फर्जी पत्रकारों पर मिशन आल आउट प्रारंभ

1322 By 7newsindia.in Wed, Oct 10th 2018 / 12:32:08 मध्य प्रदेश     

गरिमा को ठेस पहुॅचाने वालों को किसी भी सूरत में वक्सा नहीं जायेगा -सूर्यकान्त
संजीव मिश्रा
सीधी l पत्रकारिता को बदनाम करने वाले व अपराधियों को संरक्षण देने वाले पत्रकारों पर अब होगी पुलिस की पैनी निगाहें, प्रेस लिखी अवैध गाडयि़ा होंगी सीज, फर्जी आई डी प्रेस कार्ड लेकर बसूली करने वालों की होगी जांच, कई फर्जी पत्रकारों का होगा गोरखधंधा बंद ये सब सुनने में भले ही थोड़ा सा असहज लग रहा है किन्तु वास्तविकता के धरातल पर मिशन आल आउट जिले में प्रारंभ कर दिया गया है। सूर्यकान्त शर्मा अति० पुलिस अधीक्षक ने चर्चा के दौरान बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में जिले में कानून व्यवस्था में कसावट लाने की मंशा आम जन के विश्वास को यथावत बनाये रखने के लिये जिला पुलिस बल पुरी तरह से कार्यरत है जिसके वेहतर परीणाम मिलना प्रारंभ हो गये हैं ।

 
जिले में इन दिनों फर्जी पत्रकार बनने और बनाने का गोरखधंधा तेजी से बढ़ता जा रहा है, जानकारों की मानें तो सड़कों पर दिखने वाली हर बीसवीं गाड़ी में से एक गाड़ी या मोटर साईकिल में प्रेस या पुलिस लिखा दिखता नजर आ जाएगा, कई शहरों में तो पुलिस ने ऐसे फर्जी पत्रकारों के गैंग सहित उनकी बिना कागजात वाली गाडयि़ां भी सीज करनी शुरू कर उनके फर्जी आई डी व प्रेस कार्ड के आधार पर मुकदमा भी लिखना शुरू कर दिया है, ये फर्जी पत्रकार अपनी गाडयि़ों में बड़ा बड़ा प्रेस का मोनोग्राम तो लगाते ही हैं साथ ही फर्जी आई डी कार्ड भी बनवाकर अधिकारियो व लोगो को रौब में लेने का प्रयास भी करते है। कुछ संस्थाए तो ऐसी है जो 1000 रूपये से लेकर 5000 हजार रूपये जमा करवाकर अपने संस्थान का कार्ड भी बना देती है और बेरोजगार युवकों को गुमराह कर उन्हें बसूली की परमीशन देती है लेकिन पकडे जाने पर वो संस्थायें भी भाग खड़ी होती हैं। लगातार बढ़ती फर्जी पत्रकारों की संख्या से न सिर्फ छोटे कर्मचारी से लेकर अधिकारी परेशान हैं बल्कि खुद समाज व सम्मानित पत्रकार भी अपमानित महसूस नजर आते है। कुछ फर्जी पत्रकारों ने तो अपनी गाडयि़ों के आगे पीछे से लेकर वीआईपी विस्टिंग कार्ड भी छपवा रखे है जो लोग पुलिस की चेकिंग के दौरान उनको प्रेस का धौस भी दिखाते है गाड़ी रोकने पर पुलिसकर्मी से बत्तमीजी पर भी उतारू हो जाते है इनमे से तो बहुत से ऐसे पत्रकार है जो पेशे से तो भूमाफिया और रेत के अवैध कारोबारीयों के सहयोगी या अपराधी है। ऐसे लोगों पर न जाने कितने अपराधिक मुक़दमे भी दर्ज हैं लेकिन अपनी खंचाड़ा गाड़ी से लेकर वीआईपी गाड़ी पर बड़ा बड़ा प्रेस मीडिया छपवा कर मीडिया को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन अब ऐसे पत्रकारों को चिन्हित कर पुलिस विभाग के साथ साथ सम्मानित पत्रकार संघ ऐसे फर्जी पत्रकारों को सलाखों के पीछे पहुँचाएगा जो पत्रकारिता के चौथे स्तम्भ को बदनाम कर रहे हैं और ये कार्यवाही कई जिलों में शुरू हो गयी है। 
 
 
पडऱा भेजने की तैयारी जोरों से -
पत्रकारिता के नाम पर अपराधी किस्म के लोग पुलिस से बचने के बजाय अब जाएंगे जेल। इस कार्यवाही से फर्जी पत्रकार होंगे बेनकाब और अपराध मे भी आयेगी कमी। पत्रकार या जिला प्रमुख केवल वह ही अपने वाहन पर लिख सकता है प्रेस जिसका नाम जन सूचना अधिकारी, जनसंपर्क विभाग की लिस्ट में जुड़ा हो। जिला अधिकारी का साईन हुआ लैटर भी लगा होना चाहिये। बताते चले कि कुछ तो ऐसे तथाकथित अपने को पत्रकार बताकर थाना, कोतवालियो मे सुबह से पहुँच कर देर रात दरोगा व कोतवाल के पास बैठ कर आनेवाले पीडित लोगों से काम करवाये जाने के नाम पर धन वसूली करते हुए देखे जा सकते है जब कि ऐसे लोगों का दूर.दूर तक पत्रकारिता क्षेत्र से कोई लेना देना नहीं है जो अपना लिखा हुआ खुद नहीं पढ सकते है तो वह पत्रकारिता कैसे कर सकते है यह एक सोचनीय विषय है। इस मामले मे पुलिस के उच्चधिकारियो को कार्यवाही करने शक्त आवयकता है।
 
 
कोरेक्सी बने पत्रकार -
जिले में वर्तमान समय में नव युवकों में कुछ इस कदर पत्रकार बनने का शौक दिख रहा है। पत्रकारों की साख पर बट्टा लागने के उद्देश्यों से एंव पत्रकारिता के उद्देश्यों से पूरी तरह से विमुख होकर चन्द रूपयों में ही पत्रकार का आई डी कार्ड सहजता के साथ उपलब्ध करा लेते है। हद तो तब हो गई जब कोरेक्सी जो कि सुबह से ही नशे की आगोश में शमा जाते है उनके जेब से भी पत्रकार का आई डी कार्ड निकल रहा है। ऐसा ही वाक्या कोतवाली पुलिस के सामने शुक्रवार को देखने को मिला जब नव पदस्थ एस आई अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे थें उसी दौरान संदेह होने पर पत्रकार होने का आई कार्ड जॉच हेतु मॉगा गया किन्तु इसी बात पर काफी कहा सुनी हो गई। जिस पर कोतवाली पुलिस द्वारा विवेचना के आधार पर दोषी पाये जाने पर दण्डात्मक कार्यवाही कारित की जायेगी।
 
इनका कथन -
भारतीय संविधान का पालन न करने वालों पर मिशन आल आउट गतिशील है, इसी तारतम्य में कई फर्जी पत्रकार एवं पुलिस पर नियमन कार्यवाही कर दण्डित किया जा रहा है। विगत दो दिन के अन्दर कार्यवाही के दौरान  कई चौकानें वाले तत्थयों का खुलासा हो रहा है, उससे भी बडा दुर्भाग्य यह है कि दोषियों को छुड़ाने के लिये सफेद पोश सबसे पहले सामने आते है, जो समाज के लिये काफी सर्मशार विषय है। 
।। जे०बी०सिहं, यातायात प्रभारी सीधी।।
 
सीधी पुलिस पूरी तरह से निष्पक्ष हो कर भारतीय संविधान के नियमों का उलंघन करने वालों पर नकेल कसने हेतु यर्थाथ के धरातल पर कार्यरत है, जिस में सफलता मिलना प्रारंभ हो गई है, कई ऐसे संदिग्ध लोग भी जॉच के दौरान पाये गयें हैं जो कि दण्डनीय अपराधों की श्रेणी में आते हैं। भारतीय संविधान द्वारा बनाये गये निमयों की अवहेलना व गरिमा को ठेस पहुॅचाने वालों को किसी भी सूरत में वक्सा नहीं जायेगा फिर चाहे नियम तोडने वाला शक्त कोई भी क्यों न हो। 
।। सूर्यकान्त शर्मा अति० पुलिस अधीक्षक सीधी।।
 

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