प्रशासन की शह पर मिलावटी खाद्य पदार्थो की विक्री जोरों पर

प्रतिदिन सार्वजनिक स्थलों में दूध में पानी का होता है खेल, खाद्य एवं औषधि विभाग दायित्व निर्वहन में असफल
संजीव मिश्रा
सीधी l जिले में इन दिनों दूध से लेकर फल व सब्जी तक में रसायन का प्रयोग अब आम हो चुका है। कम मेहनत और अधिक लाभ के चक्कर में दूधिए से लेकर सब्जी व फल व्यवसायियों तक ने बेखौफ रसायन का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। धड़ल्ले से हो रहे रसायन प्रयोग ने एक तरफ जानवरों व खेतों को नुकसान पहुंचाया है तो दूसरी तरफ यह मनुष्य के शरीर को भी क्षति पहुंचा रहे हैं। जानकारों की मानें तो सब्जी मंडी के आस पास बने फल गोदामों में बेधड़क हो कर प्रतिदिन फलों व सब्जीयों में रसायन व मिलावट खोरी की जाती है, ऐसा भी नहीं कि जिला प्रशासन इन बातों अवगत नहीं है किन्तु फलों एवं सब्जी के गोदाम मालिक तथाकथित सत्ता धारी पार्टी का बहुत ही करीबी है शायद इसी कारणवश कार्यवाही हेतु प्रशासन हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। वहीं अगर बात दूध के व्यापारियों की करें तो खाद्य एवं औषधि विभाग की पंगु व्यवस्था के चलते इनके हौसले इतने बुलंद है कि प्रतिदिन निश्चित स्थल पर सार्वजनिक रूप से दूध में पानी एवं पानी में दूध का खेल खेला जाता है, वहॉ से निकलने वाले राहगीर भी किसी प्रकार की टीका टिप्पड़ी नहीं करते है क्यों कि शायद उनका सोचना है कि मुझे क्या मतलब।ऑक्सीटोसिन से हो रहा शारीरिक परिवर्तन -फल, सब्जी, दूध व मांस मछली के प्रयोग पर अब आम आदमी को काफी सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि वह जिसे पोषक व शरीर के लिए लाभदायक मानकर सेवन करने जा रहा है वह उनके शरीर को बेहद नुकसान भी पहुंचा सकता है बल्की यूॅ कहें कि आये दिन लोग परेशान होकर चिकित्सकीय परामर्श भी ले रहे हैं। बल्की दुषपरिणाम ऐसे भयावह देखने को मिल रहे हैं जिसकी आम जन कभी कल्पना भी नहीं की होगी।जिले के मेडिसीन एक्सपर्ट डाक्टरों की एक मत राय भी चौकानें वाली सामने आयी है कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन दुधारू मवेशियों को दी जाती है किन्तु उसका प्रभाव दूध में भी मौजूद रहता है। जिसका सीधा असर अजकल के बालक बालिकाओं एवं किशोरावस्था पर देखने को मिल रहा है कि लगातार इस प्रकार के दूध का उपयोग होने पर हारमोन्स में सीधा असर होता है और समय के पूर्व ही शरीर के अंगो में काफी परिवर्तन होना प्रारंभ हो जाता है। बल्की यॅू कहें कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का प्रयोग दुधारू मवेशियो पर होने के कारण बालिकायें शारीरिक रूप से समय के पूर्व जवान हो जाती है। कितने शर्म की बात है किआज तक समाज के अग्रणी समाजिक संगठन या समाज सुधारकों द्वारा विरोध के स्वर प्रखर नहीं हो पायें।जान के साथ खिलवाड़ बना पैसा कमाने का जरिया -दूध हो या फिर हरी सब्जी अथवा मांस मछली सभी में आजकल ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का प्रयोग होने लगा है। किसान कम समय में अपने उपज को तैयार करने व लाभ कमाने के चक्कर में इसका प्रयोग कर रहा है तो दूधिया दूध निकालने में इसका प्रयोग धड़ल्ले से कर रहा है। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का प्रयोग आमतौर पर गाय व भैंसों में बच्चा जनने के समय प्रयोग किया जाता है लेकिन दूध का व्यवसाय करने वाले दूधियों द्वारा अपने लाभ के लिए आज कल इसका धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है। दूधिए इसका प्रयोग तब करते हैं जब गाय अथवा भैंस व अन्य दुधारु पशु के बछड़े की मृत्यु हो जाती है। इसी तरह व्यावसायिक खेती करने वाले किसान भी ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का प्रयोग सब्जियों में कर रहे हैं। किसानों द्वारा लगभग अधिकांश सब्जियों में इसका प्रयोग हो किया जा रहा है। मनुष्य के शरीर पर इसके नुकसान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके प्रयोग से सब्जियां मात्र चार से पांच घंटों में ही बढ़ जाती हैं।गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय दी जाती है दवागर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय दिए जाने के कारण ऑक्सीटोसिस की बिक्री पर धारा 26 ए के तहत कोई प्रतिबंध नहीं है। दुधारू जानवरों से ज्यादा और जल्दी दूध निकालने के लिए किया जाने वाला इसका प्रयोग अवैध उपयोग के दायरे में आता है। इसकी रोकथाम के लिए ही क्रूरता एक्ट के तहत पशुपालन विभाग की शिकायत पर धरपकड़ की कार्रवाई फूड सेफ्टी एंड ड्रग अथॉरिटी ;एफएसडीएद्ध स्तर पर होती है। आक्सीटोसिस इंजेक्शन की बिक्री सिर्फ डिजिटल प्लास्टिक पैकिंग में किए जाने का प्रावधान है। एम्पल फार्म में बिकने वाले ऑक्सीटोसिस इंजेक्शन की रोकथाम को भी समय समय पर कार्रवाई की जाती है।प्रतिबंधित है इंजेक्शनऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसकी बिक्री करने पर सजा का प्रावधान है। इंजेक्शन के दुरुपयोग को देखते हुए यह किया गया है। प्रतिबंध के चलते केमिस्टों ने इसे रखना बंद कर दिया लेकिन परचून की दुकानों पर इसकी सेल शुरू हो गई है। इसके अलावा दूध की डेयरियों पर भी यह इंजेक्शन उपलब्ध है। हैरानी की बात तो यह है कि इंजेक्शन वाइल प्लास्टिक में है और वाइल पर कोई रेपर नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में यह शीशी 30 रुपए में धड़ल्ले से बेची जा रही है।दूध में पानी या पानी में दूध -जिलेवासी अगर दूधियों से दूध लेकर अपने बच्चों को हष्ट पुष्ट बनाने का सपना देख रहे हैं तो उनका यह सपना शायद ही पूरा हो पाए शहर में आधे से अधिक है जो दिए निर्धारित मानक से कम मानक का दूध शहरवासियों को उपलब्ध करवा रहे हैं शहर में आपूर्ति किए गए जाने वाले दूध का दूध शुद्ध नहीं रहा है शहर सहित गांव से साइकिल, मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहन, और चौपहिया वाहन पर गली.गली दूध की आपूर्ति करते नजर आते हैं। इनमें से कई दूध वाले लोगों को निर्धारित से कम मानक दूध उपलब्ध करवा रहे हैं दूध में पानी मिलाकर उसकी आपूर्ति कर रहे हैं दूध में पानी की मिलावट का धंधा लंबे समय से चल रहा है। दूध ही अकेला ऐसा पदार्थ है जो लगभग हर घर में इस्तेमाल किया जाता है और जिसमे अकसर मिलावट होती है। ऐसे में दूध असली है या नकली कई बार इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है। डेली यूज के लिए दूध हर घर की जरूरत है। यह हर घर में इस्तेमाल किया जाता हैए इसमें अक्सर मिलावट की शिकायतें आती रहती हैं। ऐसे में दूध असली है या नकली कई बार इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है। पर कुछ ट्रिक्स हैं, जिनके जरिए कोई भी अपने घर में दूध में मिलावट का पता लगा सकता है। इन तीन तरीकों से तैयार होता है नकली दूध जैसे की दूध में खराब पानी मिलाकर, दूध में यूरिया जैसे नुकसानदेह केमिकल मिलाकर, सिंथेटिक और दूसरी चीजों से केमिकल दूध तैयार करना।कैसे बनाया जाता है सिंथेटिक दूध. सिंथेटिक दूध बनाने के लिए सबसे पहले उसमें यूरिया डालकर उसे हल्की आंच पर उबाला जाता है।. इसके बाद इसमें कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट, सोडा स्टार्चए फॉरेमैलिन और वाशिंग पाउडर मिलाया जाता है।. इसके बाद इसमें थोड़ा असली दूध भी मिला दिया जाता है।ऐसे करें असली और नकली में पहचान -. असली दूध स्टोर करने पर अपना रंग नहीं बदलता, नकली दूध कुछ वक्त के बाद ही पीला पडऩे लगता है. अगर असली दूध में यूरिया भी हो तो ये हल्के पीले रंग का ही होता है। वहीं अगर सिंथेटिक दूध में यूरिया मिलाया जाए तो ये गाढ़े पीले रंग का दिखने लगता है।. असली दूध को हाथों के बीच रगडऩे पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती। वहीं नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी।
Similar Post You May Like
-
तीन दिन से सीधी में बाघ का दहशत - आधा दर्जन से ज्यादा कर चुका है हमला
वन कर्मी गांवों में पहुंचकर लोगों को बाघ की आवाजाही के प्रति सचेत कर रहे हैं सीधी संजय टाइगर रिजर्व दुबारी का क्षेत्र दूर-दूर तक फैला हुआ है। दुबरी अभयारण्य और संजय राष्ट्रीय उद्यान सीधी और शहडोल जिलों की सीमा से लगे बफर जोन में हैं। जो पूर्व में गोपद नदी और पश्चिम में बनास नदी से घिरा हुआ है। उक्त क्षेत्र में बाघों के अलावा कई अन्य जंगली जानवर भी पाए जाते हैं। जिसके कारण समय-स
-
नगर परिषद का बाबू रिश्वत लेते हुआ गिरफ्तार, लोकायुक्त की कार्यवाही
सीधी। शुक्रवार की दोपहर रिश्वत लेते हुए लेखापाल रंगेहॉथों हुआ गिरफ्तार, नगर पालिका परिषद में निर्मित हुआ अफरा तफरी का महौल। बताया गया कि 25.10.2024 को आवेदक अभिमन्यु सिंह निवासी ग्राम चंदैनिया तहसील चुरहट जिला सीधी की शिकायत पर आरोपी विष्णु राम शर्मा बड़े बाबू प्रभारी लेखापाल नगर परिषद चुरहट जिला सीधी को रिश्वत राशि 6500 रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। बताया गया कि आरोपी का का
-
मृतक सोनू बंसल के परिजनों को उपलब्ध कराई गई आर्थिक सहायता
------ जिला प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही ------- थाना कोतवाली के अपराध क्र. 826/2020 दिनांक 9.11.2020 में अनुसूचित जाति वर्ग के सदस्य श्री सोनू बंशल मृतक के हत्या के प्रकरण में धारा 302 सहित विभिन्न धाराओं एससीएसटी एक्ट अन्तर्गत जिला कलेक्टर द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये जिला स्तरीय राहत समिति जिसमें जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक जिला सीधी के द्वारा आदिम जाति कल्याण विभा
-
कोतवाली प्रभारी राजेश पाण्डे ने अमन वर्मा आत्महत्या की गुत्थी सुलझाई आत्महत्या के लिए उकसाने वाला गिरफ्तार
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन तथा मार्गदर्शन में कोतवाली सीधी प्रभारी उनि0 राजेश पाण्डेय तथा टीम द्वारा, आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपी पारस कुमार वर्मा पिता दिनेश वर्मा उम्र 42 वर्ष निवासी करोदिया सीधी को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया।दिनांक 1 जून 2020 को फरियादी रामकृष्ण उर्फ आकाश वर्मा पिता राजकुमार वर्मा उम्र 29 वर्ष निवासी उत्तरी करौंदिया थाना कोतवाली ने थाना आकर रि
-
नवागत पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में सीधी ने लहराया परचम सीसीटीएनएस कार्यवाही में जमोड़ी थाना एक नम्बर मध्यप्रदेश में कोतवाली तीन नम्बर पर
सीधी। सीधी जिले में नवागत पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत आते ही अपराध पर अंकुश लगाते हुए अपराधियों की धरपकड़ एवं सीसीटीएनएस कार्यवाही पर सभी थाना प्रभारियों को लगातार निर्देशित करते रहे जिसका नतीजा यह रहा कि सीधी जिला मध्यप्रदेश में कार्यवाही में अपना परचम लहराया आपको बता दें कि सीधी जिले का जमोड़ी थाना मध्यप्रदेश में सीसीटीएन एस कार्यवाही में नंबर एक पर वही थाना कोतवाली तीन नंबर प
-
कलेक्टर श्री चौधरी ने किया ध्वजारोहण ------ जिला वासियों को दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
सीधी कलेक्टर श्री रवींद्र कुमार चौधरी ने 15 अगस्त "स्वतंत्रता दिवस" के अवसर पर कलेक्ट्रेट कार्यालय में ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। उन्होंने सभी को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं। इसके उपरान्त कलेक्ट्रेट सभागार में स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के अवसर पर लाल परेड ग्राउंड भोपाल पर आयोजित राजकीय समारोह से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के स
-
8 वर्षों से लगातार फरार चल रहा स्थाई वारंटी चढ़ा कोतवाली पुलिस सीधी के हत्थे
हत्या के साथ साथ कई अन्य संगीन धाराओं के तहत था आरोपी अधीक्षक सीधी पंकज कुमावत के कुशल निर्देशन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीधी अंजुलता पटले तथा एसडीओपी आर एस पांडेय के कुशल मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कोतवाली उपनिरीक्षक राजेश पाण्डेय के_ नेतृत्व में , 08 वर्षों से लगातार फरार चल रहे आरोपी लक्ष्मण केवट पिता कौशल केवट उम्र 26 वर्ष निवासी खैरा कोतवाली ,को गिरफ्तार कर न्य
-
पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत की टीम ने मारी बाजी गायब हुए लोहे से लदे ट्रक को जमोड़ी पुलिस ने किया बरामद
पुलिस अधीक्षक सीधी, अति. पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में तथा उप पुलिस अधीक्षक सीधी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी जमोड़ी अभिषेक सिंह परिहार एवं जमोड़ी पुलिस टीम द्वारा दिनांक 02/08/20 की रात्रि को गायब हुए ट्रक एम.पी.65जी.ए.1228 जिसमे लोहे की सरिया और जी.आई. तार लोड था दिनांक 07/08/20 को अनपरा (जिला सोनभद्र, उ.प्र.) से माल और मुलजिम सहित बरामद किया I दिनांक 30/07/20 को उक्त ट्रक का चालक प्रवेश या
-
कोरोना को लेकर शहर में विभिन्न पॉइंट चिन्हित कर जारी है चालानी कार्यवाही और समझाइस का दौर, एसडीओपी मुख्यालय रमाशंकर पांडेय करते रहे लगातार निगरानी
कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्क लगाने 2 गज दूरी बनाने और सेनीटाइजर का उपयोग करने संबंधी हिदायतें देने के लिए पुलिस और राजस्व के अमले का संयुक्त अभियान जारी है। इसी बीच मास्क ना लगाने वाले और यातायात नियमों का पालन ना करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध शहर के विभिन्न प्वाइंटों को चिन्हित कर चालानी कार्यवाही की गई और समझाइस देकर कोरोना महामारी से लड़ने में सहयोग करने की अपील की गई
-
जमोड़ी पुलिस द्वारा ओवरलोड वाहन क्रमांक M P 53 H A 2129 किया गया जप्त
सीधी -जिले के जमोड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत वाहन क्रमांक एमपी 35H A 2129 ओवरलोड 36 टन माल लेकर जा रहा था जहां चेकिंग के दौरान जमोड़ी पुलिस द्वारा जप्त कर लिया गया है पुलिस द्वारा अग्रिम कार्यवाही की जा रही जमोड़ी थाना प्रभारी अभिषेक सिंह ने बताया कि 25 टन पासिंग वाहन में 36 टन ओवरलोड लेकर जा रहा था जिसे चेकिंग के दौरान जप्त किया गया