MP : सड़कें कहीं नहीं,सिर्फ गड्ढे

395 By 7newsindia.in Mon, Jul 24th 2017 / 07:24:48 राष्ट्रीय समाचार     

दिग्विजय सिंह के समय मध्यप्रदेश सड़कों के लिए बदनाम था। सड़कें कहीं थी नहीं,सिर्फ गड्ढे। उमा भारती ने उन्हें बंटाढार नाम दिया था। इन 13 बरसों में भाजपा ने प्रदेश की जनता को तीन मुख्यमंत्री दिए लेकिन,उमा भारती अब नहीं कहतीं कि प्रदेश का बंटाढार कर दिए। लेकिन सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि मध्यप्रदेश गड्ढे में है। हर साल गड्ढों की वजह से 3070 दुर्घटनाएं होती है। जाहिर है कि सरकार की लापरवाही से सड़क हादसे हो रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर 13 साल तक भाजपा सरकार क्या प्रदेश की जनता को सिर्फ भाषणों में खुश करती रही। काम कुछ नहैं की। किया तो ऐसा कौन सा काम किया कि प्रदेश की हर जनता पर 15 हजार 788 रूपए का कर्ज है। फिर भी देश में सबसे बुरी सड़कें मध्यप्रदेश की है। शिवराज तो मध्यप्रदेश को नंबर एक का प्रदेश बनाने की बात करते आए हैं। उनका नंबर भोपाल के किस ताल में डूब गया?जिस प्रदेश में सड़के नहीं है तो फिर, समृद्धि के रास्ते का मार्ग कैसे प्रशस्त होगा। इसलिए कि सड़कें है तो व्यापार है। व्यापर है तो उद्योग है। 

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उद्योग है तो धन है। लेकिन उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के विधान सभा क्षेत्र रीवा में भी सड़कें खेत बन गई है। लोग वहां धान रोप कर बताया कि यहां सड़कें मर गई है। शिवराज की तरह राजेन्द्र शुक्ला भी रीवा को प्रदेश का नंबर एक का जिला बनाने की बात अपने हर भाषण में कहते हैं। पिछले दिनों फर्जी तरीके से समग्र स्वच्छता का पुरस्कार यहां की मेयर ममता गुप्ता दिल्ली से लेकर आ गई। इनकी सरकार है तो कोई भी पुरस्कार ले लो। जबकि एक भी वार्ड स्वच्छ नहीं हैं। मोदी किसी भी वार्ड में भ्रमण कर लें तो उनके मुख्यमंत्री,मंत्री और मेयर की कलई खुल जाए। झूठी बातें,झूठे वायदे,झूठा विकास,झूठी योजनाएं शर्मसार करती हैं। अगले साल चुनाव हैं, कैग की रिपोर्ट मध्यप्रदेश सरकार की बखिया उधेड़ देंगी। बड़ी दुर्दशा है संभागीय मुख्यालय रीवा की। यहां से ऊर्जा और उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला आते हैं,जिन पर सरकारी जमीनें बिल्डर को बेच देने का आरोप है।सड़कें,बिजली,सफाई,पानी बुनियादी चीजों का अभाव है। क्या ये जनता के गुनहगार नहीं है,जो पिछले 13 साल से भाषणों में विकास के पेड़ लगाते आ रहे हैं। सवाल यह है कि इनकी घंटी जनता कब बजाएगी।

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