर से कोई सपोर्ट नहीं मिला। चार गुटों में बंटी एनएसयूआई ने दूसरी कोशिश के रूप में कॉलेज प्राचार्यों से संपर्क किया।यहां से उन्हें कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो उन्होंने मैदान छोड़ दिया।

डमी बने चुनाव अधिकारी।
कॉलेजों में पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी तो रही, लेकिन चुनावी प्रक्रिया कॉलेजों ने अपने स्तर पर पूरी की। पूरे चुनाव के दौरान चुनाव अधिकारी डमी बने रहे। ज्यादातर कॉलेज संचालकों ने उन्हें चुनाव की प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करने दिया।

छात्रों का विरोध भी दबाया।
शहर में प्रतिनिधि के चुनाव के दौरान करीब कुछ निजी कॉलेजों में सीआर चुने छात्रों ने पदाधिकारियों के मनोनयन पर सवाल भी उठाए। लेकिन उन्हें गोपनीयता की बात कहकर दबा दिया गया। जिससे चुनाव के दौरान कोई बड़ी घटना नहीं हुई।

देर रात तक डाटा जुटाते रहे अधिकारी।
एडी कार्यालय और लीड कॉलेज साइंस में अधिकारी देर रात तक कॉलेजों में हुए निर्वाचन का डाटा उच्चशिक्षा विभाग भेजते नजर आए। अंचल में निजी कॉलेजों से डाटा संबंधित लीड कॉलेज ने एकत्रित किया। यहां से उसे एडी कार्यालय भेजा गया। जेयू के चुनाव अधिकारी डॉ. केशव सिंह गुर्जर ने माधव कॉलेज, बीआईएमआर, माधव कॉलेज और ड्रीमवैली कॉलेज का निरीक्षण किया।

 अंचल की स्थिति
जिले     कॉलेज      प्रतिनिधि
ग्वालियर 152        2280
भिंड         76         1140
मुरैना        64           930
दतिया        27         405
शिवपुरी      15         225
श्योपुर        14          210
अशोकनगर  09         135
गुना             15       225

अभाविप के वेश में भाजपा चुनाव लड़ रही है। उन्होंने पहले ही सभी कॉलेज संचालकों की बैठक लेकर सीआर और कक्षा प्रतिनिधियों के नाम फाइनल कर दिए थे, आज तो सिर्फ रस्म अदायगी थी। पूर्व में हुए चुनावों में भी हमारे साथ बेईमानी की गई थी, इनमें भी नियमों को ताक पर रखा गया। हमें कॉलेजों के अंदर जाने तक की परमीशन नहीं दी गई।
"जीतू राजौरिया,जिलाध्यक्ष, एनएसयूआई"

अभाविप ने शहर के 30 टॉप कॉलेजों और अंचल में जीत दर्ज कर अपनी विश्वसनीयता का परिचय दिया है। एनएसयूआई के आरोप निराधार है। चुनाव में पूरे नियमों का पालन किया गया।
"गौरव मिश्रा, जिलाध्यक्ष, अभाविप"


कॉलेजों में हुए चुनाव का डाटा जैसे-जैसे हमारे पास आता जा रहा है, वैसे वैसे हम शासन को भेज रहे हैं। चुनाव सभी जगह अच्छी तरह से संपन्न हुए।
डॉ. सरोज मोदी,एडी, उच्चशिक्ष विभाग

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