सड़कों पर सजती हैं दुकानें, व्यापारियों पर समझाइस हुई वेअसर

304 By 7newsindia.in Wed, May 16th 2018 / 21:55:25 मध्य प्रदेश     

जिले की यातायात व्यवस्था हुई लचर, पुलिस भी बनी मूक बधिर
सीधी । कुछ समय पूर्व तक बच्चों को समझाया जाता था कि ध्यान दें, इसके बाद सड़कों पर चलें। हमेशा अपनी बांई ओर चलें, सफर करने के दौरान हमेशा फुटपाथ का सहारा लें आदि कई जानकारियां हर बुजुर्ग अपने घर में देते थे। ऐसा नहीं कि इसका फायदा नहीं होता था। ऐसी सॉवधानियां लोगों द्वारा अपनाई भी जाती थी। लेकिनए इन दिनों उक्त उत्तियों को किसी का नजर लग गई है। दादा.दादी, माता.पिता व स्कूल प्रबंधक अब ऐसी जानकारियां देना कम कर दिए हैं। हो भी क्यों नहीं जब फुटपाथ हैं ही नहीं तो ऐसी जानकारी किस काम की। सड़कों की सड़को पर अतिक्रमण का बाजार गर्म रहता है। कई बार तो बच्चे यह भी कह देते हैं कि फुटपाथ तो है ही नहीं। सड़कों के बगल में छोटी से लेकर बडी.बडी गाडिय़ा लगी रहती हैं। छोटे दुकानदार की बात तो दूर चारों ओर बड़े दुकानदारों ने फुटपाथ के साथ.साथ आधी सड़क को अतिक्रमण कर रखा है। शहर के गॉधी चौराह से लेकर सब्जी मंडी के चौतरफा यही हाल है। सड़कों पर दुकाने पसरी है। आने.जाने वाले राहगीर काफी मशक्कत के बीच तंग गलियों से गुजरने को विवश हैं।

सड़कों पर लगता है अवैध स्टैंड-
शहर के बीचों बीच गांधी चौक के समीप सब्जी मंडी के पीछे तथाकथित समाज सुधारक व राजनैतिक संरक्षण प्राप्त व्यापारी के ट्रक बारह माह यातायात व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए खडे रहते हैं। जिसके चलते तंग गलियों से पैदल निकल पाना भी मुश्किल हो जाता है। लोगों की मानें तो कोई भी नया यातायात प्रभारी शहर में पदस्थ होता है तो एक बार समझाईस देने के लिये जाता है किन्तु सत्ता पक्ष का राजनैतिक दबाब इतना अधिक रहता है कि यातायात प्रभारी को मॉफी मॉग कर वापस आना पड जाता है, तभी तो लोग दबी जुबान में कहने को मजबूर हो जाते हैं कि सॅईया भयें कोतवाल तो डर काहे का। आधा दर्जन से अधिक माल बाहक गाडी यहां लगभग हर समय रोड पर लगी रहती है। हाल यह है कि कई बार लोगों को जाम में फंसना पडता है।

सजी हैं सड़को पर दुकानें -
अस्पताल चौक से गॉधी चौक तक तो रोड चौडी होने के कारण यातायात ज्यादा अवरूद्व नहीं होता है किन्तु गाँधी चौक से शहर का सबसे व्यस्तम मार्ग कहे जाने सब्जी मंडी मार्ग व पुराने बस स्टैंड मार्ग पर चौरफा दुकानदारोंं द्वारा किया गया अतिक्रमण पूरे शहर वासियों की यातायात व्यवस्था को हिला के रख दिया है। 

कई दुकाने अदंर कम और सड़कों पर अधिक सजी हुई है। दोनों तरफ के फुटपाथ व नाली को अतिक्रमण करने के बाद भी सड़कों तक अपनी दुकानों को फैला कर रखा है। ये लोग माल को अनलोड व लोड करने के लिए मनमाने ढग़ से सडक पर गाडी लगा कर रखते हैं। यही हाल फूलमती माता मंदिर से मस्जिद तक व कोतवाली रोड पर लगभग एक जैसा महोल देखने को मिलता है।

नगर पालिका है दोषी -
शहर के लोग अतिक्रमण से परेशान हैं। लेकिन, नगर पालिका प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह कहा जा सकता है कि संबंधित अधिकारी अतिक्रमणकारियों के सामने घुटना टेक दिए हैं।


पुलिस नहीं कर रही है कार्रवाई -
अप्रैल माह में कुछ हिन्दू संगठनों द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक से मिल कर जाम का पूरा हाल बताया गया था, जिस पर पुलिस अधीक्षक द्वारा ठोस कदम उठाते हुए त्वरित रूप से कार्यवाही करने का आश्वशन भी दिया गया था। जिसका परिणाम यह देखने को मिला कि यातायात प्रभारी जेबी सिंह एवं नगर निरीक्षक राम बाबू चौधरी द्वारा संयुक्त रूप से सड़कों पर उतर कर समझाइस देने को मजबूर हो गये। सड़कों पर फैले अतिक्रमण का सफाया करने के मकशद से शायद हर अतिक्रमणकारी दुकानदार से व्यक्तिगत अनुरोध कर अतिक्रमण न करने की समझाइस भी दी गई किन्तु एक हप्तें के अदंर ही सारी समझाइस बेअसर प्रतीत होने लगी। पुलिस द्वारा उचित व दण्डात्मक कार्यवाही न करने के कारण अवैध अतिक्रमण कारियों के मानों हौंसले ही बुलंद हो गये हों, ऐसे में पुलिस पर से लोगों का भरोसा खत्म होता नजर आ रहा है। हालात यहां तक पहुंच गई है कि पुलिस गाड़ी के जाने के बाद भी कोई अतक्रमणकारी सड़क से सामान नहीं हटाते हैं।



इनका कथन -
प्रशासन चाहे तो दो मीनट में शहर अतिक्रमण मुक्त हो जाएगा। लेकिन, उनके लिप्त रहने के कारण ऐसा होना संभव नहीं है, शायद यही कारण है कि नगर पालिका अपने पाले से बाल यातायात पुलिस के पाले में डाल कर बच जाती है और यातायात पुलिस द्वारा बल कम होने का दुखड़ा रोया जाता है और वो भी अपने दायित्वों से इतिश्री कर लेते है। भुक्त भोगी हर हाल में स्थानिय नागरिकों को होना पड़ रहा है
।। मुकेश गुप्ता, उपाध्यक्ष भारत रक्षा मंच सीधी।।

छुट भैया नेता हर जगह पर हावी है। वे लोग अतिक्रमणकारियों के पीछे खडे होकर मनोबल बढ़ाने व प्रशासन पर दबाव बनाने का काम करते हैं। प्रशासन अगर मन व दिल से चाह ले तो शहर की सूरत बेहतर हो जाएगी।

।। शुरेन्द्र मणि दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता।।


ऐसे बचाना होगा फुटपाथ जिससे लोग एक मिशाल के रूप में लें सबसे से पहले तो हर मोहल्ले में हो समाज की बैठक, प्रशासन के खिलाफ  हो आंदोलन,  अतिक्रमणकारियों को करें जागरूक, फुटपाथ पर सड़क निर्माण एजेंसी करे गौर, नेताओं के पास रखें समस्या साथ ही समस्त हिन्दू संगठनों से आग्रह है कि शहर की मुख्य समस्या के रूप में इसे लेकर प्रशासन के कंधे से कंधा मिला कर चले तब जा कर कहंीं वास्तविक धरातल पर समस्या से निजात मिल पायेगी।

सुषमा मिश्रा, शिक्षिका, दक्षिण करौंदिया

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