पाँच दिनों तक सुरों की बारिश से सराबोर रहेगा ग्वालियर

383 By 7newsindia.in Thu, Dec 21st 2017 / 20:03:53 मध्य प्रदेश     

भारतीय शास्त्रीय संगीत का शीर्षस्थ महोत्सव श्तानसेन समारोहश् आज सेए केन्द्रीय मंत्री तथा प्रदेश के मंत्रिगणों के आतिथ्य में होगा अलंकरण एवं शुभारंभ समारोह 

ग्वालियर : ग्वालियर सहित देश और दुनियाभर से आए संगीत रसिक पाँच दिनों तक सुरए ताल व राग की बारिश में सराबोर रहेंगे। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव श्तानसेन समारोहश् संगीत की नगरी ग्वालियर में 22 दिसम्बर को शुरू हो रहा है। राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण समारोह एवं शुभारंभ समारोह इस दिन सायंकाल 7 बजे हजीरा स्थित तानसेन समाधि परिसर में बटेश्वर मंदिर की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर आयोजित होगा। 

    तानसेन समारोह का शुभारंभ एवं राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण समारोह केन्द्रीय ग्रामीण विकासए पंचायतीराजए पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमरए प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंहए उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री जयभान सिंह पवैयाए जिले के प्रभारी एवं किसान कल्याण व कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन तथा राज्य मंत्री ;स्वतंत्र प्रभारद्ध संस्कृति एवं पर्यटन श्री सुरेन्द्र पटवा के आतिथ्य में आयोजित होगा। अलंकरण समारोह में सांसद श्री प्रभात झाए महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकरए विधायकगण सर्वश्री नारायण सिंह कुशवाहए भारत सिंह कुशवाहए लाखन सिंह यादव व श्रीमती इमरती देवी तथा जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मनीषा भुजवल सिंह यादव को भी बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया है। 

    राज्य शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी और मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा तानसेन समारोह का आयोजन किया जाता है।

सुप्रतिष्ठित गायक पंण् कशालकर राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से होंगे विभूषित

    ग्वालियर घराने के सुप्रतिष्ठित गायक पण्डित उल्हास कशालकर को वर्ष 2016.17 के राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से अलंकृत किया जायेगा। पंण् कशालकर पारंपरिक शुद्धता तैयारी और माधुर्य से परिपूर्ण गायन के लिये दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। आपकी गायकी में ग्वालियर और जयपुर घराने की विशेषताओं का सुरीला सामंजस्य है। पंण् कशालकर ख्याल गायन के साथ मराठी नाट्य संगीत में भी निपुण हैं। उन्होंने संगीत की पारंपरिक शिक्षा अपने पिताश्री नागेन्द्र दत्तत्रय कशालकर से ग्रहण की। इसके बाद संगीत की विधिवत तालीम नागपुर के श्री प्रभाकर राव खड़नवीस से हासिल की। प्रसिद्ध संगीतकार पंण् राम मराठे और पंण् गजानन राव जोशी का भी उन्हें सानिध्य प्राप्त हुआ। पंण् कशालकर ने नागपुर संगीत विद्यापीठ से स्वर्णपदक के साथ संगीत में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की है। 

इन्हें मिलेगा राजा मानसिंह तोमर राष्ट्रीय सम्मान

    अलंकरण समारोह में आधा दर्जन राजा मानसिंह तोमर राष्ट्रीय सम्मान भी प्रदान किए जायेंगे। वर्ष 2011.12 के लिये गुरू केलुचरण महापात्रा.ओडिसी नृत्यबासाए वर्ष 2012.13 के लिये त्रिवेणी कला संगमए वर्ष 2013.14 के लिये रंगश्री लिटिल बैले ग्रुपए वर्ष 2014.15 के लिये बॉम्बे आर्ट सोसायटीए वर्ष 2015.16 के लिये श्री इदगुंजी महागणपति यक्षगान मंडलीए कनार्टक एवं वर्ष 2016.17 के राजा मानसिंह तोमर राष्ट्रीय सम्मान से सुश्री नांदीकर कोलकता को अलंकृत किया जायेगा। 

कुल 9 संगीत सभायें होंगीं और गूजरी महल में सजेगी अंतिम सभा

   इस बार के समारोह में कुल 9 संगीत सभायें होंगी। पहली 7 संगीत सभायें सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगीं। समारोह की आठवीं सभा सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी। किला स्थित गूजरी महल परिसर में ही इस बार भी नौवीं एवं आखिरी संक्षिप्त संगीत सभा 26 दिसम्बर को सायंकाल आयोजित होगी। 

इस बार भी विश्व संगीत की प्रस्तुति

   इस बार के संगीत समारोह में भी गत वर्ष की भाँति विश्व संगीत को भी शामिल किया गया है। समारोह में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विदेशी संगीत साधक प्रस्तुतियाँ देंगे। इनमें स्वीडनए रशियाए ब्राजीलए फ्रांस व यूएसए आदि देशों के स्थापित कलाकार शामिल हैं।  

 दस्तावेज एवं धरोहर प्रदर्शनी

    तानसेन समारोह पर केन्द्रित कलात्मक छायाचित्रों की प्रदर्शनी भी पूर्व वर्षों की भाँति मुख्य समारोह स्थल पर 22 से 25 दिसम्बर तक लगाई जायेगी। तानसेन समारोह की स्मृतियों के छायाचित्र श्दस्तावेजश् प्रदर्शनी में सजाए जायेंगे। साथ ही श्धरोहरश् में संगीत रचनाओं की पांडुलिपियाँ कलारसिकों के अवलोकनार्थ उपलब्ध रहेंगी। अभिव्यक्ति प्रदर्शनी में सुश्री प्रीति राणा बहरीन की संगीतकारों पर केन्द्रित चित्रों की प्रदर्शनी भी समारोह की अवधि में तानसेन समाधि स्थल पर देखी जा सकेगी। 

रंग संभावना

    तानसेन समारोह के दौरान ग्वालियर क्षेत्र की कला के प्रोत्साहन स्वरूप शासकीय ललितकला महाविद्यालय में श्रंग संभावनाश् शीर्षक से प्रदर्शनी लगाई जायेगी। यह प्रदर्शनी कला प्रेमियों को अपनी कला के साक्षात्कार करने का माध्यम बनेगी। यह प्रदर्शनी 22 से 26 दिसम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से सायंकाल 6 बजे तक जन सामान्य के लिये खुली रहेगी। 

प्रातरूकाल में हरिकथा व मीलाद का गायन

    गान महर्षि तानसेन की स्मृति में आयोजित होने वाले ष्तानसेन समारोहश्श्श्श्श्श्श्श् के अपने अलग ही रंग हैं। समारोह के शुभारंभ दिवस को प्रातरू काल में तानसेन की समाधि पर सामाजिक समरसता के सजीव दर्शन होते हैं। इस बार भी 22 दिसम्बर को प्रातरू काल 10 बजे तानसेन की समाधि पर पारंपरिक रूप से हरिकथा व मीलाद का गायन होगा। 

प्रथम सभा में इनकी होगी प्रस्तुति

    पंण् उल्हास कसालकर पुणे गायनए श्री सुवेन्द्र राव दिल्ली सितार वादन तथा श्री संजीव झा एवं श्री मनीष कुमार भोपाल ध्रुपद गायन जुगलबंदी। इस सभा का शुभारंभ शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। 

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