मध्यप्रदेश में पिछले 2 वर्षों में 53% बेरोजगारी बढ़ी है: अक्षय हुँका

1021 By 7newsindia.in Sat, Feb 3rd 2018 / 17:37:39 उत्तर प्रदेश     

बेरोज़गारी का समाधान है, शिक्षित युवा रोजग़ार गारंटी बिल: राज प्रकाश
काम नही, तो वोट नही के लगे नारे
रीवा । प्रदेश में चरम पर पहुँच चुकी शिक्षित बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए स्वामी विवेकानंद जयंती एवं राष्ट्रीय युवा दिवस (12-जनवरी-2018) को बेरोजगार सेना का गठन किया गया था। मात्र एक पखवाड़ा पुराने इस आंदोलन में तेजी से लोग जुड़ रहे हैं। 15 दिनों के अंदर ही इस आंदोलन से 5000 से अधिक शिक्षित बेरोजगार जुड़ चुके हैं। इसको प्रदेश भर मे फैलाने के लिये बेरोजगार सेना प्रमुख अक्षय हुँका बुंदेलखंड तथा विंध्य के दौरे पर हैं । 

            बेरोजगार युवाओं की माँग उठाते हुये आज बेरोजगार सेना प्रमुख अक्षय हुँका एवं सेना के प्रदेश समिति सदस्य राज प्रकाश मिश्र के नेतृत्व मे सैकड़ो बेरोजगार युवाओं ने टाई पहन कर, खाली - थाली पीटकर रीवा के कॉलेज चौराहे मे ज़ोरदार प्रदर्शन किया ।बे

रोजगार सेना के राज प्रकाश मिश्र ने कहा कि शिक्षित युवा रोजगार गारंटी कानून व युवा आयोग बनाने से ही बेरोज़गारी और युवाओँ की विभिन्न समस्याओं का स्थाई समाधान होगा । साथ ही श्री मिश्र ने बताया की बेरोजगार सेना द्वारा एक मिस्ड कॉल न.(92854-00639) भी जारी किया गया जिस पर शिक्षित युवा आंदोलन के समर्थन मे मिस्ड कॉल देकर जुड़ सकते हैं।

हकीकत

मध्यप्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति भयावह हो चुकी है। महंगी डिग्रियां लेने के बाद भी युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। जिनके पास नौकरियां हैं भी उन्हें बेहद कम तनख्वाह मिल रही है चाहे अतिथि विद्वान हो, अतिथि शिक्षक हों या विभिन्न संविदा कर्मी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के हर 6वें घर में एक युवा बेरोजगार है और हर 7वें घर में एक शिक्षित युवा बेरोजगार बैठा है। वास्तविक स्थिति तो इससे भी कहीं ज्यादा खराब है।

सरकारी आंकड़े:

(1) मध्यप्रदेश में 21 से 30 वर्ष की आयु के लगभग 1 करोड़ 41 लाख युवा हैं।

(2) रोजगार कार्यालय के डाटा के अनुसार पिछले 2 वर्ष में मध्यप्रदेश में 53% बेरोजगार बढे हैं। 

(3) दिसम्बर 2015 में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 15.60 लाख थी जो दिसम्बर 2017 में 23.90 लाख हो गयी है। 

(4) प्रदेश के 48 रोजगार कार्यालयों ने मिलकर 2015 में कुल 334 लोगों को ही रोजगार उपलब्ध कराया है। 

(5) दिसम्बर 2011 में 10 बेरोजगारों में से 7 शिक्षित थे और 2017 में 10 में से 9 शिक्षित हैं, स्पष्ट है कि शिक्षित बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। 

(6) पिछले 10 वर्षों में जनसंख्या लगभग 20% बढ़ गयी है, लेकिन सरकारी नौकरिया बढ़ने की बजाये 2.5% कम हो गयी हैं। 

समस्या की जड़:

(1) सरकार स्वयं यह मानती है कि उनके पास बेरोजगारी से सम्बंधित सही आंकड़े नहीं हैं। जब समस्या के आंकड़े ही उपलब्ध नहीं हैं तो समाधान मिलने की आशा ही निराधार है। 

(2) मध्यप्रदेश में लगभग 1 लाख से अधिक सरकारी पद रिक्त हैं।

(3) प्रदेश में जैसे भारी मात्रा में "लैंड बैंक" उपलब्ध है वैसे ही भारी मात्रा में "ब्रेन बैंक" भी उपलब्ध है किन्तु उसे एक जगह सूचीबद्ध नहीं किया गया है। 

(4) प्रदेश के युवाओं के हितों को ध्यान में नहीं रखा गया है और प्रदेश में उपलब्ध नौकरियों में उनके लिए कोई आरक्षण नहीं है।

(5) अधिकारियों और नेताओं की अदूरदर्शिता के कारण प्रदेश भर के औद्योगिक क्षेत्र खस्ताहाल हैं।

(6) GST का गलत इम्प्लीमेंटेशन और नोटबंदी भी बेरोज़गारी बढ़ाने में सहायक हुआ है।

स्पष्ट तौर पर जब सरकार को यह ही नहीं पता है कि प्रदेश में कितने लोग बेरोजगार हैं और उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या है ? तो उनके लिए उनकी योग्यतानुसार नौकरी की व्यवस्था कर पाना सरकार के लिए संभव नहीं है।

सरकार द्वारा शिक्षित युवाओं को इस प्रकार नजरअंदाज इसलिए किया जा रहा है क्योंकि शिक्षित बेरोजगारी से निबटने के लिए कोई ठोस कानून या प्रवधान नहीं है। ऐसे में मनरेगा की ही भांति एक ऐसे कानून की बेहद आवश्यकता है जो शिक्षित युवाओं को रोजगार दिला सकने में सक्षम हो। इस क़ानून के तहत किसी भी व्यक्ति की पढाई पूरी करने के 3 माह के भीतर सरकार उसे नौकरी मुहैया कराये, अन्यथा उसे स्किल्ड लेबर की न्यूनतम मजदूरी के बराबर (9360/- नौ हजार तीन सौ साठ रूपये) का बेरोजगारी भत्ता दिया जाय, जब तक कि उसे रोज़गार न मिल जाए।

बेरोजगार सेना ने इस कानून की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाया हुआ है। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इन मांग पत्रों को मुख्यमंत्री को दिया जाएगा। यदि उसके बाद भी सरकार इस कानून को लागू नहीं करती है तो इस आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान बेरोजगार सेना के अशोक शर्मा, संजय मिश्रा, प्रदीप नापित, आसुतोष तिवारी, नरेंद्र सिंह, सपाक्स के हिमांशु शुक्ल, समाज सेवी मुनीन्द्र तिवारी, वीरेन्द्र तिवारी, अंबुज तिवारी समेत सैकड़ो बेरोजगार युवा उपस्थित रहे ।

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