जेपी इंफ्राटेक दिवालिया घोषित होगी, आइडीबीआइ बैंक की याचिका पर नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल का फैसला

475 By 7newsindia.in Fri, Aug 11th 2017 / 05:33:52 प्रशासनिक     

इलाहाबाद : राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल) इलाहाबाद ने आइडीबीआइ बैंक की याचिका मंजूर करते हुए जेपी इंफ्राटेक कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। अधिकरण ने चार्टर्ड एकाउंटेंट अनुज जैन को इसके लिए प्रस्ताव बनाने को अधिकृत किया है। अधिकरण के आदेश से नोएडा व ग्रेटर नोएडा सहित दिल्ली-एनसीआर में कंपनी द्वारा विकसित की जा रही आवासीय कॉलोनियों पर ग्रहण लग गया है। 1अधिकरण ने बैंक की याचिका को मंजूर करते हुए ‘इंवाल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड’ के तहत प्रस्ताव तैयार कर पेश करने का निर्देश दिया है।

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बैंक ने अधिकरण में यह याचिका 526 करोड़ 11 लाख 40 हजार 827 रुपये बकाये का भुगतान न करने पर कोड की धारा-7 के तहत इसी साल जून में दाखिल की थी। अधिकरण ने आदेश की प्रति उन सभी वित्तीय संस्थानों (जिन्होंने इस कंपनी में निवेश/ऋण दिया है) को भी भेजने का निर्देश दिया है। 1नौ अगस्त से आदेश प्रभावी: अधिकरण के न्यायिक सदस्य एचपी चतुर्वेदी ने आदेश में कहा है कि यह व्यवस्था नौ अगस्त से प्रभावी होगी और तब तक जारी रहेगी जब तक दिवालिया प्रस्ताव तैयार नहीं हो जाता या अधिकरण इस संबंध में कोई आदेश नहीं पारित कर देता। 1अधिकरण ने जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ कोई नया सिविल वाद दायर करने या लेन-देनदारी को लागू करने पर रोक लगा दी है। कहा है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सर्फेसी एक्ट के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यह उपबंध केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय क्षेत्र नियामक की अनुमति लेकर कोई भी लेन-देन करने को बाधित नहीं करेगा। अधिकरण ने सीए अनुज जैन को इंवाल्वेंसी एक्ट के तहत प्रस्ताव तैयार करने के लिए अधिकृत किया है। साथ ही कंपनी के प्रबंधतंत्र व देनदारी रखने वाले अन्य किसी भी संस्थान या व्यक्ति को इस कार्रवाई में सहयोग करने का आदेश दिया है। अधिकरण ने अनुज जैन को कंपनी की संपत्ति की कीमत को सुरक्षित रखने व कॉरपोरेट जगत में बंधक संपत्ति को मंगाने का भी अधिकार दिया है। 1आवासीय कॉलोनियों पर ग्रहण: जेपी बिल्डर्स नोएडा व ग्रेटर नोएडा में 32 हजार आवासीय फ्लैट बना रहा है। इसके आवास अलीगढ़, आगरा और गौतमबुद्ध नगर में पांच टाउनशिप की बड़ी परियोजना पर काम किया जा रहा है। अधिकरण के इस आदेश से कंपनी की सभी योजनाओं पर ग्रहण लग गया है। इस ग्रुप से आवासीय कॉलोनियों में फ्लैट खरीदने का सौदा करने वाले हजारों ग्राहकों की रकम भी फंस गई है।’ नोएडा में जेपी इंफ्राटेक के पास 885 एकड़, जबकि जिले में जेपी के नाम 2471 एकड़ भूमि है।1’ जेपी के निवेशकों की संख्या करीब 32 हजार है। नोएडा में एक कामर्शियल व पांच आवासीय प्रोजेक्ट चल रहे हैं।1’ जेपी का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर करीब 1200 करोड़ रुपये बकाया है।1’ नवंबर 2007 से फरवरी 2010 के बीच जेपी इंफ्राटेक ने अपने सभी प्रोजेक्ट लांच किए। 1’ प्रोजेक्ट को 2011 से 2013 तक पूरा करना था, अब तक कोई एक प्रोजेक्ट भी पूरा नहीं हो सका है।1’ नोएडा प्राधिकरण की डिफाल्टर सूची से जेपी को बाहर रखा गया है।1’ कुछ दिन पहले ही नोएडा प्राधिकरण ने 68 टावरों में करीब नौ का कंप्लीशन भी जारी किया है।1सेक्टर-128 स्थित जेपी विश टाउन ’ जागरणदिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की आरबीआइ की सलाह1जेपी इंफ्राटेक का मामला रिजर्व बैंक की तरफ से पहचान किए गए उन 12 मामलों में शामिल है, जिन पर बैंकों को सलाह दी गई है थी कि वे अधिकरण में दिवालिया प्रक्रिया शुरू करें। इस लिस्ट में जेपी इंफ्राटेक के अलावा मोनेट इस्पात, ज्योति स्ट्रक्चर्स, इलेक्ट्रोस्टील, एमटेक ऑटो, एस्सार स्टील, भूषषण स्टील, भूषण पावर एंड स्टील, लैंको इंफ्राटेक, एबीजी शिपयार्ड, आलोक इंडस्ट्रीज और ईरा इंफ्रा एंड इंजिनियरिंग शामिल हैं।चार अगस्त तक देना था जवाब1जयप्रकाश एसोसिएट्स की जेपी इंफ्राटेक में 71.64 फीसदी हिस्सेदारी है। अधिकरण ने आइडीबीआइ बैंक की तरफ से दाखिल दिवालिया याचिका पर जवाब देने के लिए जेपी इंफ्राटेक को चार अगस्त तक का समय दिया था। 

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