पनामा केस में पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ दोषी करार, दिया इस्तीफा

346 By 7newsindia.in Fri, Jul 28th 2017 / 11:55:25 राष्ट्रीय समाचार     

पनामा पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने पद से इस्तीफा दे दिया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें दोषी करार दिया है। जस्टिस आसिफ सईद खोसा की अगुआई वाली पांच जजों की बेंच ने शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने शरीफ व पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार को भी पद के लिए अयोग्य ठहराया है। इसके अलावा कोर्ट ने नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो को इस मामले का निपटारा 6 हफ्तों के अंदर करने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि तीन बार पाकिस्तान के PM रहे नवाज और उनके परिवार पर करप्शन और मनी लांड्रिंग जैसे आरोप हैं।
पांच जजों की बेंच में जस्टिस आसिफ सईद खोसा, जस्टिस एजाज अफजल खान, जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस शेख अजमद सईद और जस्टिस इजाजुल अहसान शामिल थे। शरीफ के खिलाफ यह फैसला सुप्रीम कोर्ट रूम नं. 1 में सुनाया गया।  इस केस में पिटीशन दाखिल करने वाले आवामी मुस्लिम लीग चीफ शेख राशिद, जमात-ए-इस्लामी के चीफ सिराजुल इस्लामी हक के कोर्ट में मौजूद थे।  तनाव की आशंका देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आसपास सिक्युरिटी टाइट कर दी गई है। इस्लामाबाद पुलिस और पंजाब रेंजर्स समेत अन्य फोर्सेज के करीब 3 हजार जवान तैनात किए गए हैं।

 

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डिफेंस मिनिस्टर बन सकते हैं अंतरिम पीएम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवाज शरीफ को पीएम पद से हटाए जाने के बाद उनके छोटे भाई और पंजाब के सीएम शहबाज शरीफ के पीएम बनने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, शाहबाज पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य नहीं हैं। इसके चलते उन्हें पीएम बनने के लिए चुनाव लड़ना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स में पीएमएल-एन के एक लीडर के हवाले से बताया जा रहा है कि शाहबाज के उप-चुनाव में चुने जाने तक डिफेंस मिनिस्टर ख्वाज आसिफ को 45 दिनों के लिए अंतरिम पीएम की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
लंदन में खरीदी थीं प्रॉपर्टीज
पनामा मामले की जांच कर रही 6 मेबर्स वाली जेआईटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एजाज अफजल की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अपना फैसला 21 जुलाई को सुरक्षित रख लिया था। इससे बाद सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया. जस्टिस एजाज अफजल की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.  रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 में पीएम के तौर पर अपने दूसरे टेन्योर में शरीफ की फैमिली ने लंदन में प्रॉपर्टीज खरीदी थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि शरीफ और उनके बच्चों की लाइफस्टाइल उनकी आय सोर्स से कहीं ज्यादा थी। जेआईटी ने रिपोर्ट में इनके खिलाफ करप्शन का नया केस दायर करने की सिफारिश की है।  हालांकि, शरीफ ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए जेआईटी की रिपोर्ट खारिज कर दी है। शरीफ फैमिली के लंदन के 4 अपार्टमेंट से जुड़ा मामला उन 8 मामलों में शामिल है जिनकी नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने दिसंबर 1999 में जांच शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल को दिए अपने फैसले में जेआईटी से कहा था कि वह लंदन फ्लैट्स की खरीद में की गई पैसों की हेराफेरी की जांच करे शरीफ परिवार की गल्फ स्टील मिल, कतारी लेटर, ऑफशोर कंपनियों और अन्य मामलों में कोर्ट ने 12 सवाल भी पूछे थे।

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क्या है पनामा पेपर्स लीक?
पिछले साल ब्रिटेन से लीक हुए टैक्स डॉक्युमेंट्स बताते हैं कि कैसे दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया। इनमें नवाज शरीफ का भी नाम शामिल है। इन सेलिब्रिटीज ने शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉरपोरेशन बनाए और इनके जरिए टैक्स बचाया। लीक हुए डॉक्युमेंट्स खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास में हुए इन्वेस्टमेंट के बारे में बताते हैं। सवालों के घेरे में आए लोगों ने इन देशों में इन्वेस्टमेंट इसलिए किया, क्योंकि यहां टैक्स रूल्स काफी आसान हैं और क्लाइंट की आइडेंडिटी का खुलासा नहीं किया जाता।   पनामा में ऐसी 3.50 लाख से ज्यादा सीक्रेट इंटरनेशनल बिजनेस कंपनियां हैं।


नवाज और उनके परिवार पर क्या आरोप लगे?
नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन के अलावा बेटी मरियम नवाज ने टैक्स हैवन माने जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में कम से कम चार कंपनियां शुरू कीं। इन कंपनियों से इन्होंने लंदन में छह बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदी। शरीफ फैमिली ने इन प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया। इसके अलावा, दूसरे दो अपार्टमेंट खरीदने में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने उनकी मदद की।  नवाज और उनके परिवार पर आरोप है कि इस पूरे कारोबार और खरीद-फरोख्त में अनडिक्लियर्ड इनकम लगाई गई।


कैसे सामने आया नाम?
शरीफ की विदेश में इन प्रॉपर्टीज की बात उस वक्त सामने आई जब लीक हुए पनामा पेपर्स में दिखाया गया कि उनका मैनेजमेंट शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं।

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