तिरंगा हमारे लिए पवित्र, महबूबा का बयान बेतुका : केंद्र

293 By 7newsindia.in Sat, Jul 29th 2017 / 16:33:25 राष्ट्रीय समाचार     

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती के तिरंगा पर बयान की आलोचना की है। पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा, "मुफ्ती का बयान बेतुका और बहुत चौंकाने वाला है। तिरंगा हमारे लिए पवित्र है। यह जम्मू-कश्मीर में उतना ही ऊंचा लहराएगा जितना किसी और राज्य में। सत्ता में होने के चलते कोई इसका दुरुपयोग नहीं कर सकता।" बता दें कि शुक्रवार को महबूबा ने कहा था कि अगर कश्मीर के लोगों को मिले विशेषाधिकारों से छेड़छाड हुई तो यहां तिरंगा हाथ में थामने वाला कोई नहीं मिलेगा। न्यूज एजेंसी के मुताबिक जितेंद्र सिंह ने कहा, "हम सभी को देश के कानून का सम्मान करना चाहिए और एजेंसियों को उनकी समझ के हिसाब से बेहतर काम करने की इजाजत देनी चाहिए।"

ख़ास बातें

  • "मुफ्ती का बयान बेतुका और बहुत चौंकाने वाला है। तिरंगा हमारे लिए पवित्र है। यह जम्मू-कश्मीर में उतना ही ऊंचा लहराएगा जितना किसी और राज्य में : राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह 
  • शुक्रवार को महबूबा ने कहा था कि अगर कश्मीर के लोगों को मिले विशेषाधिकारों से छेड़छाड हुई तो यहां तिरंगा हाथ में थामने वाला कोई नहीं मिलेगा 


"मुफ्ती का बयान बेतुका और बहुत चौंकाने वाला है। तिरंगा हमारे लिए पवित्र है। यह जम्मू-कश्मीर में उतना ही ऊंचा लहराएगा जितना किसी और राज्य में : राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह 

शुक्रवार को महबूबा ने कहा था कि अगर कश्मीर के लोगों को मिले विशेषाधिकारों से छेड़छाड हुई तो यहां तिरंगा हाथ में थामने वाला कोई नहीं मिलेगा

महबूबा ने क्या कहा था?

सीएम महबूबा ने शुक्रवार को आर्टिकल 35A को खत्म करने के लिए हो रही कोशिशों पर कहा था, ''एक ओर तो हम कश्मीर मुद्दे को कानून के दायरे में सुलझाने की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर इसे कोड़े मार रहे हैं। इसे (संविधान के आर्टिकल 35A को चुनौती) कौन और किस लिए कर रहा है? मैं कहना चाहती हूं कि मेरी (PDP) और दूसरी पार्टियां (नेशनल कॉन्फ्रेंस) यहां (जम्मू-कश्मीर में) जान हथेली पर लेकर तिरंगा साथ लेकर चलती हैं। मुझे इसमें कोई शक नहीं कि अगर ऐसा हुआ तो राज्य में तिरंगा हाथ में थामने वाला कोई नहीं बचेगा।''

''एक बात और साफ कर देना चाहती हूं कि आर्टिकल 35A और 370 को चुनौती देकर आप अलगाववादियों को टारगेट नहीं कर सकते। उनका एजेंडा अलग है, सिर्फ लोगों को अलग करने का। आप उन लोगों की ताकत को कमजोर कर रहे हैं, जो भारतीय हैं और जिनका भरोसा देश के साथ है। वो लोग चुनाव में हिस्सा लेते हैं और जम्मू-कश्मीर में एक सम्मान की जिंदगी जीना चाहते हैं। इसके बाद भी कई बार कभी आर्टिकल तो कभी स्टेट फ्लैग का मुद्दा उठाया जाने लगता है।''

जेडीयू ने किया सपोर्ट

बिहार में एनडीए अलायंस में शामिल जेडीयू ने महबूबा के बयान का सपोर्ट किया है। जेडीयू लीडर केसी त्यागी ने कहा, "हम महबूबा जी के बयान का समर्थन करते हैं, आर्टिकल 370 को खत्म करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए, नहीं तो देश मुश्किलों में घिर जाएगा।"

आर्टिकल को SC में दी गई है चुनौती

एनजीओ 'वी द सिटिजंस' ने आर्टिकल 35A को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए 2014 में पिटीशन लगाई थी। एनजीओ ने इसे कानूनी तौर पर खत्म करने की मांग की है। अब कोर्ट ने इसे सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच के पास भेजा है। 

पिटीशन में कहा गया है कि आर्टिकल को संसद में पेश नहीं गया, बल्कि इसे सीधे राष्ट्रपति के ऑर्डर से लागू कर दिया गया। इसे 1954 में लागू किया गया, जब देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने संविधान के आर्टिकल 370 में जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष अधिकार के तहत इसका ऑर्डर जारी किया था।

आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर से बाहर का कोई नागरिक राज्य में अचल संपत्ति (जैसे- जमीन या घर) नहीं खरीद सकता है। बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी पर भी नहीं रखा जा सकता है। राज्य के जनप्रतिनिधियों (MLA-MPs) को स्थाई बंगला, कई खास अधिकार और सुविधाएं मिलती हैं।

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर