जीवाजी विश्वविद्यालय के मैनगेट पर कर्मचारियों ने की तालाबन्दी

320 By 7newsindia.in Fri, Mar 9th 2018 / 23:30:56 मध्य प्रदेश     

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में चल रही हड़ताल के दौरान कॉलेज में होने वाली परीक्षाएं हड़ताल के चलते टल सकती है। हड़ताल होने के कारण जीवाजी विश्वविद्य़ालय का कामकाज प्रभावित होने लगा है और विभागों में सन्नाटा पसरा हुआ है। विश्वविद्यालय के कर्मचारी और अधिकारी अपनी मांगों को लेकर प्रशासनिक भवन के बाहर धरना, प्रदर्शन कर रहे है जिससे दूरदराज से आने वाले विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करते हुए वापस लौटना पड़ रहा है। प्रशासननिक भवन और सभी एसओएस पर लटकाये ताले जीवाजी विश्वविद्यालय के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कर रहे हड़ताल के चौथे दिन कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन के आलावा सभी एसओएस डिपार्टमेंटों पर तालाबन्दी कर दी जिससे विश्वविद्यालय की कक्षायें और परीक्षा की व्यवस्था बुरी से तरह से लड़खड़ा गयी है। कर्मचारियों की मांगें आकस्मिक निधि और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को तत्काल नियमित किया जायें। जबकि मप्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा नियमित करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नियमितीकरण के प्रकरण को अनाधिकृत रूप से रोक दिया गया है विश्वविद्यालयीन कर्मचारियों को राज्य सरकार कर्मचारियों की तरह पे पेंशन का भुगतान किया जाये। केन्द्रीय कर्मचारियों विश्वविद्यालयीन कर्मचारियों/पेंशनरों को 7वॉ वेतनमान प्रदान किया जाये। विश्वविद्यालयों के लिये तृतीय श्रेणी, तकनीकी श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत किये जायें। दूरराज से आने वाले छात्र हो रहे हैं परेशान। जीवजी विश्वविद्य़ालय में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर डटे हुए हैं जिसके चलते विश्वविद्य़ालय में गोपनीय विभाग से लेकर सभी कार्य प्रभावित होने लगे हैं। दूरदराज से आने वाले विद्यार्थियों को वापस लौटना पड़ रहा है तो वहीं विश्वविद्य़ालय में परीक्षा कार्य भी प्रभावित होता आ रहा है। हड़ताली कर्मचारियों को मनाने के लिए कुलपति और कुलसचिव प्रयास कर रहे हैं लेकिन कर्मचारी नेताओं का कहना है कि पिछले बार की गई हड़ताल के दौरान जो आश्वासन दिया गया था उन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया है। शासन ने भी मार्च 2017 में की गई हड़ताल को यह कहते हुए खत्म करा दिया था कि एक माह के अदंर निराकरण हो जाएगा लेकिन पूरा एक वर्ष बीतने के बाद भी अब तक न तो बैठक तय हुई और न ही कोई निराकरण। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अब तो आश्वासन नहीं ठोस कदम उठाएं।

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर