रामनवमी पर मंदिरों में उमडी भक्तों की भींड

454 By 7newsindia.in Mon, Mar 26th 2018 / 07:10:57 मध्य प्रदेश     

सीधी : चैत्र राम नवॅमी पर जिले के प्रसिद्व देवी मंदिरों में भक्तों की भींड उमडी, सुबह से ही भक्तगण मंदिरों में पहुॅच कर माता रानी के दर्शन करने के साथ ही पूजा अर्चना करने में जुटे रहे सुबह करीब नौ बजे घोघरा देवी मंदिर में इतनी भींड हुई की पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पडी। भक्तों को कतार में खडा कर दर्शन कराया गया वहीं विभिन्न धार्मिक आयोजन एवं पारंपरिक संस्कार भी किये गये घोघरा के अलावा लौआ देवी मंदिर, शमरदइन, बैनाकुण्ड, झदवा देवी चुरहट, स्थानीय गायत्री मंदिर, दुर्गा मंदिर, फूल मती मंदिर अमहा, एवं बटौली काली माता मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में पूरे दिन भक्तों की भींड बनी रही। ज्ञात हो कि रामनवमी के पर्व पर भगवान श्रीराम की शोभा यात्रा भी निकाली गई वहीं भक्तगणों द्वारा उत्साह दिखाते हुए भगवान श्रीराम के जैकारे लगाये गये रविवार को दुर्गा अष्ठमी एंव श्रीराम नवमीं का पर्व एक साथ मानते हुए पूरे उत्साह के साथ पूजा अर्चना करने के साथ ही शोभा यात्रा के नगर भ्रमण के दौरान भक्तगणों ने बढ चढ कर हिस्सा लिये।

 
 
रामजानकी मंदिर में हुआ विशाल भंडारा
रामनवमी के दिन भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में स्थानीय रामजानकी मंदिर में बडे ही धूम धाम के साथ भव्य कार्यक्रम का अयोजन किया गया जिसमें भाग लेने के लिये दूर दूर से भक्तों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। विगत कई दिनों से लगातार चल रहे पाठ का रविवार को दोपहर बाद समापन किया गया उसके पश्चात गुरू भाईयों के द्वारा  प्रसाद वितरण व विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, वहीं मंदिर के पुजारियों द्वारा राम जन्मोत्सव पर दिल खोल कर भक्तों के बींच फल फूल मिष्टाान का वितरण किया गया एवं  रंग गुलाल उडाया गया।
 
 
घोघरा माई के चरणों का अक्षत पड़ते ही जिंदा हो जाता है बकरा
घोघरा देवी मंदिर की एक प्रमुख मान्यता यह भी है कि भक्तजन अपनी मुराद पूरी हो जाने पर माता के चरणों में बकरा भेंट करने का प्रण लेते हैं। जैसे ही मुंह मांगा वरदान पूरा हो जाता है तो श्रद्धालु बकरा लेकर मंदिर पहुंचते है, और उसे पुजारी के द्वारा माता को समर्पित कर देते है। पुजारी उस बकरे को घोघरा देवी के चरणो में छोड देता है, जहां बकरा मुर्छित होकर गिर जाता है, ऐसा माना जाता है कि माता के बकरे की बलि को स्वीकार कर लिया है। कुछ देर बाद जब मंदिर के पुजारी द्वारा देवी मां के चरणों से फूल और अक्षत उठाकर मुर्छित पडे बकरे के उपर डाला जाता है तो वह बकरा उठ खडा होता है। यह चमत्कार देखकर श्रद्धालुओं में माता के प्रति अपार श्रद्धा और विश्वास है। 
 

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