विन्ध्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद ग्राहकों के अधिकारों के प्रति सत्त तत्पर - हरीष

758 By 7newsindia.in Wed, Mar 14th 2018 / 14:12:11 मध्य प्रदेश     

15 मार्च अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 
संजीव मिश्रा सीधी,
उपभोक्ता के विभिन्न हितों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाया जाता है, वहीं हर साल 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस भी मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य उभोक्ताओं या ग्राहकों को उनके हितों के लिए बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और उसके अंतर्गत आने वाले कानूनों की जानकारी देना है।
विन्ध्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के अध्यक्ष हरीष मिश्रा ने बताया कि बाजार में होने वाली जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावटी सामग्री का वितरण, अधिक दाम वसूलना, बिना मानक वस्तुओं की बिक्री, ठगी, नाप.तौल में अनियमितता, गारंटी के बाद सर्विस प्रदान नहीं करने के अलावा ग्राहकों के प्रति होने वाले अपराधों को देखते हुए  जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। जिसके माध्यम से हर एक उपभोक्ता को सीधे तौर पर लाभ पहुॅचाने का प्रयास किया जाता है, प्राप्त जानकारी के आधार पर पहली बार अमेरिका में रल्प नाडेर द्वारा उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत की गई, जिसके फलस्वरूप 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण पर पेश किए गए विधेयक पर अनुमोदन दिया। इस विधेयक में चार विशेष प्रावधान थे जिसमें . उपभोक्ता सुरक्षा के अधिकार, सूचना प्राप्त करने का अधिकार, उपभोक्ता को चुनाव करने का अधिकार और सुवनाई का अधिकार शामिल था। बाद में इसमें और अधिकारों को जोड़ा गया।
अमेरिका के बाद भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत 1966 में मुंबई से हुई थी। 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद अनेक राज्यों में उपभोक्ता कल्याण हेतु संस्थाओं का गठन किया गया और यह आंदोलन बढ़ता गया। 9 दिसंबर 1986 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पारित किया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बार देशभर में लागू हुआ। इसके बाद 24 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
<उपभोक्ता की मदत हेतु सदैव तत्पर -
हरीष मिश्रा अध्यक्ष विन्ध्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद ने बताया कि ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा हेतु परिषद के द्वारा सत्त नि:शुल्क रूप से सेवा प्रदान की जाती है जिसके माध्यम कई ऐसे उपभोक्ता लाभॉन्वित हो चुके है जो कि धोखा धडी के शिकार होने के बाद इधर उधर वर्षो तक मशक्त किये किन्तु पूरी तरह से निराशा ही हाथ लगी किन्तु केश को उपभोक्ता न्यायालय में पेश करने पर त्वरित रूप से ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित व शीघ्र न्याय दिलाया गया, साथ ही बताया गया कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो कि सेवा के बदले शुल्क दे वो एक उपभोक्ता कहलाता है और उस उपभोक्ता की मदत हेतु विन्ध्य उपभोक्ता परिषद सदैव तत्पर रहती है।
त्वारित न्याय देने में अग्रणी उपभोक्ता न्यायालय -
बाजार के माध्यम से क्रय करने वाले किसी भी वस्तु पर धोखा धडी का शिकार होने पर जहॉ न्यायालय में कई वर्षो तक मामला पंजीवद्व होकर चलता रहता है वहीं उपभोक्ता न्यायालय के माध्यम से त्वारित न्याय देने में अग्रणी साबित हो रही है। साथ ही ग्राहको के हितों की रक्षा हेतु कई उपयोगी कानून बनाये गये हैं जिसमें ग्राहक सूचना का अधिकार कानून के तहत सभी वस्तुओं और सेवाओं की सामग्री मूल्य प्रदर्शन और गुणवत्ता के बारे में पूरी तरह से जानकारी लेना व पूरी तरह से संतुष्ट होने का अधिकार प्राप्त करता है। 

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