बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति के हिसाब से मिलेगा मध्याह्न भोजन

473 By 7newsindia.in Fri, Jul 28th 2017 / 14:16:27 प्रशासनिक     

सरकारी स्कूलों में बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति के हिसाब से मध्याह्न भोजन की सप्लाई की जाएगी। इसके लिए एनआईसी ने सॉफ्टवेयर तैयार किया है। जिसमें प्रत्येक स्कूल में उपस्थित होने वाले बच्चों की जानकारी प्रतिदिन फीड करना होगी। जिसके हिसाब से नागरिक आपूर्ति निगम खाद्यान्न की सप्लाई करेगा। यह जानकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने गुरुवार को जिला एवं जनपद पंचायतों के अध्यक्षों व सीईओ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी।  प्रदेश में मध्याह्न भोजन का सालाना बजट 4 हजार करोड़ रुपए है। योजना में घोटाले के कारण सरकार को कई बार कठघरे में खड़ा होना पड़ा है। अब सिस्टम ऑनलाइन किया जा रहा है। मध्याह्न भोजन को लेकर जब बात हुई तो खरगौन जिला पंचायत के अध्यक्ष ने कहा कि बच्चों के लिए मिल्क पावडर भेजा जाता है। उसके पैकेट में अंकित एक्सपायरी डेट को लेकर भी विवाद की स्थिति बनती है। लिहाजा बच्चों के लिए ताजा दूध खरीदने के अधिकार पंचायत को दिए जाएं। इससे स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा। इस दौरान अपर मुख्य सचिव आरएस जुलानिया ने पंचायतों के सीईओ से विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत पर चर्चा की। 

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गैस-बर्तन खरीदने के लिए

        मिलेंगे 5-5 हजार रुपए 
भार्गव ने कहा कि मध्याह्न भोजन तैयार करने के लिए सभी पंचायतों में गैस-बर्तन खरीदने के लिए एक मुश्त 5-5 हजार रुपए दिए जाएंगे। राज्य में करीब एक लाख किचन हैं, जहां पर बच्चों के लिए भोजन पकाया जाता है। कई पंचायतों से किचन में सुविधाओं की कमी की शिकायत की जा रही थी। इसके परीपेक्ष्य में भार्गव ने यह घोषणा की।

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