अध्यापकों के विरोध पर सियासत, महिलाओं का मुंडन कराना शास्त्र विधान के विरुद्ध : राष्ट्रीय एकता परिषद

426 By 7newsindia.in Sun, Jan 14th 2018 / 13:48:36 मध्य प्रदेश     

भोपाल। एक तरफ महिला अध्यापकों को अपने हक के लिए मुंडन कराने पर मजबूर होना पड़ा है वही रमेश शर्मा ने विरोध के इस तरीके पर ही सवाल खड़े कर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर अध्यापक लम्बे समय से आंदोलन कर रहे हैं।  महिला अध्यापकों ने सरकार की वादा खिलाफी से नाराज होकर ने शनिवार को मुंडन करवाकर अपना विरोध जताया। सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए आजाद अध्यापक संघ की प्रांताध्यक्ष शिल्पी शिवान सहित 3 महिला अध्यापकों और एक अध्यापक की पत्नी ने सिर मुंडा लिया। महिला अध्यापकों के बाद कई पुरुष अध्यापकों ने भी मुंडन करवाया। इस तरह के विरोध के अब प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। इधर विपक्ष इस मुद्दों को लेकर सरकार को घेर रहा है तो उधर राष्ट्रीय एकता परिषद ने महिलाओं के इस तरह से मुंडन कराए जाने पर आपत्ति जताई है। 

दरअसल, राष्ट्रीय एकता परिषद मप्र के उपाध्यक्ष रमेश शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से महिला अध्यापकों के इस तरह से मुंडन कराए जाने पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने इसे धर्म के विरुद्ध बताया है। उन्होंने लिखा है कि ''महिलाओं का सार्वजनिक मुंडन कराना सनातन परंपरा और शास्त्र विधान के विरुद्ध है। ये मनोरोग है अथवा धर्म द्रोहियों के हमले का नया तरीका।''

वहीं जब इस मामले पर जब एमपीब्रेकिंग न्यूज ने आजाद अध्यापक संघ की प्रांत प्रमुख सारिका अग्रवाल से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि ये  पिछले 18 सालों से प्रदेश के ढाई लाख से ज्यादा अध्यापक प्रदेश सरकार से प्रताडित है। अपनी मांगों को लेकर कई बार सरकार के सामने गुहार लगा चुके है, लेकिन आज तक सिर्फ कोरे आश्वासन के आलवा कुछ नहीं मिला। प्रदेश के मुखिया महिला शसक्तिकरण की बात तो करते है , लेकिन उस पर अमल नहीं करते है।

उन्होंने एकता परिषद के उपाध्यक्ष रमेश शर्मा के जवाब पर कहा कि ''यह धर्म और जाति की नहीं बल्कि हक की लड़ाई है।वैसे भी हम मानते है कि सबसे बड़ा धर्म अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना है।'' इसलिए हमने सरकार के खिलाफ मुंडन करवाकर अपना विरोध जताया है, और अध्यापकों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है। इसे धर्म से ना जोड़ा जाए।

गौरतलब है कि आंदोलन और अपनी घोषणा पर अमल करते हुए महिला अध्यापकों ने शनिवार को सरकार के रवैये के खिलाफ मुंडन कराया। अध्यापकों की मांग है कि शिक्षा विभाग में संविलियन, मृतक अध्यापकों के परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति, वेतन विसंगति, पदोन्नति और सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए। आंदोलन के तहत अब तक ज्ञापन, हड़ताल, रैली और प्रदर्शन किए गए लेकिन महिला अध्यापकों ने सरकार की वादा खिलाफी से नाराज होकर ये बड़ा कदम उठाया।इस घटना को लेकर प्रदेशभर में काफी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। 

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