निगम में मटीरियल जांच लैब नहीं, क्वालिटी फेल होने के बाद दूसरे विभाग भी कर रहे इनकार

518 By 7newsindia.in Mon, Jul 24th 2017 / 06:11:24 छत्तीसगढ़     

बिलासपुर । नगरीय निकायों में निर्माण कार्यों की जांच से घबराए कई विभागों ने मटीरियल जांच से हाथ खड़े कर लिए हैं। नगर निगम में मटीरियल की जांच की व्यवस्था नहीं है। पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग से अब तक जांच कराई जाती थी। कई बार पीएमजीएसवाई की भी मदद ली गई। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता फेल होने के बाद जांच पर सवाल उठने लगे थे। खबर है कि इससे घबराए कुछ विभागों ने मटीरियल जांच करना बंद कर दिया है। मटीरियल लेकर जा रहे ठेकेदारों को कहा जा रहा है कि अपने ही विभाग का बोझ अधिक है। नगर निगम को मटीरियल जांच के लिए नई एजेंसी तलाशनी पड़ रही है। पालीटेक्निक में जांच की सुविधा है लेकिन सालों से यहां सैपल भेजना बंद कर दिया गया था। निगम ने अब फिर से पालीटेक्निक से जांच के लिए मदद मांगी है। अधिकारियों का कहना है कि कोशिश है कि यही जांच हो जाए। पालीटेक्निक कालेज से बात नहीं बनी तो रायपुर, बिलासपुर से जांच करानी पड़ेगी। कई ठेकेदार बात कर रहे हैं। निगम में जांच की व्यवस्था नहीं होने के कारण ऐसी स्थिति बन रही है। यह ऐसी समस्या है जिससे निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
सालाना तीन अरब का बजट लेकिन 10 लाख का लैब नहीं बना पाए, हर बार फंड नहीं मिलने का रोना
निगम द्वारा पिछले कई सालों से सेंट्रल लैब के लिए बजट में प्रावधान किया जा रहा है लेकिन फंड नहीं मिलने के कारण इस पर अमल नहीं हो रहा है। निर्माण कार्यों में क्वालिटी की शिकायत को देखते हुए इसके लिए सालों से मांग की जा रही है। लैब तैयार होने से मटीरियल की जांच हो सकेगी लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। तीन अरब के इस साल के बजट में फिर से सेंट्रल लैब के लिए प्रावधान किया गया है। पिछले साल नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मोबाइल वैन से कामों की जांच कराई गई थी।
अपनी सुविधा से रिपोर्ट ले आते हैं ठेकेदार अपनी सुविधा से रिपोर्ट ले आते हैं ठेकेदार
शिकायत रही है कि निगम में काम कर रहे कई ठेकेदार अपनी सुविधा से कहीं से भी रिपोर्ट ले आते हैं और बिल पास कर दिया जाता है। इससे निर्माण कार्यों की क्वालिटी नहीं सुधर रही है। पिछले सालों में बनी सड़कें इसी समस्या के कारण टूट चुकी है। निगम में लैब जरूरी है हालांकि अधिकारियों का कहना है कि थर्ड एजेंसी से जांच से निष्पक्षता बनी रहती है। एक ही साल अंबिकापुर सहित संभाग में निकायों में हुए कामों की जांच में 24 से अधिक काम फेल हुए हैं।

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर