डेथ सर्टिफिकेट के लिए 1 अक्टूबर से मांगा जाएगा आधार, नहीं हुआ तो आवेदक के साथ जीवनसाथी या माता-पिता का आधार नंबर देना होगा

453 By 7newsindia.in Sat, Aug 5th 2017 / 07:39:41 प्रशासनिक     

नई दिल्ली| किसी व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए अब पहचान के तौर पर आधार नंबर मांगा जाएगा। अगर मृतक का आधार नंबर नहीं है तो डेथ सर्टिफिकेट का आवेदन करने वाले के साथ-साथ मृतक के जीवनसाथी या अभिभावक का भी आधार नंबर लिया जाएगा। साथ ही आवेदक को यह लिखकर देना होगा- 'मेरी जानकारी के अनुसार मृतक का आधार नहीं बना था'। यह व्यवस्था 1 अक्टूबर से लागू होगी। सरकार का दावा है कि मृत्यु का रजिस्ट्रेशन आधार से जोड़ने से पहचान संबंधी धोखाधड़ी रुकेगी। नई व्यवस्था के लिए गृह मंत्रालय के तहत आते रजिस्ट्रार जनरल ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी किया। राज्यों से 1 सितंबर तक तैयारी करने को कहा है। 

साथ ही लिखकर देना होगा- मेरी जानकारी के अनुसार मृतक का आधार नहीं बना था 


आवेदन के वक्त आधार मांगा जाएगा, लेकिन अभी अनिवार्य नहीं किया 

क्या डेथ सर्टिफिकेट के लिए भी अब आधार नंबर को अनिवार्य कर दिया गया है? 

सरकार का दावा है कि डेथ सर्टिफिकेट के लिए आधार अनिवार्य नहीं है। इसे आधार से जोड़कर पहचान संबंधी धोखाधड़ी रुकेगी। ढेर सारे कागज जमा नहीं करने होंगे। मृतक के रिश्तेदारों, आश्रितों व अन्य के ब्योरे की सच्चाई पता चलेगी। 
मेरे दादाजी अंतिम समय में बेड पर हैं। तो क्या मृत्यु पूर्व उन्हें आधार बनवाने ले जाएं? 
ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। नई व्यवस्था में साफ जिक्र है कि मृतक के आधार नंबर की जानकारी नहीं होने पर डेथ सर्टिफिकेट लेने गए व्यक्ति को लिखकर देना होगा- 'मेरी जानकारी के अनुसार मृतक के पास आधार नहीं था।' इसके अलावा डेथ सर्टिफिकेट का आवेदन करने वाले व्यक्ति के साथ ही मृतक की पत्नी/पति या किसी अभिभावक का आधार नंबर भी लिया जाएगा। 
मर चुके व्यक्ति का आधार नंबर नहीं होने के बारे में कोई गलत जानकारी दे तो? 
गलत जानकारी देना अपराध होगा। पकड़े गए तो कार्रवाई हो सकती है। 
मेरा आधार नहीं है। मेरी मृत्यु पर मेरे परिवार को बीमा जैसे लाभ मिलेंगे या नहीं? 
बीमा जैसे बेनिफिट्स के लिए डेथ सर्टिफिकेट जरूरी होता है। अभी ऐसा कुछ नहीं है कि आधार के बिना डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा। पात्रता के अनुसार परिवार को सभी लाभ मिलेंगे। 
क्या यह फैसला देशभर में लागू होगा? 
अभी जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय के निवासी दायरे से बाहर हैं। इनके लिए तारीख बाद में घोषित होगी। बाकी पूरे देश के निवासियों पर यह नियम लागू होगा। 

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