बिना अनुमति बन रहे भवन, नगर पालिका को हो रही राजस्व हानि

344 By 7newsindia.in Tue, May 15th 2018 / 19:10:09 मध्य प्रदेश     

सीधी। जिले के नगरीय क्षेत्र में दर्जनों नवीन भवन बन रहे हैं, लेकिन इनमें से नाम मात्र के ही निर्माणकर्ताओं ने भवन बनाने की अनुमति लेने की दिशा में पहल की है। जिसकी मुख्य वजह मध्य प्रदेश शासन की गाईड लाईन के विरूद्व एक ही जिले मे विगत कई वर्षो से कर्मचारी कार्यरत हैं ऐसा नहीं कि इनका स्थानांतरण नहीं हुआ किन्तु पैसों व राजनैतिक पहुॅच का फायदा उठाते हुए स्थनिय कर्मचारियों द्वारा अपना स्थानांतरण स्थगित करा लिया जाता है। जिसकी मुख्य वजह शायद पैसों  व घर परिवार का मोह हो सकता है। आप को बताते चलें कि सीधी नगर पालिका में पदस्थ उत्तरदायी अधिकारी, कर्मचारी ज्यादातर स्थानिय हैं जो कि इन कुर्सियों में आसीन होकर अपने चाहने वालों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से  लाभांवित करते हैं । जिसका सबसे बडा प्रमाण नगर पालिका को हो रहे लगातार राजस्व हानि के ऑकडो को देख कर लगाया जा सकता है। नपा कर्मचारी अपने मुख्य कार्यो से इस कदर विमुख हो चुके है कि शहर में बने दर्जंनों भवन जिनका सिर्फ मासिक किराया न जमा होने के कारण लाखों रू० से भी अधिक पहुॅच गया है किन्तु आज दिनांक तक नपा केवल कागजी घोडे दौडाने के सिवाय वास्तविक धरातल पर कोई भी उचित व दण्डात्मक कार्यवाही नहीं क्रियान्वित कर पाई है। 

 

 
नियमों की अनदेखी कर हो रहा निर्माण  -
नगर पालिका क्षेत्र में मध्य प्रदेश शासन की गाईड लाईन को शिथिल करते हुए निजी स्वार्थो को प्राथमिकता दी जा रही है जिसका जीता जागता प्रमाण वर्तमान परिवेश को देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि  नवीन भवन निर्माण की प्रकृया में अनापत्ति प्रमाण पत्र के बगैर ही शहर वासी कई मंजीला इमारतें खडी कर रहे है और नपा पूरी तरह से मूक बधिर बनी हुई है। नगर पालिका की अनदेखी ने हालात ऐसे बना दिए हैं कि पक्की इमारतें भी बिना अनुमति व नियमों के विपरीत धड़ल्ले से बन रही हैं, जो कि नपा के लिये आगे चल कर बड़ी परेशानी का शबब बन सकती है। नगर के मॉडल प्लान की पूरी तरह अनदेखी करते हुए शहरी क्षेत्र में सैकडों भवन बिना अनुमति और नियमों के विपरीत बनते जा रहे हैं। स्थिति यह है कि नगर प्रशासन इन हालातों से खुद को बेखबर बताते हुए खुद के बचाव करते हुए नजर आ रहा है।
 
सरकारी भवनों के निर्माण में नहीं ली अनुमति 
जिला मुख्यालय में अब तक सैकडों मकान और कार्यालय निर्माण नगर पालिका के अंतर्गत भूमि पर हुए लेकिन एक भी भवन निर्माण की अनुमति सरकारी कार्यालय एजेंसी या सरकारी विभाग से नहीं ली गई। वहीं नगर में नाममात्र चंद मकान मालिकों ने नगर पालिका से मकान बनाने की अनुमति ली, इससे नगर पालिका को लाखों की आमदनी हुई। लेकिन अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधि भी नगर पालिका की इस आमदनी को बढ़ाने से बचते रहे।
 
राजनीतिक संरक्षण बना रोड़ा -
जानकारी के अनुसार रसूखदारों की पहुंच के कारण निकाय अमला ढीला पड़ जाता है। सूत्रों की मानें तो कुछ कार्रवाई तो मैदानी स्तर के अमले द्वारा ही रफा दफा कर दी जाती है। अब इसका कारण तो स्पष्ट नहीं, लेकिन अमूमन लोग राजस्व अमले पर निजी स्वार्थ पूर्ति के ही आरोप लगाते हैं।
 
ऐसा ही एक मामला कुछ समय पूर्व मेन रोड पर बन रहे कॉम्प्लेक्स की शिकायत हुई जांच में पाया गया कि बिना अनुमति के कॉम्प्लेक्स निर्माण हो रहा था। अब तक अवैध के जुर्माना वसूली की कार्रवाई का खुलासा नहीं हो पाया।
 
साफ सफाई के अभाव में बीमॉरिया बढने का खतरा बढा -
मिली जानकारी के अनुसार कई वार्डो में साफ सफाई केवल दीवाली दशहरा के समय ही होती है जिसके चलते गंदी नालियों का पानी जाम होने से कई संक्रामक बीमारियॉ अपने पैर पसारती हैं, ऐसा हालात नगर पालिका क्षेत्र के कई वार्डो में देखने को मिल रहें है, जहॉ घरों के आस.पास की नालियों का गंदा पानी भरा हुआ है।  प्लॉट का तो यह आलम है सालभर से इस खाली प्लॉट में पानी भरा हुआ है। बदबू आती है अब सोचने की बात यह है कि गर्मी का मौसम आ गया है। इसमें तरह.तरह के कीडे और मच्छर पैदा होंगे, जिससे आसपास के लोगों को बीमारियों का खतरा बना रहता है।
 

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर